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भारत में वायु परिवहन सेवा का वर्णन और परीक्षण कीजिए।यावायु परिवहन के महत्त्व पर प्रकाश डालिए।यावायु परिवहन आजकल अधिक उपयोगी क्यों है? कोई तीन बिन्दु लिखिए।

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भारत में वायु परिवहन

आधुनिक परिवहन साधनों में वायु परिवहन सबसे तीव्रगामी साधन है। दुर्गम क्षेत्रों; जैसे–पर्वत, सघन वन एवं मरुस्थलीय क्षेत्रों में रेल एवं सड़क-मार्गों का विकास करना असम्भव लगता है, परन्तु वायु परिवहन द्वारा इन क्षेत्रों को सरलता से जोड़ा जा सकता है। वर्तमान युग में किसी भी राष्ट्र के त्वरित आर्थिक विकास हेतु इसके महत्त्व को कम करके नहीं आँका जा सकता। भारत में वायु परिवहन का विकास सन् 1920 से प्रारम्भ  हुआ, किन्तु स्वतन्त्रता से पूर्व इसका उपयोग अधिकतर सैनिक कार्यों के लिए ही किया जाता था। स्वतन्त्रता-प्राप्ति के बाद सरकार ने वायु परिवहन के विकास हेतु एक समिति का गठन किया, जिसके सुझाव पर 1953 ई० में वायु परिवहन का राष्ट्रीयकरण कर दिया गया। वर्तमान में सभी विमान कम्पनियों को निम्नलिखित तीन निगमों में विभाजित कर दिया गया

1. इण्डियन ( इण्डियन एयरलाइन्स) – इसका प्रमुख कार्य देश के भीतरी भागों में वायु सेवाओं का संचालन करना है। इसे कुछ पड़ोसी देशों से भी वायु सेवा सम्पर्क का दायित्व सौंपा गया है। इसका प्रधान कार्यालय नयी दिल्ली में है। इस निगम की सेवाएँ दिल्ली, मुम्बई, कोलकाता एवं चेन्नई वायु-पत्तनों से संचालित की जाती हैं। इसके विमान में हम देश के प्रमुख नगरों तथा पड़ोसी देशों के बीच उड़ान भरते हैं। ये सेवाएँ 16 विदेशी केन्द्रों तथा 79 राष्ट्रीय केन्द्रों को विमान सेवा प्रदान करती हैं। वर्तमान समय में प्राइवेट एयरलाइन्स भी अन्तर्देशीय विमान सेवाएँ उपलब्ध कराती हैं। वर्तमान में इस निगम के नियन्त्रण में 70 से अधिक विमानों का बेड़ा है तथा इसका नाम परिवर्तित (इण्डियन) कर दिया गया है।

वायुदूत – 20 जनवरी, 1981 ई० को वायुदूत नामक निगम उत्तर-पूर्वी राज्यों के पर्वतीय क्षेत्रों के विकास हेतु स्थापित किया गया। बाद में वर्ष 1992-93 में वायुदूत का विलय इण्डियन एयरलाइन्स में कर दिया।

2. एयर इण्डिया – इस निगम को लम्बी दूरी के अन्तर्राष्ट्रीय मार्गों पर वायु सेवाओं के संचालन का दायित्व सौंपा गया है। भारत में आने वाली अन्य अन्तर्राष्ट्रीय एयरलाइन्स भी. अन्तर्राष्ट्रीय सेवाएँ उपलब्ध कराती हैं। एयर इण्डिया लि० द्वारा संचालित 4 वायुमार्ग निम्नलिखित हैं

  • मुम्बई-काहिरा-रोम-जेनेवा-पेरिस-लन्दन।
  • दिल्ली-अमृतसर-काबुल-मास्को।
  • कोलकाता-सिंगापुर-सिडनी-पर्थ।
  • मुम्बई-काहिरा-रोम-डसेलडर्फ-लन्दन-न्यूयॉर्क।

अन्तर्राष्ट्रीय उड़ान भरने के लिए एयर इण्डिया के पास 32 विमान हैं। वर्ष 2002-03 में इसने लगभग तेंतीस लाख यात्रियों को उनके गन्तव्य तक पहुँचाया है।

