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This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
| 151. |
दो कला-सम्बद्ध एकवर्णी प्रकश पुँज, जिनकी तीव्रतायें I व 4I है, के अध्यारोपण से प्राप्त पुँज में महत्तम व न्यूनतम तीव्रतायें है-A. 5I व IB. 9I व IC. 5I व3ID. 9I व 3I |
| Answer» Correct Answer - B | |
| 152. |
निम्न स्त्रोतों में से कौन-सा सबसे अच्छा एकवर्णीय प्रकाश देता है?A. मोमबत्तीB. बल्बC. मरकरी ट्यूबD. लेजर |
| Answer» Correct Answer - D | |
| 153. |
प्रकश के दो स्त्रोत कला-सम्बन्ध होते है जब उनके द्वारा उत्पन्न तरंगो के-A. तरंगदैधर्य समान होB. तरंगदैधर्य समान होC. तरंगदैधर्य समान तथा प्रारंभिक कला नियत होD. आयाम तथा तरंगदैधर्य समान हो |
| Answer» Correct Answer - C | |
| 154. |
किसी व्यतिकरण प्रतिरूप की फ्रिन्जो में विपर्यास (contrast ) निर्भर करता है-A. फ्रिन्ज अंतराल परB. स्त्रोतों की तीव्रताओं के अनुपात परC. स्लिटो के बीच की दुरी परD. तरंगदैधर्य पर |
| Answer» Correct Answer - B | |
| 155. |
यदि यग के प्रयोग में स्लिट के बीच की दुरी तीन गुनी कर दे तो फ्रिन्जो की चौड़ाई हो जाती है-A. `1/3`गुनीB. `1/9`गुनीC. 3 गुनीD. 9 गुनी |
| Answer» Correct Answer - A | |
| 156. |
`lamda ` तरंग-दैधर्य की दो एकवर्णी प्रकश तरंगो के विनाशी व्यतिकरण के लिये पथान्तर होना चाहिये (n पूर्णक है )-A. `n lamda`B. `n(lamda+1)`C. `(2n+1)lamda//2`D. `((n+1)lamda)/(2)` |
| Answer» Correct Answer - C | |
| 157. |
I तीव्रता का एक संकीर्ण एकवर्णी प्रकाश पुंज चित्रानुसार काँच की एक प्लेट पर आपतित होता है। प्रत्येक प्लेट इस पर आपतित `25%` प्रकाश को परावर्तित तथा शेष को पारगमित के देती है। प्रत्येक प्लेट से एक परावर्तन के बाद प्राप्त पुंज से निर्मित व्यतिकरण प्रतिरूप में न्यूनतम और अधिकतम तीव्रता का अनुपात ज्ञात कीजिए । |
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Answer» पहली प्लेट पर आपतित प्रकाश AB की तीव्रता I है। प्रत्येक प्लेट प्रकाश के `25%` भाग को परावर्तित तथा शेष `75%` भाग को पारगमित करती है। अतः प्लेट I द्वारा परावर्तित प्रकाश BC की तीव्रता `I_(1)=I" का "25%=(25)/(100)I=(1)/(4)I` प्लेट II पर आपतित प्रकाश की तीव्रता = I का `70%` `=(75)/(100)I=(3)/(4)I` अतः प्लेट II द्वारा परावर्तित प्रकाश की तीव्रता `=(3)/(4)I` का `25%` `=(3)/(4)Ixx(25)/(100)=(3)/(16)I` पुनः प्लेट I से पारगमित प्रकाश EF की तीव्रता `I_(2)=(3)/(16)I" का "75%` `=(3)/(16)Ixx(75)/(100)=(9)/(64)I` `therefore" "(I_("min"))/(I_("max"))=((a_(1)-a_(2))^(2))/((a_(1)+a_(2))^(2))=(a_(1)^(2)+a_(2)^(2)-2a_(1)a_(2))/(a_(1)^(2)+a_(2)^(2)+2a_(1)a_(2))` `=(I_(1)+I_(2)-2sqrt(I_(1).I_(2)))/(I_(1)+I_(2)+2sqrt(I_(1).I_(2)))` `=((1)/(4)I+(9)/(64)I-2sqrt((1)/(4)I.(9)/(64)))/((1)/(4)I+(9)/(64)I+2sqrt((1)/(4)I.(9)/(64)I))` `=((25)/(64)-2xx(3)/(16))/((25)/(64)+2xx(3)/(16))=(1)/(49).` |
