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यंग के द्विझिरी प्रयोग में, व्यतिकरण फ्रिन्जो को प्राप्त करने के लिए, 650 नैनोमीटर तथा 520 नैनोमीटर तरंगदैधर्य तरदेधार्योके प्रकाश-पुंज का उपयोग किया गया| (a) 650 नैनोमीटर तरंगदैधर्य के लिए परदे पर तीसरे दीप्त फ्रिन्ज की केन्द्रीय उच्चिष्ठ से दूर ज्ञात कीजिए| (b) केन्द्रीय उच्चिष्ठ से उस न्यूनतम दुरी को ज्ञात कीजिए जहाँ दोनों तरंगदैधर्य के कारण दीप्त फ्रिन्ज संपाति (conicide ) होते है| |
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Answer» दिया है-तरंगदैधर्य `lamda_(1)=650` नैनोमीटर `=650xx10^(-9)` मीटर तथा `lamda_(2)=520` नैनोमीटर `=520xx10^(-9)` मीटर (a ) तृतीय चमकीली फ्रिन्ज के लिए, `n=3` केन्द्रीय उच्चिष्ठ से तृतीय चमकीली फ्रिन्ज की दुरी, `x=(n lamdaD)/(d)=3xx650xx10^(-9)xxD/d` मीटर `=(3xx650xx10^(-9)xx1.2)/(2xx10^(-3))=1.17xx10^(-3)` मीटर (b) माना तरंगदैधर्य `lamda_(2)` के कारण चमकीली फ्रिन्ज n है, जहाँ `lamda_(2)=250` नैनोमीटर जो `lamda_(1)` तरंगदैधर्य के कारण (n+1) वी चमकीली फ्रिन्ज के संगत है, जहाँ `lamda_(1)=650` नैनोमीटर अर्थात `n lamda_(2)D/d=(n-1)lamda_(1)D/d` `nxx520xx10^(-9)=(n-1)650xx10^(-9)` अथवा `4n=5n-5` अथवा n =5 अतः न्यूनतम दुरी, `x=nlamda_(2)D/d=5xx250xx10^(-9)D/d` `x=2600D/dxx10^(-9)` मीटर `=2600xx(1.2xx10^(-9))/(2xx10^(-3))` मीटर `=1.56xx10^(-3)` मीटर `=1.56` मिमी० |
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