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This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
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एक इलेक्ट्रॉन एकसमान चाल u से धनात्मक X-अक्ष के अनुदिश गतिमान है। यह मूल बिंदु पर एकसमान चुंबकीय क्षेत्र `vecB=-Bhat k` में प्रवेश करता है। इलेक्ट्रॉन चुंबकीय क्षेत्र के एक ऐसे बिंदु से चाल v से बाहर निकलता है, जिसके लिए : A. `ygt0,v=u`B. `ygt0,v=u`C. `ylt0,v=u`D. `y=0,vgtu` |
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Answer» Correct Answer - C इलेक्ट्रान पर चुंबकीय बल इलेक्ट्रान की चाल नहीं बदलता है। अतः `v=u` अब, चुंबकीय क्षेत्र `vecB=-BvecK` में वेग `vecu=uveci` से प्रवेश करने वाले इलेक्ट्रान पर लगने वाला बल `vecF=q vecu xx vecB=(-e)uhat(i)xx(-Bhat(K))` `=euB(hat(i)xxhat(K))=2euB-(-hatj)` इस प्रकार `vecF` की दिशा -Y अक्ष के अनुदिश है। अतः जहाँ इलेक्ट्रान क्षेत्र से बाहर निकलता है, वहाँ `ylt0` |
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| 52. |
एक असीमित लम्बाई है खोखले बेलन की आन्तरिक त्रिज्या R/2 तथा बाहरी त्रिया R है। इसकी लम्बाई के अनुदिश एकसमान धारा-घनत्व है। इसके चुंबकीय क्षेत्र का मान (B) अक्ष से त्रिज्यीय दुरी r के साथ जिस प्रकार बदलता है उसका सर्वोत्तम वर्णन किस ग्राफ में है?A. B. C. D. |
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Answer» Correct Answer - D Case I : यदि `rlt(R)/(2)|vecB|=0` Case II यदि `(R)/(2)ler lt R` `oint vecB*dvec1=mu_(0)i` `|vecB|2pir=mu_(0)[pir^(2)-pi((R)/(2))^(2)]hat(j)` `|vecB|=(mu_(0)hatj)/(2r)[r^(2)-(R^(2))/(4)]` Case III यदि `rgeR` आप इसे `F=qcB` से भी कर सकते है। `ointvecB*d vec1=mu_(0)i` `|vecB|2pir =mu_(0)[piR^(2)-pi((R)/(2))^(2)]hat(j)` `:. |vecB|=(mu_(0)hatj)/(2r)(3)/(2r)(3)/(4)R^(2)=(3mu_(0)hatjR^(2))/(8r)` ltbr `|vecB|prop(1)/(r)` अतः विकल्प (d) सर्वोत्तम है। |
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| 53. |
त्रिज्या R की एक अचालक चकती के पृष्ठ पर आवेश Q एकसमान रूप से वितरित किया गया है। चकती कोणीय वेग `omega` से इसके तल के लंबवत तथा केंद्र से गुजरने वाली अक्ष के पारित : घूर्णन करती है। इस घूर्णन के परिणमास्वरूप चकती के केंद्र पर चुंबकीय क्षेत्र B प्राप्त होता है । यदि हम चकती पर रखे गए आवेश तथा इसके कोणीय वेग को नियत रखे तथा चकती की त्रिज्या में परिवर्तन करे, तो चकती के केंद्र पर चुंबकीय क्षेत्र का विचरण (variation) किस चित्र द्वारा दर्शाया जायेगा?A. B. C. D. |
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Answer» Correct Answer - A चकती के आवेश का पृष्ठ-घनत्व `sigma=(Q)/(piR^(2))` माना चकती अनेक वलयों से मिलकर बनी है, एक वलय जिसकी त्रिज्य r मोटाई dr है, पर आवेश `dQ=2 pi r d r sigma` । इस वलय के केंद्र पर चुंबकीय क्षेत्र `dB=(mu_(0)i)/(2r)=(mu_(0))/(2r)(dQ)/(dt)=(mu_(0))/(2r)(2pi r dr sigma)xx(omega)/(2pi)=(mu_(0)sigma omega)/(2)dr` `:. B=int_(0)^(R)(mu_(0)sigma omega)/(2)dr=(mu_(0)omega)/(2)xx(Q)/(pi R^(2))xxR=(mu_(0)Qomega)/(2piR)` अथवा `Bprop(1)/(R)` चित्र (a) यह सम्बन्ध व्यक्त करता है। |
