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This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
| 201. |
एक तारा `10 ^(5 )` मीटर/सेकण्ड वेग से पृथ्वी से दूर जा रहा है|पृथ्वी से प्रेक्षित करने पर `5700 Å` तरंग-दैधर्य की रेखा का विस्थापन होगा-A. `0.53Å`B. `1.06Å`C. `1.90Å`D. `3.80Å` |
| Answer» Correct Answer - C | |
| 202. |
किसी टारे द्वारा उतसर्जित कप्रकाश की तरंग-दैधर्य `(lamda=6000Å)` में पृथ्वी पर प्रेक्षक को `0.1Å` का विस्थापन प्राप्त होता है|तारे का वेग है-A. 2.5 किमी/सेकण्डB. 5 किमी/सेकण्डC. 10 किमी/सेकण्डD. 20 किमी/सेकण्ड |
| Answer» Correct Answer - B | |
| 203. |
साबुन के बुलबुले रंगीन दिखाई देते हैं , क्यों ? |
| Answer» ऊपरी और निचले पृष्ठों से परावर्तित तरंगों के व्यतिकरण के कारण । | |
| 204. |
यदि व्यतिकरण करने वाली तरंगों की तीव्रता समान हो तो दीप्त फ्रिंज की तीव्रता किसी एक तरंग की तीव्रता की कितनी गुनी होगी ? |
| Answer» `I_("max")=(a_(1)+a_(2))^(2)=(a+a)^(2)=4a^(2)=4I,` अर्थात चार गुनी । | |
| 205. |
यंग के द्वि - स्लिट प्रयोग में व्यतिकरण फ्रिजों पर क्या प्रभाव पड़ेगा , यदि दोनों स्लिटों के बीच की दूरी बढ़ाकर 2 सेमी कर दी जाए ? |
| Answer» `beta prop (1)/(d),` अतः दुरी बढ़ाकर 2 सेमी कर देने पर का मान इतना कम हो जाएगा कि पर्दा लगभग एकसमान तीव्रता से प्रकाशित होगा। | |
| 206. |
यंग के द्वि - स्लिट प्रयोग में व्यतिकरण प्रतिरूप पर क्या प्रभाव पड़ेगा , यदि पहले से कम तरंगदैर्घ्य का प्रकाश प्रयुक्त किया जाए ? |
| Answer» `beta prop lambda` से `beta` का मान कम हो जाएगा । | |
| 207. |
यंग के द्वि - स्लिट प्रयोग में यदि एक स्लिट में इस तरह पेंट किया जाता है कि केवल आधा प्रकाश ही पार कर सकता है । ऐसा करने से व्यतिकरण प्रतिरूप पर क्या प्रभाव पड़ेगा ? |
| Answer» दीप्त फ्रिन्जें कम दीप्त व अदीप्त फ्रिंजे कम अदीप्त हो जाएँगी । | |
| 208. |
यंग के द्वि - स्लिट प्रयोग में दोनों स्लिटों की चौड़ाई का अनुपात 1 : 9 है । व्यतिकरण - प्रतिरूप में अधिकतम तीव्रता और न्यूनतम तीव्रता का अनुपात ज्ञात कीजिए । |
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Answer» Correct Answer - `4:1` `I prop` स्लिट की चौड़ाई `(I_(1))/(I_(2))=(1)/(9)=(a_(1)^(2))/(a_(2)^(2))` या `" "(I_("mix"))/(I_("min"))=((a_(1)+a_(2))^(2))/((a_(1)-a_(2))^(2))` `=((1+3)^(2))/((1-3)^(2))=25:9` `=(16)/(4)=4:4` |
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| 209. |
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए - (a) एकल स्लिट विवर्तन प्रयोग में , झिरी की चौड़ाई मूल चौड़ाई से दोगुनी कर दी गयी है| तीव्रता को कैसे प्रभावित करेगी ? |
| Answer» केंद्रीय उच्चिष्ठ की चौड़ाई `=(2Dlambda)/(a)` जब स्लिट की चौड़ाई दुगुनी कर दी जाए तब केंद्रीय फ्रिंज की चौड़ाई आधी हो जाएगी तथा केंद्रीय बैंड की तीव्रता तरंग के आयाम के दोगुना होने से चार गुना बढ़ जाएगी । | |