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| 158. |
व्यतिकरण के प्रयोग में एकवर्णी प्रकाश के स्थान पर श्वेत प्रकाश प्रयोग काने पर हमें प्राप्त होगा-A. पर्दे पर एकसमान प्रकाशB. पर्दे पर एकसमान अँधेराC. समदूरस्थ श्वेत तथा काली पत्तियाँD. कुछ रंगीन पत्तियाँ तथा इसके बाद एकसमान प्रकाश |
| Answer» Correct Answer - D | |
| 159. |
यंग के प्रयोग में यदि एकवर्णी प्रकाश को हटाकर श्वेत प्रकाश प्रयोग किया जाये तो-A. कोई फ्रिन्ज प्राप्त नहीं होगीB. सभी दीप्त फ्रिन्ज श्वेत हो जायेंगीC. सभी दीप्त फ्रिन्जो में बैंगनी तथा लाल के बीच रंग प्राप्त होंगेD. केन्द्रीय दीप्त फ्रिन्ज श्वेत तथा अन्य दीप्त फ्रिन्ज रंगीन प्राप्त होगी |
| Answer» Correct Answer - D | |
| 160. |
यंग के प्रयोग में पीला प्रकाश `(lamda=6000Å)` प्रयुक्त करने पर दृष्टि क्षेत्र में 60 फ्रिन्जे दिखाई पड़ती है|नीला प्रकाश `(lamda=4500Å)`प्रयुक्त करने पर कितनी फ्रिन्जे दिखाई पड़ेगी? |
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Answer» यंग के प्रयोग में फ्रिन्ज की चौड़ाई `beta=(Dlamda)/(d)` माना लाल तथा बैंगनी प्रकाश की तरंग-दैधर्य क्रमशः `lamda_(R)` व `lamda_(V)` तथा दृष्टि क्षेत्र में इनकी फ्रिन्जो की संख्या क्रमशः `n_(1)` व `n_(2)` है अतः दृष्टि क्षेत्र का विस्तार `W=n_(1)((Deltalamda_(R))/(d))=n_(2)((Dlamda_(V))/(d))` `n_(1)lamda_(R)=n_(2)lamda_(V)` `n_(2)=(n_(1)lamda_(R))/(lamda_(V))=60xx(6000Å)/(4500Å)~~80` |
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| 161. |
द्विझिरी प्रयोग में, 600 nm तरंगदैघ्र्य का प्रकाश करने पर, एक दूरस्थ परदे पर बने फ्रिंज़ की कोणीय चौड़ाई `0.1^(º)` है । दोनों झिरियों के बीच कितनी दूरी है ? |
| Answer» Correct Answer - `3.4 xx 10^(-4)m` | |
| 162. |
एकवर्णी प्रकाश स्रोत को श्वेत प्रकाश स्रोत से प्रतिस्थापित करने पर ( प्रत्येक प्रक्रिया में उल्लेखित पैरामीटर के अतिरिक्त सभी पैरामीटर अपरिवर्तनीय है ) । |
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Answer» श्वेत प्रकाश के विभिन्न रंगों के कारण व्यक्तीकरण कला , संबंद्ध रूप से अतिव्यापित होता है । विभिन्न रंगों के लिए केंद्रीय दीप्त फ्रिन्जें एक ही स्थिति में होती हैं अत: यह श्वेत होती हैं । बिंदु p के लिए , `S_(2)P-S_(1)P=(lambda_(b))/(2)(lambda b=4000Å)lambdab` नीले रंग की तरंगदैर्घ्य है । इससे थोड़ा दूर, `S_(2)Q-S_(1)Q=lambda_(b)=(lambda_(r))/(2)` ( जहाँ ,`(lambda r=8000Å)lambdar_(r)`) : लाल रंग की तरंगदैर्घ्य है अर्थात फ्रिंज मुख्यतः नीली होगी । केंद्रीय फ्रिंज श्वेत होगी इसके समीप की फ्रिन्जें लाल रंग की एवं दूर की फ्रिन्जें नीली प्रतीत होती है । कुछ फ्रिंजों के पश्चात कोई स्पष्ट फ्रिंज पैटर्न दिखाई नहीं देगा । |
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| 163. |
( c ) दो झिरियों के बीच दूरी बढ़ाने पर |
| Answer» फ्रिंजों के मध्य की दूरी ( कोणीय दूरी ) घटती है । | |