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| 54. |
वैधुतशीलता `(epsi_(0))` तथा `(mu_(0))` चुम्बकशीलता के माध्य में विद्युतचुंबकिय तरंग का वेग होगा :A. `sqrt(mu_(0)epsi_(0))`B. `1//sqrt(mu_(0)epsi_(0))`C. `sqrt(epsi_(0)//mu_(0))`D. `sqrt(mu_(0)//epsi_(0))` |
| Answer» Correct Answer - B | |
| 55. |
एक आवेशित कण किसी एकसमान चुंबकीय क्षेत्र में तिरछा प्रवेश करता है । कण का मार्ग क्या होगा ? |
| Answer» Correct Answer - कुण्डलिनीय | |
| 56. |
किसी एकसमान चुंबकीय क्षेत्र से होकर कोई प्रोटोन क्षेत्र की दिशा से कितने क्यों पर अति करे ताकि प्रोटॉन अपनी प्रारम्भिक दिशा में चलता रहे ? |
| Answer» प्रोटॉन चुंबकीय क्षेत्र के समान्तर गति करे । | |
| 57. |
निम्नलिखित कण एक चुंबकीय क्षेत्र में क्षेत्र लंबवत गुजर रहे है। इनमे से किस पर चुम्कीय क्षेत्र का प्रभाव पड़ेगा ? उत्तर का कारण भी बताइए । (i) न्यूटन तथा (ii)इलेक्ट्रॉन |
| Answer» केवल इलेक्ट्रॉन पर क्योकि यह आवेशित कण है । न्यूट्रॉन अनावेशित है, अतः इस पर चुंबकीय क्षेत्र कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा । | |
| 58. |
यदि स्प्रिंग में प्रवाहित धारा प्रत्यावर्ती हो, तब ? |
| Answer» स्प्रिंग के किन्ही दो घेरों के बीच आकर्षण-बल शून्य व अधिकतम मन के बीच आवर्त रूप से बदलता रूप से बलदता रहेगा। इससे स्प्रिंग में दोलन होते है। | |
| 59. |
एक उधावर्द्धर स्प्रिंग के निचले सिरे से एक पिण्ड लटका है। स्प्रिंग में धारा प्रवाहित करने पर पिण्ड की स्थिति पर क्या प्रभाव पड़ेगा ? क्या यह इस बात पर निर्भर करेगा की स्प्रिंग में धारा की दिशा क्या है? |
| Answer» स्प्रिंग के प्रत्येक घेरे में धारा एक ही दिशा में होगा। चूँकि के ही दिशा में बने वाली समान्तर धाराएँ परस्पर आकर्षित होती है। अतः स्प्रिंग के घेरे कुछ पास-पास हो जाएंगे तथा पिण्ड ऊपर उठ जाएगा, चाहे स्प्रिंग में धारा की दिशा कोई भी हो । | |
| 60. |
एक सीधा तार जिसमे धारा `i_(2)` है, एक वृतीय चालक जिसमे धारा `i_(1)` है, की अक्ष पर स्थित है। दोनों धाराओं के बीच पारस्परिक क्रिया के कारन उप्तन्न कितना बल है? |
| Answer» धारा `i_(2)` वाला तार, धरा `i_(2)` के कारन उत्पन्न अक्षीय चुंबकीय बल-रेखाओं के संपाती होगा । अतः इस पर `i_(1)` के कारन कोई बल नहीं लगेगा । इसी प्रकार धारा `i_(1)` वाला चला, धारा `i_(2)` की वृताकार चुंबकीय बल-रेखाएं के संपाती होगा । अतः इस पर `i_(2)` के कारण कोई बल नहीं लगेगा । | |
| 61. |
एक वर्गाकार कुण्डली (प्रत्येक भुजा 40 सेमी) 40 गौस के एकसमान चुंबकीय क्षेत्र में इस प्रकार रखी है की इसकी आमने-सामने की दो भुजाएँ क्षेत्र के समांतर है। कुण्डली में धारा `1.5` ऐम्पियर है। कुण्डली पर लगने वाला बल-आघूर्ण ज्ञात कीजिए |
| Answer» Correct Answer - `9.6xx10^(-4)` न्यूटन -मीटर | |
| 62. |
एक ऋजुरेखीय तार में बहने वाली धIरा के कारण उत्पन्न चुंबकीय बल-रेखाओं की आकृति (अथवा प्रकृति) क्या होती है ? |
| Answer» चालक तार के चारो और संकेन्द्री वृतो के रूप में । | |
| 63. |
निर्वात की चुंबकशीलता `mu_(0)` का विमीय सूत्र व SI प्रणाली में मात्रक लिखिए । |
| Answer» न्यूटन/ऐम्पियर`""^(2)` अथवा हेनरी/मीटर। | |
| 64. |