| 210. |
d चौड़ाई के एक स्लिट पर 5500Å तरंगदैर्घ्य का प्रकाश आपतित होता है । d के किस मान के लिए प्रथम उच्चिष्ठ विवर्तन कोण `30^(@)` पर प्राप्त होगा ? । |
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Answer» Correct Answer - (i) `1.65xx10^(-6)` मीटर `sintheta=(3lambda)/(2d)` `rArr" "sin 30^(@)=(3xx5.5xx10^(-7))/(2xxd)` या`" "d=16.5xx10^(-7)m` या `" "d=16.5xx10^(-6)m` |
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| 211. |
यंग के द्वि - स्लिट प्रयोग में व्यतिकरण प्रतिरूप प्रत्येक स्लिट से विवर्तन से किस प्रकार सम्बंधित है ? |
| Answer» यंग के द्वि - स्लिट प्रयोग में , पहले प्रत्येक स्लिट पर प्रकाश का विवर्तन होता है , फिर ये विवर्तित तरंगें परस्पर व्यतिकरण करती हैं । | |
| 212. |
एकल स्लिट परिवर्तन स्लिट की चौड़ाई घटा देने पर मुख्य उच्चिष्ठ की चौड़ाई-A. बाद जाती हैB. घट जाती हैC. अपरिवर्तित रहती हैD. पहले बढ़ती है फिर घटती है |
| Answer» Correct Answer - A | |
| 213. |
एकल स्लिट विवर्तन प्रतिरूप में फ्रिन्जो की चौड़ाई-A. स्लिट की चौड़ाई के समानुपाती होती हैB. तरंग-दैधर्य के वियुत्क्रमानुपाती होती हैC. स्लिट व परदे के बिच की समानुपाती होती हैD. इनमे से कोई नहीं |
| Answer» Correct Answer - C | |
| 214. |
लाला रंग के प्रकश के साथ विवर्तन प्रतिरूप प्राप्त किया जाता है|यदि लाल प्रकाश के स्थान पर नीला प्रकाश प्रयोग किया जाये तो कौन-सी घटना होगी ?A. प्रतिरूप में कोई परिवर्तन नहींB. विवर्तन प्रतिरूप सिकुड़ जायेगाC. विवर्तन प्रटप फैल जायेगाD. विवर्तन प्रतिरूप गायब हो जायेगा |
| Answer» Correct Answer - B | |
| 215. |
एकल स्लिट द्वारा फ्रानहॉफर विवर्तन प्रतिरूप प्राप्त करने के लिये आपतित तरंगाग्र होनी चाहिये-A. बेलनाकारB. गोलाकारC. समतलD. दीर्घ वृत्ताकार |
| Answer» Correct Answer - C | |
| 216. |
विवर्तन प्रतिरूप प्राप्त करने के लिए स्लिट के द्वारक और तरंगदैर्घ्य में क्या सम्बन्ध होना चाहिए ? |
| Answer» स्लिट के द्वारक को तरंगदैर्ध्य कि कोटि का होना चाहिए । | |
| 217. |
किरण प्रकाशिकी , प्रकाश के सीधी रेखा में गति करने की संकल्पना पर आधारित है । विवर्तन प्रभाव ( जब प्रकाश का संचरण एक द्वारक / स्लिट या वस्तु के चारों और प्रेक्षित किया जाए ) इस संकल्पना को नकारता है । तथापि किरण प्रकाशिकी की संकल्पना प्रकाशकीय यंत्रों में प्रतिबिम्बों की स्थिति तथा उनके दूसरे अनेक गुणों को समझने के लिए सामान्यत : उपयोग में लाई जाती है । इसका क्या औचित्य है ? |
| Answer» प्रकाशिक यंत्रों में प्रयुक्त लेंसों के द्ववारक का आकार प्रकाश के तरंगदैर्घ्य की तुलना में बहुत अधिक होता है । अतः इनमें विवर्तन नगण्य होता है जिसके कारण किरण प्रकाशिकी की संकल्पना के आधार पर प्रकाशिक यंत्रों में प्रतिबिम्बों की स्थिति एंव उनके गुणों का अध्ययन किया जाता है । | |
