Explore topic-wise InterviewSolutions in .

This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.

99951.

तुम्हारे गाँव में सफ़ाई ठीक नहीं हैं । स्वास्थ्य अधिकारी के नाम पत्र लिखिए।

Answer»

उरवकोंडा,
दि. x x x x x

प्रेषक :
साईबाबा यस,
S/o. लालशाह,
मैंनेजर, स्टेट बैंक आफ़ इंडिया,
उरवकोंडा।
सेवा में,
श्रीमान् स्वास्थ्य अधिकारी,
पंचायत कार्यालय,
उरवकोंडा।
मान्य महोदय,

आपकी सेवा में नम्र निवेदन है कि “कुछ महीनों से हमारे गाँव में सफ़ाई ठीक ढंग से नहीं हो रही है। सड़कों पर कूडा-करकट जमा रहता है। नालों का गंदा पानी सड़कों पर बहता है। उनको साफ़ करने की ठीक व्यवस्था नहीं है। इसलिए मच्छर खूब बढ़ गये हैं। कई लोग मलेरिया के शिकार बन रहे हैं। इसलिए मैं आपसे प्रार्थना करता हूँ कि हर रोज़ सफ़ाई करने की अच्छी व्यवस्था की जाय”|

भवदीय,
नं. x x x x

पता :
स्वास्थ्य अधिकारी,
पंचायत कार्यालय,
उरवकोंडा।

99952.

निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर नीचे दिये गये प्रश्नों के उत्तर लिखिए:गांधी जी सत्य और अहिंसा के पुजारी थे। वे सत्य को भगवान मानते थे। अहिंसा को सबसे बड़ा धर्म मानते थे। उन्होंने बचपन से ही अहिंसा का पालन करना सीखा। उनके सत्यवादी बनने की घटना बड़ी रोचक है। दूसरे बालकों की तरह वे भी बचपन में जिद करते थे, झूठ बोलते थे, गलतियाँ भी करते थे। किंतु उन्हें एक बार ‘राजा सत्य हरिश्चंद्र’ नाटक देखने का मौका मिला। वे उससे अत्यंत प्रभावित हुए। इस नाटक को देखने के बाद गांधी जी ने सत्यवादी बनने का निश्चय किया।1.   गांधी जी किसके पुजारी थे?2.   बचपन में गांधी जी का स्वभाव कैसा था?3.   गांधी जी के विचार में सबसे बड़ा धर्म कौन-सा है?4.   गांधी जी किससे अत्यंत प्रभावित हुए?

Answer»

1.   गांधी जी सत्य और अहिंसा के पुजारी थे।

2.   बचपन में गांधी जी जिद करते थे, झूठ बोलते थे, गलतियाँ भी करते थे।

3.   गांधी जी के विचार में अहिंसा ही सबसे बड़ा धर्म है।

4.   गांधी जी ‘राजा सत्य हरिश्चंद्र’ नाटक से अत्यंत प्रभावित हुए।

99953.

अपने मित्र को पत्र लिखकर तुम्हारे देखे हुए किसी भी मैच का वर्णन कीजिए।

Answer»

विजयवाडा,
दि. x x x x x

प्रिय मित्र गोपाल साई,

मैं यहाँ कुशल हूँ। समझता हूँ कि तुम कुशल हो । मैं ने हाल ही में विशाखापट्टणम में एक क्रिकेट मैच देखा है। उसके बारे में मैं लिख रहा हूँ।

मैच में भाग लेने के लिए दो टीम आये। इंडिया और इंग्लैंड के बीच में स्पर्धा चली। दोनों टीम के खिलाडी बड़े उत्साह के साथ खेल रहे थे। भारत के खिलाडी बैटिंग कर रहे थे। विराट कोह्ली ने चार छक्के चलाये। धोनि ने पचास रन किये | 420 रन पर हमारे सभी खिलाडी आऊट हो गये हैं।

इंग्लैंड के खिलाडी उतनी उत्साह के साथ नहीं खेल सके। 275 रन पर सबके सब खिलाडी आऊट हो गये। इससे भारत के खिलाडी विजयी घोषित हुए। खेल बडे आनंद और उत्साह के साथ चला। हम अपने दोस्तों सहित बाहर आये | बाकी अगले पत्र में। माताजी से मेरा प्रणाम कहना ।

तुम्हारा प्रिय मित्र,
डि.मूर्ति,
नौवीं कक्षा ‘ए’,
मोडल हाईस्कूल, विजयवाडा।

पता :
यस. गोपाल साई,
नौवीं कक्षा,
गान्धी हैस्कूल,
विलसा, पू.गो. ज़िला

99954.