| 164. |
( e ) स्रोत झिरी की चौड़ाई बढ़ाने पर |
| Answer» स्रोत ( झिरी ) स्लिट की चौड़ाई बढ़ने पर फ्रिंज पैटर्न कम तथा कम स्पष्ट हो जाता है । जब स्रोत स्लिट की चौड़ाई इतनी अधिक हो जाती है तब शर्त`(a)/(s) le (lambda)/(d)` संतुष्ट नहीं होगी तथा व्यतिकरण पैटर्न अनुपस्थित होगा । | |
| 165. |
निम्न स्थितियों का यंग के द्विझिरी प्रयोग के व्यतिकरण पर क्या प्रभाव पड़ेगा ? स्रोत ( झिरी ) स्लिट को द्विस्लिट ( द्विझिरी ) के समतल के समीप लाने पर |
| Answer» माना a स्रोत का आकार है तथा दोनों ( झिरियों ) स्लिटों के तल से दूरी S हो तो व्यतिकरण की शर्त `(a)/(s)lt(lambda)/(d)` संतुष्ट होगी अन्यथा स्रोत के विभिन्न भागों द्वारा उत्पन्न व्यतिकरण अध्यारोपित होंगे जिससे कोइ फ्रिंज दिखाई नहीं देगी । S के घटने पर अर्थात स्रोत स्लिट को और निकट लाने पर व्यतिकरण पैटर्न कम तथा कम तीक्ष्ण प्राप्त होता है तथा जब स्रोत अत्यंत निकट आ जाता है । तब इस शर्त के पूरा होने के लिए फ्रिन्जें गायब हो जाती है तथा जब तक ऐसा होता है फ्रिंज अंतराल नियत रहता है । | |
| 166. |
यंग का द्वि- स्लिट प्रयोग नीले व हरे प्रकाश, जिनके तरंगदैर्ध्य क्रमशः तथा हैं, से किया जाता है। यदि केंद्र से उच्चिष्ठ की दुरी X हो तो -A. `X_("(नीला )")=X_("(हरा)")`B. `X_("(नीला )")gtX_("(हरा)")`C. `X_("(नीला )")ltX_("(हरा)")`D. `(X_("(नीला )"))/(X_("(हरा)"))=(5490)/(4260)` |
| Answer» Correct Answer - C | |
| 167. |
यंग के द्विस्लिट प्रयोग में तरंगदैर्ध्य के दुगुने के बराबर स्लिट पृथकन के लिए संभावित व्यतिकरण उच्चिष्ठ की अधिकतम संख्या होती है -A. अनंतB. शून्यC. तीनD. पाँच। |
| Answer» Correct Answer - D | |
| 168. |
किसी विधि द्वारा समतल-ध्रुवित प्रकाश उत्पन्न नहीं किया जाता?A. a. परावर्तनB. b.द्विअपवर्तनC. c.प्रकीर्णनD. d. अवशोषण |
| Answer» Correct Answer - D | |
| 169. |
ध्रुवक का प्रयोग होता है-A. प्रकाश की तीव्रता कम करने मेंB. ध्रुवित प्रकश उत्पन्न करने मेंC. प्रकाश की तीव्रता बढ़ाने मेंD. अध्रुवित प्रकाश उत्पन्न करने में |
| Answer» Correct Answer - B | |
| 170. |
संतोष देखता है कि जब किन्हीं दो क्रासित पोलेरॉइड ( ध्रुवक ) मध्य एक प्लास्टिक की पारदर्शी शीट रख दी जाती है तब उसमें से प्रकाश का संचरण नहीं होता हैं , लेकिन जब प्लास्टिक की शीट को दोनों पोलेरॉइड के मध्य खींचकर रख देते हैं तो कुछ प्रकाश संचारित होता है । संतोष इस घटना की चर्चा अपने भौतिकी विषय के शिक्षक से करता है , तब वे उसे स्पष्ट करते हैं कि खींचने पर प्लास्टिक एक ध्रुवक के समान व्यवहार दर्शाता है , जिससे होकर कुछ प्रकाश संचारित होता है । उपरोक्त अनुच्छेद को पढ़कर निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए| ( i ) संतोष द्वारा किन मूल्यों की अभिव्यक्ति होती है ? |
| Answer» ( i ) अवलोकन की क्षमता , उत्सुकता एवं वैज्ञानिक सोच की अभिव्यक्ति संतोष द्वारा होती है । | |
| 171. |