| 218. |
उस दुरी का आंकलन कीजिए जिसके लिए किसी 4 मिमी० के आकार के द्वारक तथा 400 नैनोमीटर तरंगदैधर्य के प्रकाश के लिए किरण प्रकाशिकी सन्निकट रूप से लागु होती है| |
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Answer» दिया है-चौड़ाई `(a)=4` मिमी० `=4xx10^(-3)` मीटर तरंगदैधर्य `(lamda)=400` नैनोमीटर `400xx10^(-9)` मीटर प्रकासमिति हेतु फ्रेसनेल दुरी, `Z_(F)=(a^(2))/(lamda)=(4xx10^(-3)xx4xx10^(-3))/(400xx10^(-9))` `Z_(F)=40` मीटर |
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| 219. |
उस दूरी का आकलन कीजिए जिसके लिए किसी 4 nm के आकार के द्वारक तथा 400 nm तरंगदैर्घ्य के प्रकाश के लिए किरण प्रकाशिकी सन्निकट रूप से लागू होती है । |
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Answer» दिया है : `a=4nm = 4xx10^(-3)m` `lambda=400nm=4xx10^(-7)m` फ्रेन्ज़ेल दुरी`" "D_(F)=(a^(2))/(lambda)=((4xx10^(-3))^(2))/(4xx10^(-7))=40m` |
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| 220. |
एक पारदर्शी माध्यम का ध्रुवण - कोण `60^(@)` है। निम्न का मान ज्ञात कीजिए - (i ) माध्यम का अपवर्तनांक, (ii ) अपवर्तन कोण। |
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Answer» (i) सूत्र - `mu=tan i_(p)` दिया है : `i_(p)=60^(@)` सूत्र में मान रखने पर, `mu=tan60^(@) =sqrt3` (ii) सूत्र - `i_(p)+r=90^(@)` या `" "r=90^(@)-i_(p)` `=90^(@)-60^(@)=30^(@).` |
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| 221. |
किस दुरी के लिए किरण - प्रकाशिकी एक अच्छा सन्निकट है जब द्वारक 3 मिमी. चौड़ा तथा तरंगदैर्ध्य 500 nm है? |
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Answer» `Z_(F)=(a^(2))/(lambda)` a = 3mm `=3xx10^(-3)m,` `lambda=5xx10^(-7)m` `=((3xx10^(-3))^(2))/((5xx10^(-7)))=18` मी. अर्थात एक लघु द्वारक के लिए भी विवर्तन प्रसार कई मीटर लम्बी करणों के लिए उपेक्षित किया जा सकता है अर्थात किरण - प्रकाशिकी कई सामान्य परस्थितियों में वैध है। |
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| 222. |
जब दो क्रॉसिट पोलरॉइड की एक तीसरी शीट को घुमाया जाता है तो पारगमित प्रकाश की तीव्रता में होने वाले परिवर्तनों की विवेचना कीजिए । |
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Answer» मानाकि प्रथम पोलरॉइड `P_(1)`, से गुजरने के बाद ध्रुवित प्रकाश की तीव्रता `I_(0)` है, तब दूसरे पोलरॉइड `P_(2)` से गुजरने के बाद प्रकाश की तीव्रता होगी - `I=I_(0)cos^(2)theta` जहाँ कोण `theta, P " व "P_(2)` की पारित (निर्गत ) अक्षों के बिच बना कोण क्योंकि P व `P_(3)` क्रॉसित है। है उनके पारित: अक्षों के बीच कोण `((pi)/(2)-theta)` होगा । अतः `P_(3)` से निर्गमित प्रकाश की तीव्रता होगी - `I=I_(0)cos^(2)thetacos^(2)((pi)/(2)-theta)` `=I_(2)cos^(2) theta sin^(2) theta=(I_(0))/(4) sin^(2)2theta` अतः कोण `theta=(pi)/(4)` के लिए पारगमित प्रकाश की तीव्रता अधिकतम होगी। |