तुम्हारे देखे हुए प्रदर्शिनी का वर्णन करते हुए मित्र को पत्र लिखिए।

Answer»

विलसा,
दि. x x x x x

प्रिय मित्र साई,

मैं यहाँ. कुशल हूँ। तुम भी कुशल समझता हूँ। आजकल विजयवाडा में एक बड़ी – भारी औद्योगिक प्रदर्शिनी चल रही है। मैंने उसे देखा है उस प्रदर्शिनी के बारे में तुम्हें कुछ बताना चाहता हूँ।

इस प्रदर्शिनी में सैकड़ों की दूकानें, खिलौने की दूकानें हैं। इनके साथ खेतीबारी के संबंधित यंत्र और औजारों की प्रदर्शिनी भी हो रही है। बच्चों को आनंद देनेवाली ‘बच्चों की रेल गाडी’ है। घूमनेवाली बडी ‘जैन्टवील’ है। हवाई जहाज़, रॉकेट और ऊँट हैं। उन पर बैठकर सफ़र कर सकते हैं। रेल विभाग, तार विभाग के जो स्टाल हैं वे बडे आकर्षक हैं और अन्य कई आकर्षणीय विभाग हैं।

परीक्षा के समाप्त होते ही तुम यहाँ चले आओ। तुमको भी मैं ये सब दिखाऊँगा। तुम्हारे माता-पिता से मेरा नमस्कार कहना ।

तुम्हारा प्रिय मित्र,
x x x x

पता:
यस.यस.साई,
आठवीं कक्षा,
जि.प्र.प.हाईस्कूल,
अमलापुरम, पू.गो. ज़िला।

99955.

तुम्हारे देखे हुए प्रदर्शिनी का वर्णन करते हुए मित्र को पत्र लिखिए।

Answer»

विलसा,
x x x x

प्रिय मित्र साई,

मैं यहाँ कुशल हूँ। तुम भी कुशल समझता हूँ। आजकल विजयवाडा में एक बडी – भारी औद्योगिक प्रदर्शिनी चल रही है। मैंने उसे देखा है उस प्रदर्शिनी के बारे में तुम्हें कुछ बताना चाहता हूँ।

इस प्रदर्शिनी में सैकडों की दूकानें, खिलौने की दूकानें हैं। इनके साथ खेतीबारी के संबंधित यंत्र और औजारों की प्रदर्शिनी भी हो रही है। बच्चों को आनंद देनेवाली ‘बच्चों की रेल गाडी’ है। घूमनेवाली बडी ‘जैन्टवील’ है। हवाई जहाज़, रॉकेट और ऊँट हैं। उन पर बैठकर सफ़र कर सकते हैं। रेल विभाग, तार विभाग के जो स्टाल हैं वे बड़े आकर्षक हैं और अन्य कई आकर्षणीय विभाग हैं।

परीक्षा के समाप्त होते ही तुम यहाँ चले आओ। तुमको भी मैं ये सब दिखाऊँगा। तुम्हारे माता-पिता से मेरा नमस्कार कहना ।

तुम्हारा प्रिय मित्र,
xxxx

पता :
यस.यस.साई,
नौवीं कक्षा,
जि.प्र.प.हाईस्कूल,
अमलापुरम, पू.गो. ज़िला।

99956.

अपने मित्र को पत्र लिखकर अपनी भावी योजनाओं के बारे में लिखिए।

Answer»

अमलापुरम,
दि. x x x x x

प्यारी लक्ष्मी,

मैं यहाँ कुशल हूँ। आशा है तुम भी वहाँ सकुशल हो। मैं यहाँ अच्छी तरह पढ़ रही हूँ। आशा करती हूँ कि प्रथम श्रेणी आएगी। बाद में कॉलेज में भर्ती होकर पढ़ना चाहती हूँ। अध्यापिका बनकर पाठ पढ़ाने की मेरी इच्छा है। अध्यापन कार्य भी एक सेवा कार्य है। इसके द्वारा समाज अवश्य सुधर सकता है। तुम्हारे पत्र की प्रतीक्षा में।

तुम्हारी सहेली,
x x x x x

पता :
के. लक्ष्मी,
गाँधी नगर,
विजयवाडा – 3

99957.

निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर नीचे दिये गये प्रश्नों के उत्तर लिखिए:वन और पर्यावरण का गहरा संबंध है। वन प्रकृति की अमूल्य संपदा है। वन जीवनदायक है। वन वर्षा लाने का कारण बनकर पर्यावरण की रक्षा करते हैं। वनों की कृपा से भूमि का कटाव रुकता है, सूखा कम पड़ता है तथा रेगिस्तान का फैलाव रुकता है। मानव सभ्यता-संस्कृति की रक्षा, जीवों की रक्षा, तरह-तरह की वनस्पतियों और औषधियों आदि की रक्षा के लिए वन संरक्षण आवश्यक हैं। पर्यावरण को ठीक रखने के लिए वनों के कटाव रोकना होगा।1.   हमें वन संरक्षण क्यों करना चाहिए?2.   वनों से क्या-क्या लाभ होते हैं?3.   वन किसकी अमूल्य संपदा है?4.   वन पर्यावरण की रक्षा कैसे करते हैं

Answer»

1.   मानव सभ्यता-संस्कृति की रक्षा, जीवों की रक्षा, तरह-तरह की वनस्पतियों और औषधियों आदि की रक्षा के लिए वन संरक्षण आवश्यक हैं।

2.   वनों की कृपा से भूमि का कटाव रुकता है, सूखा कम पड़ता है तथा रेगिस्तान का फैलाव रुकता है।

3.   वन प्रकृति की अमूल्य संपदा है।

4.   वन वर्षा लाने का कारण बनकर पर्यावरण की रक्षा करते हैं।

99958.

