This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
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मानवीय साधनों के महत्त्व पर एक नोट लिखो। |
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Answer» मानवीय साधन बहुत ही महत्त्वपूर्ण हैं। अन्य साधनों को मनुष्य ही अपनी कुशलता द्वारा उपयोगी बनाता है। अब उसकी शक्ति उसकी गुणवत्ता से मापी जाती है। जिस देश में जितने अधिक लोग उच्च शिक्षा प्राप्त, कुशल तथा प्रशिक्षित होते हैं, वह देश उतनी अधिक उन्नति करता है। उदाहरण के लिए जापान, ताईवान तथा स्विट्ज़रलैंड जैसे छोटे-छोटे देशों में प्राकृतिक साधनों की कमी है। फिर भी उन्होंने अपने मानवीय साधनों के बल पर बहुत अधिक उन्नति की है। |
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| 102. |
2011 की जनगणना के अनुसार भारत की कुल आबादी कितनी है?(क) 101.7 करोड़(ख) 121 करोड़(ग) 100.8 करोड़(घ) 102.8 करोड़ |
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Answer» सही विकल्प है (ख) 121 करोड़ |
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मानवीय संसाधन से क्या अभिप्राय है? |
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Answer» मानवीय संसाधन से अभिप्राय किसी देश की जनसंख्या तथा उसकी कुशलता एवं उत्पादकता से है। |
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पश्चिम बंगाल में अधिक जनसंख्या घनत्व के कारण बताइए। |
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Answer» पश्चिम बंगाल में अधिक जनसंख्या घनत्व के अनेक कारण हैं। इस राज्य में अनेक औद्योगिक क्षेत्र हैं; जहाँ जीविका के साधन उपलब्ध हैं। यह एक उपजाऊ कृषि क्षेत्र भी है, जो न केवल चावल, जूट आदि की उपज के लिए उपयुक्त है बल्कि लोगों को रोजगार के अवसर भी प्रदान करता है। पश्चिम बंगाल खनन क्षेत्रों से युक्त है तथा अनेक खनन क्षेत्रों के समीप है; जहाँ जीवन-यापन एवं आवागमन के साधनों की पर्याप्त सुविधाएँ उपलब्ध हैं। पश्चिम बंगाल के पत्तन भी वहाँ पर अधिक जनसंख्या घनत्व का एक महत्त्वपूर्ण कारण हैं। |
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| 105. |
ग्रामीण क्षेत्रों से नगरों की ओर जनसंख्या के तेजी से अन्तरण को नियन्त्रित करने हेतु कोई दो सुझाव दीजिए। |
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Answer» ⦁ गाँवों में रोजगार उपलब्ध कराये जाएँ तथा |
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सन 2011 के अनुसार भारत का प्रति वर्ग किलोमीटर जनसंख्या घनत्व है –(क) 267(ख) 382(ग) 330(घ) 335 |
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Answer» सही विकल्प है (ख) 382 |
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सन 2011 की जनगणना के अनुसार, भारत की कुल जनसंख्या कितनी है?(क) 101.5 करोड़(ख) 102.4 करोड़(ग) 121.02 करोड़(घ) 103.5 करोड़ |
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Answer» (ग) 121.02 करोड़ |
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भारत में सन 2011 की जनगणनानुसार कुल जनसंख्या कितनी है? |
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Answer» भारत में सन् 2011 की जनगणनानुसार कुल जनसंख्या 121.02 करोड़ है। |
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| 109. |
भारत की दो प्रमुख खाद्यान्न फसलें कौन-कौन सी हैं? |
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Answer» चावल और गेहूँ भारत की दो प्रमुख खाद्यान्न फसलें हैं। |
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भारत की कितनी प्रतिशत जनसंख्या कृषि कार्य में संलग्न है? |