निम्नलिखित आवेशित कण समान वेग से एकसमान चुंबकीय क्षेत्र में क्षेत्र के लंबवत प्रक्षेपित किये जाते है । किस पर सर्वाधिक बल लगेगा ?A. एलेक्ट्रोंनB. प्रोटॉनC. `He^(+)`D. `Li^(+)` |
| Answer» Correct Answer - D | |
| 65. |
चुंबकीय क्षेत्र में गतिमान आवेशित कण की चाल नहीं बदलती है क्यों ? |
| Answer» क्योकि आवेश पर चुंबकीय बल सदैव कण के वेग की दिशा के लंबवत होता है । | |
| 66. |
एक वृतीय खण्ड में जिसकी त्रिज्या a मीटर है तथा कोण `alpha` रेडियन है i ऐम्पियर की धारा चित्रानुसार दिशा में है। खण्ड के केंद्र O पर चुंबकीय क्षेत्र का मान तथा दिशा ज्ञात कीजिये । |
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Answer» अनुच्छेद 6 के अनुसार, वृतीय धारावाही खण्ड के केंद्र O पर खण्ड के कारण चुम्कीय क्षेत्र `vecB` का मान `B=(mu_(0))/(4pi)(i)/(a^(2)) sum delta l` जहाँ `sum delta l` खण्ड की लम्बाई है। परन्तु `sum delta = alpha a` (चाप = कोण `xx` त्रिज्या) `:. B=(mu_(0))/(4pi)(alpha i)/(a)` `(mu_(0))/(4pi)=10^(-7)` न्यूटन/ऐम्पियर `""^(2)` तथा i ऐम्पियर में व R मीटर में है। `:. B=10^(-7)((alphai)/(a))` न्यूटन/ऐम्पियर-मीटर। चुंबकीय क्षेत्र `vecB` की दिशा कागज के तल के लंबवत नीचे की ओर है। (सीधे भागों के कारण बिंदु O पर चुंबकीय क्षेत्र शून्य है।) |
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| 67. |
संलग्न चित्र में प्रदर्शित तार में i ऐम्पियर धारा है। अर्द्ध-व्रत के केंद्र O पर चुंबकीय क्षेत्र क्या होगा (i) प्रत्येक ल लम्बाई के सीधे भाग के कारण, (ii) त्रिज्या a के अर्द्ध-वृत्त के कारण तथा (iii) पुरे तारे के कारण ? |
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Answer» (i) बायो-सेवर्ट नियम से, धारावाही अवयव `Delta l` से `a` दुरी पर स्थित पर चुंबकीय क्षेत्र `Delta B=(mu_(0))/(4 pi)(I Delta l sin theta)/(a^(2))` जहाँ `theta`अवयव `Delta` तथा अवयव को उस बिंदु से मिलाने वाली रेखा के बीच कोण है। यहाँ तार के प्रत्येक सीधे भाग के लिए `theta=0` (अथवा`180^(@))` | अतः प्रत्येक l लम्बाई के सीधे भाग के लिए `B _(1)=B_(2)=0` (ii) तार के अर्द्ध-वृत्त के कारण केंद्र पर चुंबकीय क्षेत्र `B_(2)=(1)/(2)((mu_(0)i)/(2a))=(mu_(0)i)/(4a)` नीचे की ओर दिष्टि । (iii) पुरे तार के कारण चुंबकीय क्षेत्र `B=B_(1)+B_(2)+B_(3)=(mu_(0)i)/(4a)`नीचे की ओर दिष्टि| |
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| 68. |
लारेंज बल क्या है? इसके लिए व्यंजक लिखिए । |
| Answer» `vecF=q(vecE+vxxB)` | |
| 69. |
के आवेश q किसी चुंबकीय क्षेत्र `vecB` में उससे `vecb` के कोण पर व् वेग से चल रहा है । वावेश पर लगने वाला वाल कितना होगा ? |
| Answer» Correct Answer - `(1)/(2) q vB` | |
| 70. |
`+q` आवेश वाल कोई कण (अथवा प्रोटॉन) वेग `vecv` से एकसमान चुंबकियी क्षेत्र `vecB` के समान्तर दिशा में जा रहा है। इस पर लगने वाले बल का मान कितना होगा ? |
| Answer» Correct Answer - शून्य | |
| 71. |
चुंबकीय क्षेत्र (B) के समान्तर (v) चाल से गतिशील आवेश (Q) पर चुंबकीय क्षेत्र के कारण लगने वाले बल का मान होगा :A. `qvB`B. `aB//m`C. `m//qB`D. शून्य |
| Answer» Correct Answer - D | |
| 72. |