बीना अपना पसंदीदा कार्यक्रम KBC टी. वी। पर देख रही थी तभी अचानक टी। वी। का कार्यक्रम हिलने लगा तब उसने अपने भाई से डिश एण्टीना को चेक करने के लिए कहा , उसका भाई डिश एण्टीना को चेक करते समय देखा की एक वायुयान उनकी छत के ऊपर से गुजर रहा है । तब उसने अपनी बहन को स्पष्ट किया कि डिश एण्टीना बिलकुल ठीक है , टी। वी। का कार्यक्रम वायुयान के वहाँ से गुजरने के कारण हिलने लगा था । थोड़ी देर में वह ठीक हो जाएगा ? उपरोक्त अनुच्छेद को पढ़कर निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए ( ii ) वायुयान के कुछ ऊँचाई से गुजरने पर टी।वी। स्क्रीन पर प्राप्त चित्र क्यों हिलने लगते हैं ? |
| Answer» ( ii ) काम ऊँचाई से गुजरता हुआ वायुयान टी। वी। सिग्नल को परावर्तित कर देता है जिससे सीधे एवं परावर्तित सिग्नल के मध्य व्यतिकरण होने के कारण टी वी पर प्राप्त चित्र हिलने लगता है । | |
| 172. |
जब प्रकाश वायु से जल में जाता है तो-A. तरंग-दैधर्य बढ़ती हैB. तरंग-दैधर्य घटती हैC. आवृत्ति बढ़ती हैD. कीच नहीं बदलता |
| Answer» Correct Answer - B | |
| 173. |
जल `(mu=(4)/(3))` में संचरण करता है|जल में इसकी तरंग-दैधर्य है-A. `2800 Å`B. `5600 Å`C. `3150 Å`D. `4000 Å` |
| Answer» Correct Answer - C | |
| 174. |
`6000 Å` तरंग-दैधर्य के प्रकाश के लिए काँच का अपवर्तनांक 1 .5 है|एक प्रकाश की काँच में तरंग-दैधर्य होगी-A. `6000 Å`B. `9000 Å`C. `4000 Å`D. `400 Å` |
| Answer» Correct Answer - C | |
| 175. |
एक किरण-पुँज वायु से जल में प्रवेश करती है तो निम्न में कोण अपरिवर्तित रहेगा?A. आयामB. तरंग-दैधर्यC. आवृत्तिD. चाल |
| Answer» Correct Answer - C | |
| 176. |
एक पारदर्शक तल का घ्रुवन कोण `60^(@)` है|ज्ञात कीजिये- (A ) माधयम का अपवर्तनांक (B ) अपवर्तनांक कोण (C ) क्रान्तिक कोण| |
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Answer» ध्रुवण कोण `i_(p)=60^(@)` (A) ब्रूस्टर के नियम से, माध्यम का अपवर्तनांक `mu=tani_(p)=tan60^(@)=sqrt3=1.732` (B) यदि अपवर्तन कोण r हो तो `i_(p)+r=90^(@)` `r=90^(@)-i_(p)=90^(@)-60^(@)=30^(@)` (C) यदि क्रान्तिक कोण `theta_(c)` हो तो `mu=(1)/(sin theta_(c))` `sqrt3=(1)/(sin theta_(c))` अथवा `sin theta_(c)=(1)/(sqrt3)=(1)/(1.732)=0.577` `theta_(c)=sin^(-1)(0.577)~~35.3^(@)` |
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| 177. |
दो तरंगें जिनके दोलन आयाम 3 मिमी और 4 मिमी हैं , एक माध्यम में एक ही दिशा में चल रही हैं । उन बिंदुओं पर परिणामी आयाम ज्ञात कीजिए , जिन पर कलांतर है । (ii) `pi` |
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Answer» Correct Answer - (ii) 1 मिमी `A=sqrt(a_(1)^(2)+a_(2)^(2)+2a_(1)a_(2)cos phi)` (ii) `A=sqrt(3^(2)+4^(2)+2xx3xx4xx cos pi)` `=sqrt(9+16-24)=1mm` |
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| 178. |
दो तरंगें जिनके दोलन आयाम 3 मिमी और 4 मिमी हैं , एक माध्यम में एक ही दिशा में चल रही हैं । उन बिंदुओं पर परिणामी आयाम ज्ञात कीजिए , जिन पर कलांतर है । (i) शून्य |