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Answer» भारत की 66% जनसंख्या कृषि कार्यों में संलग्न है। |
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कार्यशील जनसंख्या से आप क्या समझते हैं? |
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Answer» कार्यशील जनसंख्या, जनसंख्या का वह भाग है जो कार्य करने में सक्षम है तथा कार्य करने का इच्छुक भी है। इसमें 14 वर्ष से 62 वर्ष तक की आयु के व्यक्ति आते हैं। |
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निम्न में से कौन-सी बागाती फसल है?(क) चावल(ख) चाय(ग) चना(घ) गेहूँ |
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Answer» सही विकल्प है (ख) चाय |
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भारत की कार्यशील जनसंख्या का कितना प्रतिशत भाग कृषि कार्यों में संलग्न है?(क) लगभग 40%(ख) लगभग 55%(ग) लगभग 65%(घ) लगभग 85% |
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Answer» सही विकल्प है (ग) लगभग 65% |
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निम्नलिखित में कौन-सी आर्थिक क्रिया प्राथमिक व्यवसाय नहीं है?(क) लोहा-इस्पात उद्योग(ख) मत्स्य व्यवसाये(ग) खनन(घ) कृषि |
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Answer» सही विकल्प है (क) लोहा-इस्पात उद्योग |
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भारत में खनन व्यवसाय के पिछड़ेपन के क्या कारण हैं ? |
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Answer» भारत के खनन व्यवसाय के पिछड़ेपन के निम्नलिखित कारण हैं
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प्राथमिक व्यवसाय से आप क्या समझते हैं ? किन्हीं दो प्राथमिक व्यवसायों का वर्णन कीजिए। |
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Answer» प्राथमिक व्यवसाय भोजन-प्राप्ति तथा पृथ्वी पर जीवित रहने के लिए मनुष्य किसी-न-किसी रूप में कोई-न-कोई कार्य अवश्य करता है। सामान्य जन्तुओं को अपने भोजन के लिए स्वयं इधर-उधर घूमना पड़ता है तथा बड़े जन्तुओं को अपने भोजन की आवश्यकताएँ पूरी करने के लिए एक बड़े क्षेत्र की आवश्यकता होती है। मनुष्य की स्थिति अन्य जन्तुओं से भिन्न है। मनुष्य ने श्रम-विभाजन किया है, जिससे सभी लोग केवल खाद्य पदार्थों के उत्पादन में ही न लगे रहे। इस व्यवस्था में कुछ लोग तो खाद्य पदार्थों के उत्पादन में लग जाते हैं और कुछ लोगों को समाज की अन्य आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कई अन्य काम-धन्धे करते हैं। इस प्रकार के व्यवसाय को प्राथमिक व्यवसाय कहते हैं। प्राथमिक व्यवसाय के अन्तर्गत आखेट, पशुपालन, मत्स्यपालन, कृषि तथा खनन कार्य की गणना की जाती है 1. आखेट एवं संग्रहण – समाज का सबसे आरम्भिक रूप आखेट अवस्था का था। इस युग में लोग छोटे-छोटे समूहों में अलग-अलग रहते और शिकार करते थे। जब मानव को जंगली जानवरों से भय हुआ तो उसने उन्हें मारना शुरू कर दिया और उनका शिकार करके अपना पेट भरना भी सीख लिया। इस प्रकार आखेट मानव का सबसे प्राचीन व्यवसाय बन गया। पृथ्वी पर अभी भी कुछ प्रदेशों के लोग। सादा जीवन बिताते हैं। ऐसे लोग पूरी तरह प्रकृति पर निर्भर करते हैं। वे खाद्य पदार्थों की खोज में इधर-उधर घूमते रहते हैं। पशु-पक्षियों के आखेट तथा झीलों और नदियों से मछली पकड़ कर ये लोग संग्रहण से प्राप्त अपने भोजन की कमी को ही पूरा नहीं करते, वरन् इनसे उन्हें अतिरिक्त पौष्टिकता भी मिलती है। ये लोग शिकार के लिए साधारण हथियार; जैसे-भाले, धनुष-बाण, जाल आदि का प्रयोग करते हैं। अफ्रीका के पिग्मी तथा मलेशिया के सेमांग लोग उष्ण कटिबन्धीय वनों में रहते हैं। अफ्रीका के ही बुशमैन और ऑस्ट्रेलिया के आदिम लोग उष्ण कटिबन्धीय मरुस्थल में रहते हैं एवं इनुइट तथा लैप्स उत्तर-ध्रुवीय प्रदेशों में रहते हैं। भारत में अब आखेट का महत्त्व अत्यधिक कम हो चुका है। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखण्ड, असोम, मेघालय, मणिपुर, त्रिपुरा तथा दक्षिण भारत की आदिम जनजातियाँ आखेट द्वारा ही अपना जीवन-यापन करती हैं। वन्य-जीवों की संख्या लगातार कम होते रहने के कारण सरकार ने वन्य-जीवों के आखेट पर प्रतिबन्ध लगा दिया है। इसके अतिरिक्त वर्तमान समय में पर्यावरण संरक्षण के कारण यह व्यवसाय लुप्तप्राय ही हो चुका है। 2. पशुपालन – भारत में पशुपालन व्यवसाय कृषि के पूरक रूप में किया जाता है। यह पाश्चात्य देशों के वाणिज्यिक पशुपालन से सर्वथा भिन्न है। देश की दो-तिहाई कृषक जनसंख्या अपने जीविकोपार्जन के लिए गाय, बैल, भैंस आदि पालती है, जो उनके कृषि-कार्य में भी सहायक होते हैं। कुछ आदिवासी वर्ग भी पशुपालन द्वारा आजीविका प्राप्त करते हैं। पशुपालन पर आधारित प्रमुख उद्योग दुग्ध उत्पादन या डेयरी उद्योग है। वैसे तो हमारे देश में गायों तथा भैंसों से दुग्ध उत्पादन विदेशों की तुलना में अल्प ही है, किन्तु देश में इनकी संख्या अधिक होने के कारण भारत 1999-2000 ई० में विश्व का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक देश बन सका। वर्ष 2000-01 के दौरान 81 मिलियन टन दूध का उत्पादन हुआ है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 3 मिलियन टन अधिक था। पशुधन से देश में 9.8 मिलियन लोगों तथा सहायक क्षेत्र में 8.6 मिलियन लोगों को नियमित रोजगार मिलता है। यहाँ राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के अनुसार पिछले ढाई दशक में दुग्ध उत्पादन में तीन गुना वृद्धि हुई है। इस बोर्ड द्वारा उठाये गये कदमों अर्थात् ‘श्वेत क्रान्ति’ या ‘ऑपरेशन फ्लड’ द्वारा यह सम्भव हो पाया है। देश में इस समय 7 करोड़ दुग्ध उत्पादक हैं। दूध उत्पादन में भैंसों का सर्वाधिक योगदान है। भारत में विश्व की 57% भैंसें तथा 16% गायें हैं। |
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मानव के प्राथमिक व्यवसाय कौन-कौन से हैं? |
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Answer» आखेट, पशुपालन, मत्स्य पालन, कृषि तथा खनन मानव के प्राथमिक व्यवसाय हैं। |
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मत्स्य व्यवसाय के प्रमुख क्षेत्र कहाँ-कहाँ हैं ? इनका विवरण दीजिए।याभारत में मत्स्य व्यवसाय की समीक्षा कीजिए। |
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Answer» मत्स्य-पालन भारत के प्रमुख प्राथमिक व्यवसायों में से एक है। देश के पास 20 लाख वर्ग किमी का विस्तृत मत्स्य संग्रह क्षेत्र है, जिससे बड़ी मात्रा में मछलियाँ प्राप्त की जा सकती हैं। भारत के पास विशाल जलमग्न तट, सक्रिय समुद्री धाराएँ तथा विशाल नदियाँ हैं, जो समुद्र में मछलियों को भोज्य सामग्री पहुँचाती हैं। इन अनुकूल प्राकृतिक परिस्थितियों के कारण भारत में मत्स्य-व्यवसाय का भविष्य उज्ज्वल है। एक अनुमान के अनुसार भारत में लगभग 60 लाख लोग मात्स्यिकी क्षेत्र के रोजगार में लगे हुए हैं। भारत में दो प्रकार के मत्स्य संसाधन उपलब्ध हैं-आन्तरिक या ताजा मत्स्य क्षेत्र (यमुना, शारदा, गंगा आदि नदियाँ, झीलें व तालाब) तथा सागरीय मत्स्य क्षेत्र। वर्ष 1950-51 से 2000-01 की अवधि में आन्तरिक मत्स्य क्षेत्र में चौदह गुना वृद्धि हुई है, जब कि सागरीय मत्स्य क्षेत्र में पाँच गुना। मत्स्य व्यवसाय ने लोगों को रोजगार के अवसर तथा आय के साधन उपलब्ध कराये हैं। वर्ष 2003-04 में देश को मछलियों के निर्यात से १ 5,739 करोड़ की विदेशी मुद्रा भी प्राप्त हुई। वर्तमान में विश्व के मत्स्य उत्पादक देशों में भारत का चौथा स्थान