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| 223. |
एक समतल काँच पर अध्रुवित प्रकाश आपतित होता हैं। आपतन कोण का मान ज्ञात कीजिए ताकि परावर्तित किरण और अपवर्तित किरण परस्पर लंबवत हों । काँच का अपवर्तनांक 1.5 है। |
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Answer» दिया है- `mu=1.5` जब परावर्तित एवं अपवर्तित किरणें परस्पर लंबवत होती हैं। तब ब्रूस्टर के नियम से `mu=tan i_(p)` या `" "tani_(p)=mu=1.5` या`" "i_(p)=tan^(-1)(1.5)=56.3^(@)`. |
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| 224. |
प्रकाश की एक किरण 1.62 अपवर्तनांक वाले काँच के आयताकार गुटके पर आपतित होती है। परावर्तित और अपवर्तित किरणें परस्पर लंबवत हैं। आपटन कोण होगा -A. `58.3^(@)`B. `50^(@)`C. `35^(@)`D. `30^(@)` |
| Answer» Correct Answer - A | |
| 225. |
एक प्रकाश पुँज काँच की प्लेट पर `60 ^(@)` कौन पर आपतित है|यदि परावर्तित तथा अपवर्तित तरंगे परस्पर लंबवत हो तो काँच का अपवर्तनांक है-A. `(sqrt3)/(2)`B. `1/2`C. `sqrt3`D. `(1)/(sqrt2)` |
| Answer» Correct Answer - C | |
| 226. |
यंग के द्विस्लिट प्रयोग में व्यतिकरण फ़्रिंजों को प्राप्त करने के लिए , 650 nm तथा 520 nm तरंगदैघ्यों के प्रकाश पुंज का उपयोग किया गया । ( a ) 650 nm तरंगदैर्घ्य के लिए पर्दे पर तीसरे दीप्त फ्रिंज की केंद्रीय उच्चिष्ठ से दूरी ज्ञात कीजिए । |
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Answer» दिया है - `lambda_(1)=6500Å=6500xx10^(-10)m` `lambda_(2)=5200Å=5200xx10^(-10)m` `d=2mm=2xx10^(-3)m` `D=120cm=120xx10^(-2)m` (a) उच्चिष्ठ से n वीं दीप्त फ्रिंज की दुरी `y=(h lambdaD)/(d)` `n=3` `y=(3xx6500xx10^(-10)xx120xx10^(-2))/(2xx10^(-3))` `=1.17xx10^(-3)m=1.17mm.` |
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| 227. |
यंग के द्विझिरी प्रयोग में, व्यतिकरण फ्रिन्जो को प्राप्त करने के लिए, 650 नैनोमीटर तथा 520 नैनोमीटर तरंगदैधर्य तरदेधार्योके प्रकाश-पुंज का उपयोग किया गया| (a) 650 नैनोमीटर तरंगदैधर्य के लिए परदे पर तीसरे दीप्त फ्रिन्ज की केन्द्रीय उच्चिष्ठ से दूर ज्ञात कीजिए| (b) केन्द्रीय उच्चिष्ठ से उस न्यूनतम दुरी को ज्ञात कीजिए जहाँ दोनों तरंगदैधर्य के कारण दीप्त फ्रिन्ज संपाति (conicide ) होते है| |