सीधे रेखा में गति करता है हुआ प्रोटॉन प्रबल चुंबकीय क्षेत्र में क्षेत्र के समान्तर प्रवेश के समान्तर प्रवेश करता है। चुंबकीय क्षेत्र में प्रवेश करने पर उसकी चाल वन गति की दिशा में क्या परिवर्तन होगा ? |
| Answer» कोई नहीं, क्योकि उस पर कोई बल नहीं लग रहा है। | |
| 73. |
एक आवेशित कण चुंबकीय क्षेत्र के लंबवत प्रवेश करता है। उसका मार्ग वृत्ताकार क्यों हो जाता है? |
| Answer» बल आवेशित कण के वेग की दिशा के लंबवत है इसके कारण वेग का परिमाण नहीं बदलेगा, केवल दिशा बदलेगी । | |
| 74. |
चुंबकीय क्षेत्र B के लंबवत v वेग से चलने वाले आवेश Q पर लगने वाले बल F का मान है :A. `F=qvB`B. `F=(qv)/(B)`C. `F=(qB)/(v)`D. `F=(Bv)/(q)` |
| Answer» Correct Answer - A | |
| 75. |
एक धन आवेशित कण `+q` किसी समरूप चुंबकीय क्षेत्र B में वेग v क्षेत्र के लंबवत प्रवेश करता है। (i) आवेश पर लगने वाले बल F का सूत्र लिखिए (ii) बल द्वारा किये गए कार्य की गणना कीजिए । |
| Answer» `(i) F=qvB`, (ii) शून्य | |
| 76. |
एक इलेक्ट्रॉन-पुँज में 5 माइक्रोऐम्पियर की धारा है। गणना कीजिए (i) प्रति सेकण्ड किसी बिंदु से कितने इलेक्ट्रॉन गुजरते है ? (ii) पुँज 50 सेमी की दूर कितना चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करता है? |
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Answer» Correct Answer - `(i) 3.125xx10^(13)` `(ii) 2.0x x10^(-12)` न्यूटन/(ऐम्पियर-मीटर) |
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| 77. |
10 ग्राम द्रव्यमान का एक तार PQ दो समान्तर धात्विक पटरियों पर विरामावस्था में है। पटरियों के बीच दुरी `4.9` सेमी है। `0.80` टेस्ला का एक चुंबकीय क्षेत्र पटरियों के तल के लंबवत नीचे की ओर लगा है । परिपथ का प्रतिरोध धीरे-धीरे घटाने पर, जब प्रतिरोध 20 ओम से कम होने लगता है तो तार PQ पटरियों पर खिसकने लगता है। तार व पटरियों के बीच घर्षण-गुणांक ज्ञात कीजिए । |
| Answer» Correct Answer - `0.12` | |
| 78. |
एक परिनालिका की लम्बाई `1.0` मीटर और औसत व्यास `3.0` सेमी है। इसमें तार के प्रत्येक 800 फेरों की 5 परतें है। परिनालिकता में प्रवाहित धारा `5.0` ऐम्पियर परिनालिका के केंद्र पर चुंबकीय क्षेत्र की तीव्रता की गणा कीजिए । |
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Answer» Correct Answer - `25.12xx10^(-3)` टेस्ला `B=5xxmu_(0) n I ` |
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| 79. |
धातु के एक तार (द्रव्यमान m), चित्र में दिखाई गई L दुरी पर स्थित क्षैतिज व समान्तर पटरियों पर फिसला रहा है। पटरियाँ, उध्र्व व ऊपर की ओर दिष्ट एकसमान चुंबकीय क्षेत्र `vecB` में स्थित है तथा उनमे के बैटरी के द्वारा धारा i प्रवाहित है। यदि t=0 समय पर विरामावस्था में था तो t समय पर इसका वेग क्या है? |
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Answer» तार (लम्बाई L) पर चुंबकीय बल `vecF` कागज के तल में तार के लंबवत है तथा बायीं ओर को दिष्ट है, t समय पर तार का वेग `v=u+ a t`. यहाँ `u= 0, a=(F)/(m) =( I B L)/(m)xxt=iB Lt//m` बैटरी से दूर । |
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| 80. |
एक परिनालिका की लम्बाई 20 सेमी तथा त्रिज्या 1 सेमी है। इसमें तार के 5000 फेरे है। `0.4` ऐम्पियर की धारहित करने पर इसके केंद्र पर चुंबकीय क्षेत्र का मान ज्ञात कीजिए । सिरों पर चुंबकीय क्षेत्र क्या होगा ? `(pi=3.14)` |