है। केरल, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, आन्ध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल प्रमुख मत्स्योत्पादक राज्य हैं। भारत में मत्स्य व्यवसाय भी अनेक समस्याओं से घिरा हुआ है, जिन्हें दूर करने के लिए भारत सरकार अनेक उपाय कर रही है। इन उपायों में मछुआरों को आर्थिक तथा वित्तीय सहायता, विशाल मत्स्य नौकाओं की व्यवस्था, मछलियों के संग्रह हेतु शीतगृहों की सुविधाएँ आदि प्रमुख हैं। सरकार समय-समय पर पंचवर्षीय योजनाओं द्वारा मत्स्य उद्योग को प्रोत्साहन देती रही है। पिछले कुछ वर्षों में मछली उत्पादन में पर्याप्त वृद्धि हुई है। मछली उद्योग के वैज्ञानिक विकास तथा अनुसन्धान के लिए 1961 ई० में बम्बई (अब मुम्बई) में एक केन्द्रीय मछली शिक्षण संस्थान खोला गया तथा समुद्री मछलियों के अध्ययन के लिए एक अनुसन्धानशाला भी स्थापित की गयी। इस प्रकार कहा जा सकता है कि देश का मछली व्यवसाय धीरे-धीरे विकसित हो रहा है। |
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भारत में गन्ने का उत्पादन करने वाले किन्हीं दो राज्यों के नाम लिखिए। |
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Answer» भारत में गन्ने का उत्पादन करने वाले दो राज्यों के नाम हैं-
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| 120. |
कृषि पर आधारित किन्हीं दो प्रमुख उद्योगों के नाम लिखिए। |
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Answer» कृषि पर आधारित दो प्रमुख उद्योग हैं—
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| 121. |
प्राथमिक व्यवसाय के दो उदाहरण दीजिए। |
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Answer» प्राथमिक व्यवसाय के दो उदाहरण हैं-
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| 122. |
भारत के किन्हीं दो प्रमुख भूमि-सुधारों का उल्लेख कीजिए। |
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Answer» भारत के दो प्रमुख भूमि सुधार हैं—
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कपास की खेती के लिए निम्नलिखित में से सर्वाधिक उपयुक्त मिट्टी कौन-सी है?(क) लाल मिट्टी(ख) काली मिट्टी(ग) लैटेराइट मिट्टी(घ) जलोढ़ मिट्टी |
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Answer» सही विकल्प है (ख) काली मिट्टी |
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चाय की खेती के लिए कौन-सी मिट्टी सर्वाधिक उपयुक्त है?(क) पर्वतीय मिट्टी(ख) दोमट मिट्टी(ग) जलोढ़ मिट्टी(घ) लैटेराइट मिट्टी |
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Answer» सही विकल्प है (क) पर्वतीय मिट्टी |
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| 125. |
निम्नलिखित में से सबसे अधिक कपास उत्पन्न करने वाला राज्य कौन है?(क) हरियाणा(ख) गुजरात(ग) मध्य प्रदेश(घ) उत्तर प्रदेश |
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Answer» सही विकल्प है (ख) गुजरात |
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निम्नलिखित में से किस प्रदेश में गेहूं का उत्पादन सर्वाधिक होता है?(क) पंजाब(ख) हरियाणा(ग) बिहार(घ) उत्तर प्रदेश |
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Answer» सही विकल्प है (घ) उत्तर प्रदेश |
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भारत में रेल इंजन कहाँ बनाये जाते हैं? |
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Answer» भारत में रेल इंजन चित्तरंजन में बनाये जाते हैं। |
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भारत में वायु परिवहन सेवा का वर्णन और परीक्षण कीजिए।यावायु परिवहन के महत्त्व पर प्रकाश डालिए।यावायु परिवहन आजकल अधिक उपयोगी क्यों है? कोई तीन बिन्दु लिखिए। |