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Answer» दिया है-तरंगदैधर्य `lamda_(1)=650` नैनोमीटर `=650xx10^(-9)` मीटर तथा `lamda_(2)=520` नैनोमीटर `=520xx10^(-9)` मीटर (a ) तृतीय चमकीली फ्रिन्ज के लिए, `n=3` केन्द्रीय उच्चिष्ठ से तृतीय चमकीली फ्रिन्ज की दुरी, `x=(n lamdaD)/(d)=3xx650xx10^(-9)xxD/d` मीटर `=(3xx650xx10^(-9)xx1.2)/(2xx10^(-3))=1.17xx10^(-3)` मीटर (b) माना तरंगदैधर्य `lamda_(2)` के कारण चमकीली फ्रिन्ज n है, जहाँ `lamda_(2)=250` नैनोमीटर जो `lamda_(1)` तरंगदैधर्य के कारण (n+1) वी चमकीली फ्रिन्ज के संगत है, जहाँ `lamda_(1)=650` नैनोमीटर अर्थात `n lamda_(2)D/d=(n-1)lamda_(1)D/d` `nxx520xx10^(-9)=(n-1)650xx10^(-9)` अथवा `4n=5n-5` अथवा n =5 अतः न्यूनतम दुरी, `x=nlamda_(2)D/d=5xx250xx10^(-9)D/d` `x=2600D/dxx10^(-9)` मीटर `=2600xx(1.2xx10^(-9))/(2xx10^(-3))` मीटर `=1.56xx10^(-3)` मीटर `=1.56` मिमी० |
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| 228. |
यंग के व्यतिकरण प्रयोग में `6000Å` तरंगदैधर्य का प्रकाश प्रयोग करने पर 1 मीटर की दुरी पर रखे परदे पर फ्रिन्ज चौड़ाई `0.06` सेमी प्राप्त होती है|`4000Å` तरंगदैधर्य का प्रकाश प्रयोग करने पर उतनी ही दूरी पर रखे परदे पर फ्रिन्ज चौड़ाई क्या होगी ? |
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Answer» यदि प्रथम तथा द्वितीयक स्थिति में फ्रिन्ज चौड़ाई क्रमशः `beta_(1)` व `beta_(2)` `beta_(1)=(D lamda_(1))/(d),beta_(2)=(Dlamda_(2))/(d)` `therefore(beta_(1))/(beta_(2))=(lamda_(1))/(lamda_(2))` `therefore(0.06" सेमी")/(beta_(2))=(6000Å)/(4000Å)=3/2` `betya_(2)=0.06((2)/(3))=0.04` सेमी |
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| 229. |
`5900Å` तरंगदैर्ध्य का प्रकाश: `1.18xx10^(-6)` मीटर चौड़े स्लिट पर अभिलंबवत आपतित होता है। परिणामी विवर्तन - चित्र पर्दे पर प्राप्त किया जाता है। निम्न की गणना कीजिए - (i ) प्रथम निमनिष्ठ की कोणीय स्थिति और (ii ) केंद्रीय उच्चिष्ठ की कोणीय चौड़ाई । |
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Answer» दिया है- `lambda=5900 Å=5900xx10^(-10)` मीटर, `a=1.18xx10^(-6)` मीटर । (i) `sin theta_(1)=(lambda)/(a)=(5900xx10^(-10))/(1.18xx10^(-6))=0.5` `therefore" "theta_(1)=30^(@)` (ii ) केंद्रीय उच्चिष्ठ की कोणीय चौड़ाई `beta_(0)=2theta_(1)` `=2xx20^(@)=60^(@)` |
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| 230. |
यंग के द्विस्लिट प्रयोग में स्लिटों के बीच की दुरी 3 मिमी है। प्रयुक्त प्रकाश का तरंगदैर्ध्य `5000Å` है। स्लिटों से पर्दे की दुरी 90 सेमी है। फ्रिंज चौड़ाई मिमी में होगी -A. `1.5`B. `0.015`C. `2.0`D. `0.15` |
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Answer» Correct Answer - D `RPxx(1)/(lambda) rArr (RP_(1))/(RP_(2))=(lambda_(2))/(lambda_(1))` |
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| 231. |
यंग के प्रयोग में 6000Å तरंगदैर्घ्य के प्रकाश से प्राप्त फ़्रिंजों की चौड़ाई 2.0 मिमी है । फ्रिजों की चौड़ाई क्या होगी यदि पूरे उपकरण को 1.33 अपवर्तनांक वाले द्रव में डूबा दिया जाय ? |