3. पवन हंस हेलीकॉप्टर्स लि० – इसकी स्थापना 15 अक्टूबर, 1985 ई० को की गयी थी। यह पेट्रोलियम क्षेत्र, जिनमें ओ०एन०जी०सी० और ऑयल इण्डिया लि० सम्मिलित हैं, को सहायतार्थ सेवाएँ उपलब्ध कराता है तथा देश के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के दूरस्थ और दुर्गम क्षेत्रों को जोड़ता है। यह अन्य ग्राहकों; जैसे राज्य और संघ राज्य क्षेत्र सरकारें, सरकारी क्षेत्र के उपक्रम और निजी क्षेत्र की कम्पनियों को भी सेवाएँ उपलब्ध कराता है। वर्तमान में इस निगम के पास तीस से अधिक हेलीकॉप्टर हैं।

इसके अतिरिक्त देश में निजी वायु सेवाएँ भी संचालित हो रही हैं। निजी वायु सेवाओं में सहा एयरवेज, जेट एयरवेज आदि हैं। लगभग 41 निजी एयर लाइनें, एयर-टैक्सी और घरेलू वायुयानों से घरेलू हवाई यातायात के 42% भाग संचालित हो रहे हैं।

महत्त्व

वायु परिवहन वैज्ञानिक युग का एक आश्चर्यजनक आविष्कार है। परिवहन के इस तीव्रगामी साधन ने समय’ और ‘दूरी की समस्या के समाधान में अद्वितीय योगदान दिया है। वर्तमान समय में वायु परिवहन का महत्त्व निम्नलिखित बातों से भली-भाँति स्पष्ट हो जाएगा–

1. बहुमूल्य तथा हल्की वस्तुओं का स्थानान्तरण – वायु परिवहन द्वारा मूल्यवान, हल्की व शीघ्र नष्ट होने वाली वस्तुओं को कम समय में एक स्थान से दूसरे स्थान को भेजा जा सकता है।

2. न्यूनतम मार्ग व्यय – परिवहन के अन्य साधनों; जैसे–रेलों, सड़कों आदि की तरह वायु परिवहन के लिए मार्ग बनाने का कोई व्यय नहीं करना पड़ता। केवल हवाई अड्डे बनाने पड़ते हैं।

3. भौगोलिक बाधाओं से मुक्ति – वायुयानों के मार्ग में वनों, रेगिस्तानों, दलदली भूमि, बर्फीले प्रदेशों, पहाड़ों, नदियों, समुद्रों आदि से कोई बाधा उत्पन्न नहीं होती। इस प्रकार परिवहन का यह साधन भौगोलिक बाधाओं से मुक्त है।

4. कृषि में सहायक – अमेरिका, ऑस्ट्रिया आदि विकसित राष्ट्रों में अनाज बोने तथा खेतों में खाद डालने में वायुयानों की सहायता ली जाती है। फसलों में बीमारियों के फैलने पर वायुयानों द्वारा कीटनाशक दवाइयाँ छिड़ककर फसलों की रक्षा की जाती है।

5. व्यावसायिक लाभ – विमान दूरस्थ स्थानों पर मूल्यवान वस्तुओं को शीघ्रता से कम जोखिम तथा कम समय में पहुँचाकर उनके बाजार-क्षेत्र का विस्तार करने में सहायक होते हैं।

6. शान्ति और व्यवस्था की स्थापना – देश के किसी भी भाग में अशान्ति तथा अव्यवस्था (दंगे आदि) की स्थिति उत्पन्न हो जाने पर विमानों द्वारा सैनिक, हथियार आदि भेजकर स्थिति पर शीघ्रता से नियन्त्रण स्थापित किया जा सकता है।

7. प्राकृतिक विपत्तियों में सहायक – बाढ़, अकाल, भूकम्प, अनावृष्टि आदि विपत्तियों के समय विमानों द्वारा शीघ्रता से जीवन-रक्षक सामग्री पहुँचाकर जनता की प्रार्णरक्षा की जा सकती है।

8. सैनिक दृष्टि से युद्ध स्थल तक गोला – बारूद, अस्त्र-शस्त्र व सैनिकों को पहुँचाने, सैनिकों को युद्ध क्षेत्र से बाहर निकालने, शत्रु-सेना पर बमबारी करने आदि में वायु परिवहन का अत्यधिक महत्त्व है।

9. डाक सेवा – ‘वायु डाक सेवा’ द्वारा डाक को लाने व ले जाने में समय की बहुत अधिक बचत होती है।

10. पर्यटन का विकास – अधिकांश विदेशी पर्यटक देश के दर्शनीय स्थानों को देखने के लिए विमानों द्वारा जाते हैं, जिससे देश को प्रतिवर्ष करोड़ों रुपये की विदेशी मुद्रा प्राप्त होती है।



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