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Answer» भारत में वायु परिवहन आधुनिक परिवहन साधनों में वायु परिवहन सबसे तीव्रगामी साधन है। दुर्गम क्षेत्रों; जैसे–पर्वत, सघन वन एवं मरुस्थलीय क्षेत्रों में रेल एवं सड़क-मार्गों का विकास करना असम्भव लगता है, परन्तु वायु परिवहन द्वारा इन क्षेत्रों को सरलता से जोड़ा जा सकता है। वर्तमान युग में किसी भी राष्ट्र के त्वरित आर्थिक विकास हेतु इसके महत्त्व को कम करके नहीं आँका जा सकता। भारत में वायु परिवहन का विकास सन् 1920 से प्रारम्भ हुआ, किन्तु स्वतन्त्रता से पूर्व इसका उपयोग अधिकतर सैनिक कार्यों के लिए ही किया जाता था। स्वतन्त्रता-प्राप्ति के बाद सरकार ने वायु परिवहन के विकास हेतु एक समिति का गठन किया, जिसके सुझाव पर 1953 ई० में वायु परिवहन का राष्ट्रीयकरण कर दिया गया। वर्तमान में सभी विमान कम्पनियों को निम्नलिखित तीन निगमों में विभाजित कर दिया गया 1. इण्डियन ( इण्डियन एयरलाइन्स) – इसका प्रमुख कार्य देश के भीतरी भागों में वायु सेवाओं का संचालन करना है। इसे कुछ पड़ोसी देशों से भी वायु सेवा सम्पर्क का दायित्व सौंपा गया है। इसका प्रधान कार्यालय नयी दिल्ली में है। इस निगम की सेवाएँ दिल्ली, मुम्बई, कोलकाता एवं चेन्नई वायु-पत्तनों से संचालित की जाती हैं। इसके विमान में हम देश के प्रमुख नगरों तथा पड़ोसी देशों के बीच उड़ान भरते हैं। ये सेवाएँ 16 विदेशी केन्द्रों तथा 79 राष्ट्रीय केन्द्रों को विमान सेवा प्रदान करती हैं। वर्तमान समय में प्राइवेट एयरलाइन्स भी अन्तर्देशीय विमान सेवाएँ उपलब्ध कराती हैं। वर्तमान में इस निगम के नियन्त्रण में 70 से अधिक विमानों का बेड़ा है तथा इसका नाम परिवर्तित (इण्डियन) कर दिया गया है। वायुदूत – 20 जनवरी, 1981 ई० को वायुदूत नामक निगम उत्तर-पूर्वी राज्यों के पर्वतीय क्षेत्रों के विकास हेतु स्थापित किया गया। बाद में वर्ष 1992-93 में वायुदूत का विलय इण्डियन एयरलाइन्स में कर दिया। 2. एयर इण्डिया – इस निगम को लम्बी दूरी के अन्तर्राष्ट्रीय मार्गों पर वायु सेवाओं के संचालन का दायित्व सौंपा गया है। भारत में आने वाली अन्य अन्तर्राष्ट्रीय एयरलाइन्स भी. अन्तर्राष्ट्रीय सेवाएँ उपलब्ध कराती हैं। एयर इण्डिया लि० द्वारा संचालित 4 वायुमार्ग निम्नलिखित हैं
अन्तर्राष्ट्रीय उड़ान भरने के लिए एयर इण्डिया के पास 32 विमान हैं। वर्ष 2002-03 में इसने लगभग तेंतीस लाख यात्रियों को उनके गन्तव्य तक पहुँचाया है। 3. पवन हंस हेलीकॉप्टर्स लि० – इसकी स्थापना 15 अक्टूबर, 1985 ई० को की गयी थी। यह पेट्रोलियम क्षेत्र, जिनमें ओ०एन०जी०सी० और ऑयल इण्डिया लि० सम्मिलित हैं, को सहायतार्थ सेवाएँ उपलब्ध कराता है तथा देश के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के दूरस्थ और दुर्गम क्षेत्रों को जोड़ता है। यह अन्य ग्राहकों; जैसे राज्य और संघ राज्य क्षेत्र सरकारें, सरकारी क्षेत्र के उपक्रम और निजी क्षेत्र की कम्पनियों को भी सेवाएँ उपलब्ध कराता है। वर्तमान में इस निगम के पास तीस से अधिक हेलीकॉप्टर हैं। इसके अतिरिक्त देश में निजी वायु सेवाएँ भी संचालित हो रही हैं। निजी वायु सेवाओं में सहा एयरवेज, जेट एयरवेज आदि हैं। लगभग 41 निजी एयर लाइनें, एयर-टैक्सी और घरेलू वायुयानों से घरेलू हवाई यातायात के 42% भाग संचालित हो रहे हैं। महत्त्व वायु परिवहन वैज्ञानिक युग का एक आश्चर्यजनक आविष्कार है। परिवहन के इस तीव्रगामी साधन ने समय’ और ‘दूरी की समस्या के समाधान में अद्वितीय योगदान दिया है। वर्तमान समय में वायु परिवहन का महत्त्व निम्नलिखित बातों से भली-भाँति स्पष्ट हो जाएगा– 1. बहुमूल्य तथा हल्की वस्तुओं का स्थानान्तरण – वायु परिवहन द्वारा मूल्यवान, हल्की व शीघ्र नष्ट होने वाली वस्तुओं को कम समय में एक स्थान से दूसरे स्थान को भेजा जा सकता है। 