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Answer» Correct Answer - `12.56xx10^(-3)` वेबर/मीटर`""^(2)` `6.28xx10^(-3)`वेबर/मीटर`""^(2)` परिनालिका की लम्बाई त्रिज्या की 20 गुनी है, अतः परिनालिका लम्बी है। इसकी त्रिज्या का गणना में कोई उपयोग नहीं है। |
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| 81. |
एकसमान चुंबकीय क्षेत्र में प्रवेश करने वाले A ओर B दो ऐल्फा कणो के वेग `4:1` अनुपात में है। क्षेत्र में प्रवेश करने के बाद के विभिन्न वृताकार मार्गो पर गति करते है। कणों के मार्गो की वक्रता-त्रिज्याओं का अनुपात बताइए । |
| Answer» Correct Answer - `4:1` | |
| 82. |
बायो-सेवर्ट नियम का उल्लेख कीजिए तथा इसकी सहायता से L लम्बाई तथा i धारा के धारावाही चालक के लंबवत x दुरी पर चुंबकीय क्षेत्र का व्यंजक ज्ञात कीजिए । |
| Answer» `(mu_(0))/(4pi)(i)/(x)` | |
| 83. |
बायो-सेवर्ट नियम का उल्लेख कीजिए 10 सेमी त्रिज्या के वृताकार लूप में 5 ऐम्पियर की धारा बह रही है। लूप के केंद्र पर चुंबकीय क्षेत्र की गणना कीजिए । |
| Answer» Correct Answer - `3.14xx10^(-5)` टेस्ला | |
| 84. |
किसी वृताकार धारावाही लूप के केंद्र पर उत्पन्न चुंबकीय क्षेत्र का मान तथा उसकी दशा बताइए। |
| Answer» `B=(nu_(0)i)/(2a)` चुंबकीय क्षेत्र की दिशा लूप के तल के लंबवत होगी । | |
| 85. |
`2.0` मिमी व्यास के ताँबे के तार में 10 A की धारा है। इस धरा के कारण अधिकतम चुंबकीय क्षेत्र की तीव्रता का परिमाप ज्ञात कीजिए । |
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Answer» Correct Answer - `2pixx10^(-3)`टेस्ला `(mu_(0))/(2) (i)/(r)` |
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| 86. |
दिए गए चित्र में एक सीधे चालक में 2 ऐम्पियर की धारा प्रवाहित हो रही है। चालक से `2.3` सेमी की दूरी पर बिंदु P पर चुम्बकीय क्षेत्र का मान एवं दिशा ज्ञात कीजिये। |
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Answer» ऋणजुरेखीय धारावाही चालक के समीप किसी बिंदु P पर चुम्कीय क्षेत्र `B=(mu_(0)i)/(4 pi r) (sin phi_(1)+sin phi_(2))` जहाँ `r=2.73xx10^(-2)` मीटर चालक की बिंदु प से लंबवत दुरी है तथा `phi_(1)=60^(@)` व `phi_(2)=30^(@)` है। चालक में धारा `i=2`n ऐम्पियर है। तब `B=10^(-7)xx(2)/(2.73xx10^(-2))(sin 60^(@)+sin30^(@))` `=(2xx10^(-5))/(2.73)((sqrt(3))/(2)+(1)/(2))=10^(-5)` टेस्ला | दिशा : दक्षिणावर्त्त पेंच के नियमानुसार चुम्कीय क्षेत्र बी की दिशा कागज के ताल के लंबवत ऊपर की ओर होगी। |
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| 87. |
एक हीलियम नाभिक `0.8` मीटर त्रिज्या के वृत्त में प्रति सेकण्ड एक चक्कर लगाता है। वृत्त के केंद्र पर उत्पन्न चुंबकीय क्षेत्र होगा-A. `mu_(0)xx10^(-19)`B. `mu_(0)xx10^(19)`C. `2xx10^(-19)mu_(0)`D. `(2xx10^(-19))/(mu_(0))` |
| Answer» Correct Answer - C | |
| 88. |
एक हीलियम नाभिक को `0.8` मीटर त्रिज्या के वृत्त परिक्रमा करने में 2 सेकण्ड का समय लगता है । वृत्त के केंद्र पर उत्पन्न चुंबकीय क्षेत्र की गणना कीजिए । |
| Answer» Correct Answer - `12.56xx10^(-26)` टेस्ला | |