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Answer» Correct Answer - (i) 7 मिमी `A=sqrt(a_(1)^(2)+a_(2)^(2)+2a_(1)a_(2)cos phi)` (i) `A=sqrt(3^(2)+4^(2)+2xx3xx4 cos 0^(@))` `=sqrt(9+16+24)=sqrt(49)=7mm` |
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| 179. |
यदि क्रान्तिक कोण `theta_(c)` तथा ध्रुवण कोण `i_(p)` हो तो सिद्ध कीजिये- `sin theta_(c)=coti_(p)` |
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Answer» माध्यम का अपवर्तनांक `mu=(1)/(sin theta_(c))=tan i_(p)` `sin theta_(c)=(1)/(tani_(p))=coti_(p)` |
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| 180. |
एक ही आवृत्ति तथा एक ही आयाम a की दो तरंगों किसी बिंदु पर एक साथ पहुँच रही हैं। तरंगों के मध्य कलांतर कितना हो कि परिणामी तरंग का आयाम (i ) a और (ii ) `sqrt2a` हो जाये ? |
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Answer» सूत्र - `R=sqrt(a_(1)^(2)+a_(2)^(2)+2a_(1)a_(2)cos phi)` दिया है - `a_(1)=a_(2)=a` (i ) दिया है - `R=a` सूत्र में मान रखने पर, `a=sqrt(a^(2)+a^(2)+2a.a cos phi)` या `" "a^(2)=2a^(2)+2a^(2)cos phi` या`" "2a^(2)cos phi=-a^(2)` या `" "cos phi=-(1)/(2)` `therefore" "phi=120^(@).` (ii ) दिया है - `R=sqrt2a` सूत्र में मान रखने पर, `sqrt2a=sqrt(a^(2)+a^(2)+2a.a cosphi)` या `" " 2a^(2)=2a^(2)+2a^(2)cos phi` या `" "2a^(2)cos phi=0` या `" "cos phi=0 phi=90^(@).` |
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| 181. |
ईथर को काल्पनिक माध्यम क्यों कहा जाता है ? |
| Answer» किसी माध्यम का घनत्व बहुत ही कम हो किन्तु प्रत्यास्थता बहुत अधिक हो, एक - दूसरे के विरुद्ध है, ऐसा माध्यम प्राप्त करना व्यवहार में असम्भव है। अतः ईथर को काल्पनिक माध्यम कहा जाता है। | |
| 182. |
`3xx10^(-4)` सेमी तरंग दैर्ध्य के कण को देखने के लिए उपयुक्त विद्युत् - चुम्बकीय तरंगों की आवृत्ति का क्रम क्या होगा ? |
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Answer» `10^(14)` क्योंकि `C=upsilon lambda " से "upsilon=(C)/(lambda)` `=(3xx10^(8))/(3xx10^(-4)xx10^(-2))=10^(14)` |
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| 183. |
हाइगन संरचना से कौन-सा तथ्य नहीं समझाया जा सकता हैं -A. अपवर्तनB. परावर्तनC. विवर्तनD. प्रकाश - विधुत प्रभाव । |
| Answer» Correct Answer - D | |
| 184. |
हाइगन के तरंग सिद्धांत और मैक्सवेल के विद्युत् - चुम्बकीय सिद्धांत की तुलना कीजिए । |
| Answer» दोनों सिद्धानों के अनुसार प्रकाश तरंग गति है। अंतर यह है कि तरंग - सिद्धांत के अनुसार प्रकाश के संचरण के लिए माध्यम ईथर की आवश्यकता होती है, जबकि विद्युत- चुंबकीय सिद्धांत के अनुसार प्रकाश के संचरण के लिए माध्यम की कोई आवश्यकता नहीं होती । | |
| 185. |