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Answer» Correct Answer - 1.50 mm `mu=(lambda)/(lambdaw) " तथा " beta prop lambda` `therefore" "(beta)/(beta_(w))=(lambda)/(lambda_(w))=mu` `beta_(w)=(beta)/(mu)=(2)/(1.33)=0.15mm` |
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| 232. |
यंग के द्विस्लिट प्रयोग में फ्रिंज चौड़ाई 0.2 मिमी है । जब प्रयुक्त प्रकाश का तरंगदैर्ध्य `10%` बढ़ायी जाती है तो फ्रिंज चौड़ाई होगी -A. 0.20 मिमीB. 0.165 मिमीC. 0.401 मिमीD. 0.65 मिमी |
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Answer» Correct Answer - A `lambda_(2)=lambda_(1)+lambda_(1)` का `10%=(1+(10)/(100))lambda_(1)=(11)/(10)lambda_(1)` या `(lambda_(1))/(lambda_(2))=(10)/(11)` `d_(2)=d_(1)+d_(1)" का "10%=(1+(10)/(100))d_(1)=(11)/(10)d_(1) rArr (d_(2))/(d_(1))=(11)/(10)` `beta=(lambdaD)/(d)" से," (beta_(1))/(beta_(2))=(lambda_(1))/(lambda_(2))xx(d_(2))/(d_(1))` |
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| 233. |
दो स्लिट एक-दूसरे से 1 मि मी की दुरी पर हैं, तथा इनकी दुरी पर्दे से 1 मी है। जब 500 nm तरंगदैर्ध्य के नीला - हरा प्रकाश इस पर आपतित होगा तब फ़्रिंजों के मध्य की दुरी क्या होगी ? |
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Answer» फ़्रिंजों के मध्य की दुरी `beta=(D lambda)/(d)=(1xx5xx10^(-7))/(1xx10^(-3))` `lambda=500nm=5xx10^(-7)" मी."` `therefore" "beta=5xx10^(-4)" मी."=0.5` मिमी. |
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| 234. |
यंग के द्वी-स्लिट प्रयोग में स्लिट पर्दे से 1.5 मीटर की दुरी पर स्थित हैं। 6000 Å के प्रकाश के लिए फ्रिंज - चौड़ाई 1.0 मिमी है। स्लिटों के बीच की दुरी ज्ञात कीजिए । |
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Answer» सूत्र - फ्रिंज चौड़ाई `" "beta=(lambdaD)/(a)` या `" "a=(lambdaD)/(beta)` दिया है - `lambda=6000Å=6000xx10^(-10)` मीटर , `beta=1.0` मिमी `=1.0xx10^(-3)` मीटर, D = 1.5 मीटर | सूत्र में मान रखने पर, `a=(6000xx10^(-10)xx1.5)/(1.0xx10^(-3))` `=9xx10^(-4)" मीटर "=0.9` मिमी | |
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| 235. |
यंग के प्रयोग में दोनों स्लिटों से पर्दे की दूरी 2 मीटर है । 6000Å तरंगदैर्घ्य का प्रकाश उन पर आपतित होता है- ( i ) यदि फ़्रिंजों की चौड़ाई 2 मिमी हो , तो दोनों स्लिटों के बीच की दूरी ज्ञात कीजिए । |
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Answer» Correct Answer - (i) 0.6मिमी `d=(D lambda)/(beta)=(1xx6xx10^(-7))/(2xx10^(-3))` या `" "d=(6)/(2)xx10^(-4)=0.3mm` |
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| 236. |
व्यतिकरण उत्पन्न करने के लिए स्लिट युग्म 630 nm तरंगदैर्ध्य का लेजर प्रकाश आपतित होता है। इसके दो लगातार दीप्त फ़्रिंजों के बीच की दुरी 8.1 मिमी है। दूसरे प्रकाश लेजर का उपयोग करने पर दीप्त फ़्रिंजों के बीच की दुरी 7.2 मिमी प्राप्त होती है। दूसरे लेजर प्रकाश का तरंगदैर्ध्य ज्ञात कीजिए । |