| 89. |
हीलियम का एक नाभिक `0.8` मीटर त्रिज्या के वृत्त का 2 सेकण्ड में पूरा चक्कर लगा रहा है। सिद्ध किजिए की वृत्त के केंद्र पर चुंबकीय क्षेत्र का मान `10^(-19)mu_(0)` टेस्ला है । |
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Answer» `=(q)/(T)=(2e)/(T)=(2e)/(2)=e` `B=(mu_(0)i)/(2)(i)/(a)=(mu_(0)xx1.6xx10^(-19))/(2xx0.8)=10^(-19) mu_(0)` |
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| 90. |
`2xx10^(-10)` मी त्रिज्या के वृताकार मार्ग पर एक इलेक्ट्रान `3xx10^(6)` मी/से की एकसमान चाल से चक्कर लगाकर रहा है। वृताकार मार्ग के केंद्र पर उत्पन्न चुंबकीय क्षेत्र की गणना कीजिए। दिया है : `mu_(0)//4pi=10^(-7)`वेबर/(ऐम्पियर-मीटर) तथा `e=1.6xx10^(-19)`कुलाम) |
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Answer» a मीटर त्रिज्या की वृताकार चालक में i ऐम्पियर की धारा प्रवाहित होने पर चालक के केंद्र पर चुंबकीय क्षेत्र `B=(mu_(0)i)/(2a)` यदि इलेक्ट्रान (आवेश e)t सेकण्ड में एक चक्कर लगाता है, तब धारा (=आवेश/समय) `i=(e)/(t)` परन्तु `t=2 pi a//v` जहाँ v इलेक्ट्रान की चाल है। `:. i=(e)/(2 pi a//v)=(e v)/(2 pi a)` i का मान उपरोक्त समीकरण में रखने पर `B=(mu_(0))/(2 a) ((ev)/(2 pia))=(mu_(0))/(4 pi)(ev )/(a^(2))` प्रश्नानुसार `e=1.6xx10^(-19)` कुलाम `v=3xx10^(6)` मीटर/सेकण्ड `a=2xx10^(-10)` मीटर तथा `mu_(0)//4pi =10^(-7)` वेबर//(ऐम्पियर-मीटर) `:. B=(10^(-7)("वेबर")/(ऐ -मी))xx((1.6xx10^(-19) "कुलाम")xx(3xx10^(6)मी//से))/((2xx10^(-10)मी)^(2))` `=1.2 ` वेबर/मीटर`""^(2)` । |
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| 91. |
एक इलेक्ट्रॉन तथा एक प्रोटॉन एक ही चाल से एकसमान चुंबकीय क्षेत्र B में लंबवत प्रवेश करते है। ज्ञात कीजिए: (i) किस कण के लिए वृताकार मार्ग की त्रिज्या बड़ी होगी ? (ii) क्यों बड़ी होगी? (iii) कितनी बड़ी होगी? प्रोटॉन इलेक्ट्रॉन से 1840 गुना भारी है । |
| Answer» Correct Answer - प्रोटॉन के, (ii) `r=m v//qB` प्रोटॉन का अधिक द्रव्यमान अधिक होने के कारण (iii) 1840 गुनी । | |
| 92. |
एकसमान आवेशित कण चुंबकीय क्षेत्र में लॉरेंज-बल F के करना R वक्रता-त्रिज्या के वृताकार मार्ग पर गति कर रहा है। एक चक्कर लगाने में इस बल द्वारा कितना कार्य किया जाता है ? क्या इस कण का संवेग वदल रहा रहा है ? |
| Answer» शून्य क्योकिं चुंबकीय बल कण की गति की दिशा के लंवत है जिस कारण क्षेत्र कण पर कोई कार्य नहीं किया जाता। कण की गति की दिशा बदलती है, अतः संवेग बदलेगा ।(क्योकि संवेग सदिश राशि है)। | |
| 93. |
संलग्न चित्र में प्रदर्शित तारों में प्रवाहित वैधुत धारा के कारण केंद O पर चुंबकीय क्षेत्र B का मान ज्ञात कीजिए । |
| Answer» Correct Answer - शून्य | |
| 94. |
संलग्न चित्र में प्रदर्शित तारों के लूप PQRSP में जो `R_(1)` व `R_(2)` त्रिज्याओं के दो अर्द्ध-वृताकार तारों को जोड़कर बना है, धारा i बहती है। केंद्र C पर चुंबकीय क्षेत्र की तीव्रता तथा दिशा ज्ञात कीजिए । |