यंग के द्वि - स्लिट प्रयोग में `10^(-3)` मीटर दूर स्थित स्लिटों से पर्दे की लम्बवत दूरी 1 मीटर है । यदि प्रकाश का तरंगदैर्घ्य `6xx10^(-7)` मीटर हो तो फ्रिंज - चौड़ाई ज्ञात कीजिए । |
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Answer» Correct Answer - `6xx10^(-4),` सूत्र `beta=(Dlambda)/(d)` का प्रयोग करें । |
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| 186. |
एक प्रकश पुँज जल में डूबी काँच की प्लेट पर आपतिति होती है|वह आपतन कोण ज्ञात कीजिये जिस पर परावर्तित प्रकश 100 % समतल ध्रुवित हो|जल तथा काँच के अपवर्तनांक क्रमशः `4/3` व `3/2`है| |
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Answer» वायु के सापेक्ष, जल का अपवर्तनांक `""_(a)mu_(w)=4/3` वायु के सापेक्ष काँच का अपवर्तनांक `""_(a)mu_(g)=3/2` `therefore` अतः जल के सापेक्ष काँच का अपवर्तनांक `mu=""_(w)mu_(g)=(""_(a)mu_(g))/(""_(a)mu_(w))=(3//2)/(4//3)=9/8` प्रकाश पुँज जल से काँच पर आपतिति होता है|यदि जल के सापेक्ष काँच का ध्रुवण कोण `i_(p)` हो तो ब्रूस्टर के नियम से `mu=tan i_(p)` `9/8=tani_(p)` अथवा `i_(p)=tan^(-1)((9)/(8))=tan^(-1)(1.125)~~48^(@)` चूँकि परावर्तित प्रकाश 100 % समतल-ध्रुवित है|अतः आपतन कोण = ध्रुवण कोण `=48^(@)` |
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| 187. |
यंग के द्वि - स्लिट प्रयोग में दोनों स्लिट समान तरंगदैर्घ्य का प्रकाश उत्सर्जित करने वाले दो सोडियम लैम्पों से प्रदीप्त किए जाते हैं ? क्या पर्दे पर व्यतिकरण प्रतिरूप प्राप्त होगा । |
| Answer» नहीं , क्योंकि दोनों स्वतंत्र स्त्रोतों से प्राप्त तरंगों और आयनमंडल से परावर्तित होकर आने वाली तरंगों का एंटीना पर व्यतिकरण होता है तो वः रेडियों स्टेशन सुनाई नहीं देता। | |
| 188. |
निम्नलिखित प्रशनो के उत्तर दीजिए : (a) जब कम ऊंचाई पर उड़ने वाला वायुयान ऊपर से गुजरता है तो हम कभी-कभी टेलीविज़न के परदे पर चित्र हिलाते हुए पाते हैं । एक संभावित स्पष्टीकरण सुझाइए। (b) जैसा कि आप मूल पाठ में जान चुके हैं कि विवर्तन तथा व्यतिकरण पैटर्न में तीव्रता का वितरण समझने का आधारभूत सिंद्धान्त तरंगों काप्रत्यारोपण है । इस सिद्धांत कि तर्कसंगत क्या है? |
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Answer» Correct Answer - (a) एंटीना द्वारा प्राप्त सीधे संकेत तथा गुजरने वाले वायुयान से परावर्तित संकेतों का व्यतिकरण । (b) अध्यारोपण का सिद्धांत तरंगति को नियंत्रित करने वाली अवकल (differential) समीकरण के रेखीय चरित्र से प्रतिपादित है । यदि `y_(1)` और `y_(2)` इस समीकरण के हल हैं, तो `y_(1)` और `y_(2)` का रेखीय योग भी उनका हल होगा । जब आयाम बड़े हों (उदाहरण के लिए उच्च तीव्रता का लेज़र किरण-पुंज ) तथा अरैखिक प्रभाव महत्वपूर्ण हो तो यह स्थिति और भी जटिल हो जाती है, जिसका समझाना यहाँ आवश्यक नहीं है । |
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| 189. |
जब कम ऊँचाई पर उड़ता हुआ वायुयान ऊपर से गुजरता है , तो कभी - कभी टी।वी। स्क्रीन पर चित्र कुछ हिलाते हुए दिखाई पड़ते हैं । क्यों ? |