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Answer» सूत्र - `beta=(lambdaD)/(a)` में D व a के मान वही रहने पर, `(beta_(1))/(beta_(2))=(lambda_(1))/(lambda_(2))` दिया है - `lambda_(1)=630 nm, beta_(1)=8.1` मिमी तथा `beta_(2)=7.2` मिमी उपर्युक्त सूत्र में मान रखने पर, `(8.1)/(7.2)=(630)/(lambda_(2))` या `" "=(630xx7.2)/(8.1)="560 nm."` |
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| 237. |
यंग के प्रयोग में फ़्रिंजों की चौड़ाई 4 मिमी है। केंद्रीय फ्रिंज से तृतीय अदीप्त फ्रिंज की दुरी ज्ञात कीजिए । |
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Answer» सूत्र - `x=((2n-1)/(2))(lambdaD)/(a)` तथा `" "beta=(lambdaD)/(a)` `therefore" "x=((2n-1)/(2))beta` दिया है - `beta=4` मिमी `=4xx10^(-3)` मीटर, n = 3. उपर्युक्त सूत्र में मान रखने पर , `x=((2xx3-1)/(2))xx4xx10^(-3)` `=10xx10^(-3)` मीटर = 10 मिमी । |
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| 238. |
यंग के द्वि-स्लिट प्रयोग में `S_(1)" और "S_(2)` स्लिटों से आने वाली तरंगों के बीच बिंदु P और Q पर पथांतर क्रमशः शून्य और `(lambda)/(2)` है । P और Q पर तीव्रताओं का अनुपात होगा -A. `2:1`B. `sqrt2:1`C. `4:1`D. `3:2` |
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Answer» Correct Answer - A `I=4I_(0)cos^(2).(phi)/(2)" से," I_(1)=4I_(0)cos^(2)0^(@)=4I_(0)` `phi=(2pi)/(lambda).Delta " से," phi=(2pi)/(lambda)xx(lambda)/(4)=(pi)/(2)` `therefore I_(2)=4I_(0)cos^(2).(phi)/(2)=4I_(0)cos^(2).(pi)/(4)=2I_(0)` `therefore (I_(1))/(I_(2))=(4I_(0))/(2I_(0))=(2)/(1).` |
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| 239. |
600 nm तंगदैर्ध्य की प्रकाश किरण अभिलंबवत a चौड़ाई की झिर्री (स्लिट ) पर आपतित हो रही है । यदि दोनों स्लिटों की दुरी एवं स्लिट की पर्दे से दुरी 0.8 मी. तथा केंद्र से द्वितीय उच्चिष्ठ की दुरी 15 मिमी. हो तो स्लिट की चौड़ाई ज्ञात कीजिए । |
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Answer» सूत्र - `y_(2)=(5)/(2)(Dlambda)/(a)` या `" "a=(5)/(2)(Dlambda)/(y_(2))` दिया है- `lambda=6xx10^(-7)` मी. = 0.8 मी. `y_(2)=15" मिमी ." =15xx10^(-3)" मी."` `therefore" "a=(5)/(2)xx(0.8xx6xx10^(-7))/(15xx10^(-3))` `=5xx10^(-5)" मी."=80mum.` |
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| 240. |
यंग के प्रयोग में यदि किसी स्लिट से आने वाली किरण के मार्ग में एक पतली काँच की प्लेट अभिलंबवत रख दी जाये तो-A. फ्रिन्जे लुप्त हो जाएगीB. फ्रिन्ज चौड़ाई बढ़ जाएगीC. फ्रिन्ज चौड़ाई और बढ़ जाएगीD. फ्रिन्ज चौड़ाई अपवर्तित रहेगी परन्तु फ्रिन्ज प्रतिरूप विस्थापित होगा |
| Answer» Correct Answer - B | |