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Answer» तारों के प्रत्येक सीधे भाग PQ पर RS के कारण केंद्र C पर चुंबकीय क्षेत्र शून्य होगा | त्रिज्या `R_(1)` के अर्द्ध-वृतीय भाग के कारण केंद्र C पर चुंबकीय क्षेत्र `B_(1)=(1)/(2)((mu_(0)i)/(2R_(1)))=(mu_(0)i)/(4 R_(1)`, कागज के तल के लंबवत नीचे किए ओर । त्रिज्या `R_(2)` के अर्द्ध-वृतीय भाग के कारण C पर चुंबकीय क्षेत्र `B_(2)=(1)/(2)((mu_(0)i)/(2R_(2)))=(mu_(0)i)/(4R_(2)`कागज भाग के तल के लंबवत ऊपर की ओर । केंद्र C पर परिणामी चुंबकीय क्षेत्र `B=B_(1)-B_(2)=(mu_(0)i)/(4)((1)/(R_(1))-(1)/(R_(2)))` कागज के तल के लंबवत नीचे की ओर । |
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| 95. |
संग्लन चित्र में प्रदर्शित मुड़े तार में i ऐम्पियर धारा है । बिंदु O पर चुंबकीय क्षेत्र का मान व दिशा ज्ञात कीजिए । |
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Answer» तार के नीचे वाले अर्द्ध-वृत्त के कारण केंद्र O पर चुंबकीय क्षेत्र का ` vecB_(1)` मान `B_(1)=(mu_(0)i)/(4a_(1))` क्षेत्र `vecB_(2)`कागज के तल के लंवत नीचे को दिष्ट होगा । तार के ऊपरी अर्द्ध-वृत्त के कारण केंद्र O पर चुंबकीय क्षेत्र `vecB_(2)` का मान `B_(2)=(mu_(0)i)/(4a_(2))` क्षेत्र `vecB_(2)`भी कागज के तल के लंबवत नीचे को दिष्ट होगा । `:.` पुरे तार के कारण केंद्र O पर चुंबकीय क्षेत्र `vecB_(1)` का मान `B=B_(1)B_(2)=(mu_(0)i)/(4)((1)/(a_(1))+(1)/(a_(2)))` क्षेत्र `vecB`,कागज के तल के लंबवत नीचे की ओर दिष्ट होगा। |
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| 96. |
एक आयताकार लूप , जिसकी भुजाएं 25 सेमी तथा 10 सेमी है, में `1.5` ऐम्पियर की धारा प्रवाहित हो रही है। इसे इस प्रकार रखा जाता है की इसकी बड़ी भुजा `2.0` सेमी की दूर पर रखे गए एक लम्बे ऋजुरेखीय धारावाही चालक जिसमे 25 ऐम्पियर की धारा प्रवाहित हो रही है, के समान्तर है : (i) इस लूप की प्रत्येक भुजा पर बल ज्ञात कीजिए तथा (ii) इस लूप पर कुल बल ज्ञात कीजिए । |
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Answer» (i) धारा के `i_(2)` कारण लूप की भुजा AB पर (आकर्षण) बल `F_(1)=(mu_(0))/(2pi)(i_(1)i_(2)L)/(r)" "XY` की ओर `=(2xx10^(-7)"न्यूटन"//ऐ^(2))xx(1.5ऐxx25ऐxx0.25मी)/(0.020 मी)` `=0.9375xx10^(-4)` न्यूटन इसी प्रकार धारा `i_(2)` के कारण लूप की भुजा CD पर (प्रतिकर्षण) बल `F_(2)=(mu_(0))/(2pi)(i_(1)i_(2)L)/((r+x))" "`XY से दूर `=(2xx10^(-7)"न्यूटन"//ऐ^(2))xx(1.5ऐxx25ऐxx0.25मी)/(0.12 मी)` `=0.156xx10^(-4)`न्यूटन भुजा अब AD व BC पर लगने वाले बल, बराबर व विपरीत होने के कारण निरस्त हो जायेंगे। (ii) लूप पर कुल बल `(F)=F_(1)-F_(2)` `=0.9375xx10^(-4)-0.156xx10^(-4)` `=0.7815xx10^(-4)` न्यूटन |
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| 97. |
सलग्न चित्र में AB एक लम्बा तार है जो की मेज पर रखा है। तार CD, 10 सेमी लम्बा है तथा AB के ठीक ऊपर है। यह दो ऊर्ध्वाधर तारों पर ऊपर-नीचे खिसक सकता है। यदि दोनों तारों में 20 ऐम्पियर की धारा हो तो तार CD तार AB के कितना ऊपर ठहरेगा ? तार CD का द्रव्यमान `0.50` ग्राम है। |