| Answer» कम ऊँचाई पर उड़ता हुआ वायुयान टी वी सिग्नल को परावर्तित कर देता है । सीधे आने वाले सिग्नल और परावर्तित सिग्नल में व्यतिकरण के कारण टी वी स्क्रीन पर चित्र कुछ हिलाते हुए दिखाई देते हैं । | |
| 190. |
`5000Å` तरंगदैधर्य का प्रकाश एक समतल परावर्तक सतह पर आपतित होता है । परावर्तित प्रकाश की तरंगदैधर्य एवं आवृति क्या है ? आपतन कोण के किस मान के लिए परावर्तित किरण आपतित किरण आपतित किरण के लम्बवत होगी। |
| Answer» Correct Answer - `5000 Å, 6 xx 10^(14) Hz; 45^(@)` | |
| 191. |
निम्नलिखित प्रश्नो के उत्तर दीजिए- (a) जब कम उँचाई पर उड़ने वाला वायुमन ऊपर से गुजरता है तो हम कभी-कभी टेलीविजन के परदे पर चित्र को हिलाते हुए पते है|एक सम्भावीत स्पष्टीकरण सुझाइए| (b) जिसकी आप मूल पाठ से जान चुके है कि विवर्तन तथा व्यतिकरण पैटर्न में तीव्रता का वितरण समझने का आधारभूत सिद्धांत तरंगो का रेखीय प्रत्यारोपण है|इस सिद्धांत कि तर्क संगति क्या है? |
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Answer» (a ) जब कम ऊंचाई पर उड़ने वाला वायुयान ऊपर से गुजरता है तो हम कभी-कभी टेलीविजन के परदे पर चित्र हिलता हुआ पते है क्योकि कम ऊंचाई पर उड़ने वाला वायुयान TV सिग्नल को परावर्तित करता है जिस कारण प्रत्यक्ष सिग्नल तथा परावर्तित सिग्नल के बिच एक व्यतिकरण होता है तथा चित्र हिलते है| (b) तरंगे प्रकृति अध्यारोपण सिद्धांत का अनुपालन करती है तथा इसकी अवकलन समीकरण भी इसका अनुपालन करती है|यदि `y_(1)` व `y_(2)` तरंग समीकरण का हल है, अतः रेखीय योजना `(y_(1)` व`y_(2)`का)अध्यारोपण सिद्धांत के अनुरूप है|जब आयाम बहुत बड़ा तथा अरेखीय प्रभाव महत्वपूर्ण हो, तब परिस्थिति जटिल हो जाती है| |
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| 192. |
कभी - कभी दूर के रेडियो स्टेशन सुने जाते हैं , जबकि पास वाले रेडियो स्टेशन सुनाई नहीं देते , क्यों ? |
| Answer» जब आकशवाणी केंद्र से सीधे आने वाली तरंगों और आयनमंडल से परावर्तित होकर आने वाली तरंगों का एंटीना पर व्यतिकरण होता है तो रेडियों स्टेशन सुनाई नहीं देता । | |
| 193. |
किसी परावर्तक तल पर `5000Å` तरंगदैधर्य का प्रकाश आपतिति होता है|परावर्तित प्रकाश की आवृत्ति एव तरंगदैधर्य ज्ञात कीजिये| |
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Answer» आपतिति प्रकाश की तरंगदैधर्य `lamda_(L)=5000Å=5000xx10^(-10)` मीटर आवृत्ति `v_(i)=(c)/(lamda_(L))=(3xx10^(8))/(500xx10^(-10))=6xx10^(14)` हर्ट्ज परवतन के पश्चात प्रकाश की आवृत्ति एव तरंगदैधर्य नहीं बदलते अतः परावर्तित की आवृत्ति `6xx10^(14)`हर्ट्ज तथा तरंगदैधर्य `5000Å` है| |
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| 194. |
`I_(1)` और `I_(2)` तीव्रता के कला - संबद्ध स्त्रोत व्यतिकरण उत्पन्न करते हैं। अधिकतम तीव्रता होगी-A. `I_(1)+I_(2)`B. `I_(1)^(2)+I_(2)^(2)`C. `(I_(1)+I_(2))^(2)`D. `(sqrt(I_(1))+sqrt(I_(2)))^(2)` |
