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त्रिज्या R की एक अचालक चकती के पृष्ठ पर आवेश Q एकसमान रूप से वितरित किया गया है। चकती कोणीय वेग `omega` से इसके तल के लंबवत तथा केंद्र से गुजरने वाली अक्ष के पारित : घूर्णन करती है। इस घूर्णन के परिणमास्वरूप चकती के केंद्र पर चुंबकीय क्षेत्र B प्राप्त होता है । यदि हम चकती पर रखे गए आवेश तथा इसके कोणीय वेग को नियत रखे तथा चकती की त्रिज्या में परिवर्तन करे, तो चकती के केंद्र पर चुंबकीय क्षेत्र का विचरण (variation) किस चित्र द्वारा दर्शाया जायेगा?A. B. C. D. |
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Answer» Correct Answer - A चकती के आवेश का पृष्ठ-घनत्व `sigma=(Q)/(piR^(2))` माना चकती अनेक वलयों से मिलकर बनी है, एक वलय जिसकी त्रिज्य r मोटाई dr है, पर आवेश `dQ=2 pi r d r sigma` । इस वलय के केंद्र पर चुंबकीय क्षेत्र `dB=(mu_(0)i)/(2r)=(mu_(0))/(2r)(dQ)/(dt)=(mu_(0))/(2r)(2pi r dr sigma)xx(omega)/(2pi)=(mu_(0)sigma omega)/(2)dr` `:. B=int_(0)^(R)(mu_(0)sigma omega)/(2)dr=(mu_(0)omega)/(2)xx(Q)/(pi R^(2))xxR=(mu_(0)Qomega)/(2piR)` अथवा `Bprop(1)/(R)` चित्र (a) यह सम्बन्ध व्यक्त करता है। |
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