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Answer» माना की तार CD की लम्बाई L मीटर है तथा यह तार AB से r मीटर ऊपर ठहरेगा । तार CD पर तार AB की धारा के कारण चुंबकीय बल, `F_(m)=(mu_(0))/(2pi)(i_(1)i_(2)L)/(r)` चूँकि तारों AB व CD में दायरें विपरीत दिशाओं में है , अतः CD पर चुंबकीय बल `F_(m)` ऊपर की ओर होगा । अब तार CD (द्रव्यमान m)पर नीचे की ओर गुरुत्व-बल `F_(g)=m g` सन्तुलित की स्थिति में `F_(m)=F_(g)` `:. (mu_(0))/(2pi)(i_(1)i_(2)L)/(r)= mg` अथवा `r=(mu_(0))/(2pi)(i_(1)i_(2)L)/(mg)` प्रश्नानुसार `(mu_(0))/(2pi)=2xx10^(-7)"न्यूटन"//"ऐम्पियर"^(2)` `i_(1)=i_(2)20` ऐम्पियर `=0.10` मीटर, `m=0.50xx10^(-3)` किग्रा `g=9.85` न्यूटन/किग्रा `r=?` `:.r=(2xx10^(-7)("न्यूटन")/("ऐ"^(2)))xx(20ऐxx0.10मी)/((0.50xx10^(-3)"किग्रा")xx9.8"न्यूटन"//"किग्रा")` `=16.3xx10^(-4)`मीटर `=1.63` मिमी। |
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| 98. |
एक लम्बे तार में `10.0` ऐम्पियर की धारा उत्तर से दक्षिण की ओर प्रवाहित हो रही है। तार से `10.0` सेमी दुरी दायी ओर एक इलेक्ट्रान को दक्षिण से उत्तर की ओर `2.0` मीटर/सेकण्ड की चाल से प्रक्षेपित किया गया है। इलेक्ट्रान पर लगने वाले चुंबकीय बल का परिमाण एंव दिशा ज्ञात कीजिए । |
| Answer» Correct Answer - `6.4xx10^(-24)` न्यूटन, तार की ओर । | |
| 99. |
एक लम्बे क्षैतिज तथा जकड़े तार में 100 ऐम्पियर धारा बह रही है इसके ठीक ऊपर तथा समान्तर एक महीन तार है जिसमे 200 ऐम्पियर धारा बह रही है तथा जिसके एकांक लम्बाई का भार `0.05` न्यूटन/मीटर तार को निचले तार से कितना ऊपर रखना चाहिए ताकि यह चुंबकीय प्रतिकर्षण के कारण ही टिका रहे ? |
| Answer» Correct Answer - 8सेमी | |
| 100. |
पूर्व-पश्चिम दिशा में स्थित एक लम्बे तार में 10 ऐम्पियर की धारा पूर्व से पश्चिम की ओर है। तार से क्षैतिज तल में (i) 10 सेमी उत्तर (ii) 20 सेमी दक्षिण, तथा तार से उर्ध्व तल में (iii) 40 सेमी नीचे तथा (iv) 50 सेमी ऊपर, चुंबकीय क्षेत्र B के मान ज्ञात कीजिए। |
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Answer» एक लम्बे तार के कारण जिसमे i ऐम्पियर धारा है, तार से r मीटर की दुरी उत्पन्न चुंबकीय क्षेत्र `B=(mu_(0))/(2 pi) (i)/(r)` जहाँ `mu_(0)//2 pi =2xx10^(-7)`न्यूटन/ऐम्पियर `""^(2)` | `(0.10)` उत्तर की ओर क्षैतिज तल में चुंबकीय क्षेत्र `B_(N)=2xx10^(-7) ("न्यूटन")/("ऐम्पियर" ""^(2))("ऐम्पियर")/(0.10"मीटर")` `=2xx10^(-5)` न्यूटन/ऐम्पियर)| तार धारा की दिशा पूर्व से पश्चिम की ओर है। अतः दाएँ हाथ की हथेली के नियम नं 1 के अनुसार उत्तर में स्थित बिंदु पर क्षेत्र की दिशा उध्र्व तल में नीचे की ओर होगी । (ii)तार से 20 सेमी (`0.20` मीटर) दक्षिण की ओर चुंबकीय क्षेत्र `B_(S)=(2xx10^(-7)"न्यूटन")/("ऐम्पियर"^(2))10(0.10"ऐम्पियर")/(0.20"मीटर)` `1xx10^(-5)` न्यूटन/ऐम्पियर)| क्षेत्र की दिशा उध्र्व तल में ऊपर की ओर होगी । (ii) उध्र्व तल में तार से नीचे 40 सेमी `(=0.40` मीटर) दूर `(2xx10^(-7)"न्यूटन")/("ऐम्पियर"^(2))xx(0.10"ऐम्पियर")/(0.40"मीटर)` `5xx10^(-6)` न्यूटन/ऐम्पियर)| क्षेत्र की दिशा क्षैतिज तल में दक्षिण की ओर होगी । (iv) उध्र्व तल में तार के ऊपर सेमी (`= 0.50` मीटर) दूर `B_(U)=(2xx10^(-7)"न्यूटन")/("ऐम्पियर"^(2))xx(10"ऐम्पियर")/(0.20"मीटर)` `=4xx10^(-6)` न्यूटन/ऐम्पियर)| क्षेत्र की दिशा क्षैतिज तल में उत्तर की ओर होगी । |
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