2. न्यूनतम मार्ग व्यय – परिवहन के अन्य साधनों; जैसे–रेलों, सड़कों आदि की तरह वायु परिवहन के लिए मार्ग बनाने का कोई व्यय नहीं करना पड़ता। केवल हवाई अड्डे बनाने पड़ते हैं। 3. भौगोलिक बाधाओं से मुक्ति – वायुयानों के मार्ग में वनों, रेगिस्तानों, दलदली भूमि, बर्फीले प्रदेशों, पहाड़ों, नदियों, समुद्रों आदि से कोई बाधा उत्पन्न नहीं होती। इस प्रकार परिवहन का यह साधन भौगोलिक बाधाओं से मुक्त है। 4. कृषि में सहायक – अमेरिका, ऑस्ट्रिया आदि विकसित राष्ट्रों में अनाज बोने तथा खेतों में खाद डालने में वायुयानों की सहायता ली जाती है। फसलों में बीमारियों के फैलने पर वायुयानों द्वारा कीटनाशक दवाइयाँ छिड़ककर फसलों की रक्षा की जाती है। 5. व्यावसायिक लाभ – विमान दूरस्थ स्थानों पर मूल्यवान वस्तुओं को शीघ्रता से कम जोखिम तथा कम समय में पहुँचाकर उनके बाजार-क्षेत्र का विस्तार करने में सहायक होते हैं। 6. शान्ति और व्यवस्था की स्थापना – देश के किसी भी भाग में अशान्ति तथा अव्यवस्था (दंगे आदि) की स्थिति उत्पन्न हो जाने पर विमानों द्वारा सैनिक, हथियार आदि भेजकर स्थिति पर शीघ्रता से नियन्त्रण स्थापित किया जा सकता है। 7. प्राकृतिक विपत्तियों में सहायक – बाढ़, अकाल, भूकम्प, अनावृष्टि आदि विपत्तियों के समय विमानों द्वारा शीघ्रता से जीवन-रक्षक सामग्री पहुँचाकर जनता की प्रार्णरक्षा की जा सकती है। 8. सैनिक दृष्टि से युद्ध स्थल तक गोला – बारूद, अस्त्र-शस्त्र व सैनिकों को पहुँचाने, सैनिकों को युद्ध क्षेत्र से बाहर निकालने, शत्रु-सेना पर बमबारी करने आदि में वायु परिवहन का अत्यधिक महत्त्व है। 9. डाक सेवा – ‘वायु डाक सेवा’ द्वारा डाक को लाने व ले जाने में समय की बहुत अधिक बचत होती है। 10. पर्यटन का विकास – अधिकांश विदेशी पर्यटक देश के दर्शनीय स्थानों को देखने के लिए विमानों द्वारा जाते हैं, जिससे देश को प्रतिवर्ष करोड़ों रुपये की विदेशी मुद्रा प्राप्त होती है। |
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जनगणना किसे कहते हैं और यह कितने वर्षों के बाद की जाती है? |
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Answer» किसी देश की जनसंख्या की गिनती को जनगणना कहते हैं। जनगणना में लोगों की गिनती के साथ-साथ उनके कुछ सामाजिक तथा आर्थिक पक्षों की जानकारी भी प्राप्त की जाती है। जनगणना प्रत्येक 10 वर्ष के बाद होती है। |
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रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए :1. जनगणना प्रत्येक …….. वर्ष के बाद होती है।2. किसी क्षेत्र के एक वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में औसत रूप से रहने वाले लोगों की संख्या को ……….. कहते हैं।3. ……… अभियान का मुख्य उद्देश्य 6 से 14 वर्ष तक के सभी बच्चों को आरम्भिक स्तर की शिक्षा __दिलवाना है।4. जो व्यक्ति किसी भी भाषा में पढ़ सकता है, लिख सकता तथा समझ सकता है उसे ……….. कहा जाता है। ”5. ……… संसाधन सबसे महत्त्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधन है। |
Answer»
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पंजाब राज्य की कुल तथा स्त्रियों की शिक्षा (साक्षरता) दर कितनी-कितनी है ? |
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Answer» क्रमश: 75.8% तथा 70.7% |
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भारत में शिक्षा के प्रसार के लिए क्या प्रयत्न किये जा रहे हैं ? |
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Answer» भारत में शिक्षा के प्रसार के लिए हर सम्भव प्रयास किए जा रहे हैं। सरकार भी शिक्षा की उन्नति के लिए बहुत प्रयत्न कर रही है। –