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Answer» Correct Answer - D `I_("max") prop (a_(1)+a_(2))^(2) prop (sqrt(I_(1))+sqrt(I_(2)))^(2)` |
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| 195. |
एक तारे के घूर्णन का आवर्तकाल 22 दिन हिअ और इसकी त्रिज्या `7xx10^(8)` मीटर है। तारे की सतह से उत्सर्जित प्रकाश का तरंगदैर्ध्य `4320Å` है । डॉप्लर विस्थापन का मान होगा - |
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Answer» `mu tan i_(p),` [चूँकि `r+i_(p)=90^(@)`] `rArr i_(p)=tan^(-1)(mu)tan^(-1)(1.62)=8.3^(@)` |
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| 196. |
एक प्रेक्षक v वेग से प्रकाश स्त्रोत की और गतिमान है|प्रेक्षक को प्रकाश का वेग प्रतीत होगा-A. `c+v`B. `c-v`C. cD. `sqrt(1-((v)/(c))^(2))` |
| Answer» Correct Answer - C | |
| 197. |
एक तारे के `H_(alpha)` रेखाओ के स्पेक्ट्रम `(6563Å)` में डॉप्लर विस्थापन `6.563Å` है|पृथ्वी से दूर जाते हुए तारे के वेग की गणना कीजिये| `(c=3xx10^(8)` मीटर/सेकण्ड) |
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Answer» माना तारे का वेग v है तथा प्रकाश की वास्तविकता तरंग-दैधर्य `lamda` है|तरंग-दैधर्य में डॉप्लर विस्थापन `Deltalamda=lamdav/c` `v=c((Deltalamda)/(lamda))` प्रश्नानुसार `c=3xx10^(8)` मीटर/सेकण्ड `(Deltalamda)/(lamda)=(6.563)/(6563)=10^(-3)` `thereforev=3xx10^(8)xx10^(-3)=3xx10^(5)` मीटर/सेकण्ड |
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| 198. |
एक तारा पृत्वी से दूर जा रहा है|स्पेक्ट्रम में इसकी रखिये किस भाग की और विस्थापित होगी?A. लालB. पराबैंगनीC. नीलाD. हरा |
| Answer» Correct Answer - A | |
| 199. |
सभी गेलेक्सियों के लिये स्पेक्ट्रमी रेखाये लाला भाग की और विस्थाप्ति हो रही है|इसके आधार पर हम कह सकते है की ब्रहाण्ड का आकार-A. बद रहा हैB. घट रहा हैC. नहीं बदल रहा हैD. कोई निष्कर्ष नहीं |
| Answer» Correct Answer - A | |
| 200. |
दूर स्थित टारे से आते हुए प्रकाश को स्पेक्ट्रोमीटर से फोटोग्राफ किया जाता है और यह देखा जाता है कि तरंग-दैधर्य में बड़ी तरंग-दैधर्य कि और `0.05%` का विचलन मितला है|तारे का वेग ज्ञात कीजिये (प्रकाश के वेग `c=3xx10^(8)` मीटर/सेकण्ड) |
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Answer» माना टारे का वेग v तथा प्रकाश की वास्तविक तरंग-दैधर्य `lamda` है|तरंग-दैधर्य में सोपलर विस्थापन `Deltalamda=lamda(v)/(c)` ताजान c प्रकाश वेग है| अथवा `(Deltalamda)/(lamda)=(v)/(c)` प्रश्नानुसार, `(Deltalamda)/(lamda)=(0.05)/(1000),c=3xx10^(8)` मीटर/सेकण्ड `(0.05)/(1000)=(v)/(3xx10^(8))` `v=(3xx10^(8)xx0.05)/(100)=1.5xx10^(5)` मीटर/सेकण्ड चूँकि तरंग-दैधर्य में विचलन बड़ी तरंग-दैधर्य की और है (अर्थात आभासी तरंग-दैधर्य बड़ी हुई प्रतीत होती है) अतः तारा पृथ्वी से दूर जा रहा है| |
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