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| 133. |
पिछली जनगणना कब हुई थी ? अगली जनगणना कब होगी ? |
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Answer» पिछली जनगणना 2011 में हुई थी। अगली जनगणना 2021 में होगी। |
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| 134. |
जनसंख्या को मुख्य रूप से कौन-कौन से आयु गुटों में बांटा जा सकता है ? |
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Answer» जनसंख्या को मुख्य रूप से तीन आयु गुटों में बांटा जा सकता है- (1) 0-14 वर्ष (2) 15-64 वर्ष (3) 65 वर्ष या अधिक। |
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| 135. |
राष्ट्रीय जनसंख्या नीति, 2000 का क्या उद्देश्य था ? |
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Answer» वर्ष 2045 तक जनसंख्या का संतुलन स्थिर करना। |
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जन्म दर, मृत्यु दर तथा प्राकृतिक वृद्धि दर से क्या अभिप्राय है ? प्राकृतिक वृद्धि दर का उदाहरण भी दें। |
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Answer» जन्म दर- एक वर्ष में 1000 लोगों के पीछे जितने जीवित बच्चे (Live Birth) जन्म लेते हैं। उसे जन्म दर (Birth Rate) कहा जाता है। मृत्यु दर- एक वर्ष में 1000 लोगों के पीछे मरने वाले लोगों की संख्या को मृत्यु दर (Death Rate) कहा जाता है। प्राकृतिक वृद्धि दर- जन्म दर और मृत्यु दर में जो अन्तर होता है उसे “प्राकृतिक वृद्धि दर” (Natural Growth Rate) कहा जाता है। उदाहरण के लिए यदि जन्म दर 30 है और मृत्यु दर 10 हो तो प्राकृतिक वृद्धि दर (30-10) 20 होगी। इसका अर्थ यह है कि एक वर्ष में 1000 व्यक्तियों के पीछे 20 व्यक्तियों की वृद्धि हुई है। |
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सर्वशिक्षा अभियान (कार्यक्रम) का मुख्य उद्देश्य क्या है ? |
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Answer» सर्वशिक्षा अभियान का मुख्य उद्देश्य 6 से 14 वर्ष तक के सभी बच्चों को आरम्भिक स्तर की शिक्षा दिलवाना है। |
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कुल जनसंख्या की दृष्टि से भारत का विश्व में कौन-सा स्थान है? कान-सा स्थान है?(क) पाँचवाँ(ख) दूसरा(ग) सातवाँ(घ) नौवाँ |
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Answer» सही विकल्प है (ख) दूसरा |
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जनसंख्या की दृष्टि से भारत का संसार में कौन-सा स्थान है ? संसार की कुल जनसंख्या का कितने प्रतिशत भाग भारत में रहता है ? |
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Answer» जनसंख्या की दृष्टि से भारत का संसार में दूसरा स्थान है। संसार की कुल जनसंख्या का 17.% भाग भारत में रहता है। |
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पूरे संसार का लिंग अनुपात कितना है ? संसार के दो महाद्वीपों के नाम बताओ जहां लिंग अनुपात अधिक है ? यह कितना-कितना है ? |
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Answer» पूरे संसार का लिंग अनुपात 985 है। यूरोप तथा उत्तरी अमेरिका महाद्वीपों में लिंग अनुपात अधिक है। यह क्रमश: 1072 तथा 1031 है। |
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भारत के किस राज्य के लोग सबसे अधिक शिक्षित हैं और किस राज्य के लोग सबसे कम ? |
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Answer» भारत के केरल राज्य के लोग सबसे अधिक शिक्षित हैं, जबकि बिहार राज्य में सबसे कम लोग शिक्षित हैं। |
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