Write a letter to your cousin inviting him/her to come to your house to spend the summer vacation.

Answer»

Hiriyur

19 April 2020

Dear Kavitha,

How are you? You must have started with your summer vacation. Our school closed on the 31st of March. What about yours?

Hope your vacation has started and hope you are free. I invite you to come to my house to spend your summer vacation. It’s been a real long time since we have met up. I’ve thought of many exciting things for the vacation. We can go swimming as we have a newly built swimming area in our compound. There is a theatre workshop starting from next Monday. Both of us can attend it. The workshop will run for ten days. On the last day a drama will be staged by all the artistes. I know your acting ability. The organisers will be happy to have a bundle of talents as you. Please let me know as early as possible whether you can make it or not. Mom and Dad have sent their love to you. My regards to all at home… 

Lots of love… 

Divya

99959.

अपने मित्र को पत्र लिखिए। अपने देखे हुए प्रदर्शिनी का वर्णन कीजिए।

Answer»

विजयवाडा,
दि. x x x x x

प्रिय मित्र रमेश,

मैं यहाँ कुशल हूँ। तुम भी वहाँ कुशल होगे। मैं अच्छी तरह पढ़ रहा हूँ। मैं ने विजयवाडे में एक बडी प्रदर्शिनी देखी है। इसमें केन्द्र और राज्य सरकार संबंधी औद्योगिक उन्नति दिखाने के लिए प्रदर्शिनी चली है। लोग हज़ारों की संख्या में देखने आये हैं। मैं भी देखने गया। रात के समय बिजली की बत्तियाँ चकाचौंध करती हैं। यहाँ मनोरंजन के कई साधन हैं। बडा झूला, बच्चों की रेल गाडी, मोटर कार, ऊँट की सवारी, घुडसवार, चक्कर काटनेवाला हवाई – जहाज़ आदि हैं। कपडे की दूकानें और खिलौनौ की दूकानें भी हैं। लोग यहाँ से तरह – तरह की चीजें खरीदकर ले जा रहे हैं। कभी तुम भी पत्र लिखा करो। माता – पिता को मेरे प्रणाम।

तुम्हारा प्रिय मित्र,
xxxxx

पता:
जे. रमेश,
दसवीं कक्षा,
जि.प्र.प. हाई स्कूल,
विजयनगरम।

99960.

निम्नलिखित विषय के बारे में पत्र लिखिए। कोई कारण बताते हुए अपने प्रधानाध्यापक से तीन दिन की छुट्टी मांगते हुए एक पत्र लिखिए :

Answer»

सेवा में,
प्रधान अद्यापकजी,
बेंगलूर प्रौढ़शाला
बसवनगुडि, बेंगलूरु -४
बेंगलूरु

मान्यवर,
विषय : तीन दिन की छुट्टी के लिए प्रार्थना पत्र ।

सविनय निवेदन है कि, कल रात से मुझे तेजी से बुखार आ रहा है। पाठशाला आना मुश्किल है। इसलिए आज से …………… से लेकर ………….. तक कुल मिलाकर तीन दिन की छुट्टी देने के लिए कृपा कीजिए । बुखार कम होते ही पाठशाला आ जाऊंगा।
धन्यवाद सहित,

आपका आज्ञाकारी विधार्थी (भवदीय)
नंदकुमार
दसवीं कक्षा ‘ए’ विभाग

99961.

अपनी पाठशाला का वर्णन करते हुए मित्र के नाम पत्र लिखिए।

Answer»

विजयवाडा,
दि : xxxx

प्यारे मित्र कुमार,

मैं यहाँ कुशल हूँ। आशा करता हूँ कि तुम भी वहाँ सकुशल हो।

मैं कुछ दिनों के पहले ही नये स्कूल में भर्ती हुआ हूँ। मेरे स्कूल का नाम है विज्ञान विहार है स्कूल यह विजयवाडा में स्थित है। इस स्कूल में लगभग 1000 छात्र पढ़ रहे हैं। मेरी पाठशाला बहुत बड़ी है पाठशाला में बड़े – बड़े कमरे कई हैं। मैदान भी बड़ा है।

हमारी पाठशाला में तेलुगु, अंग्रेजी और हिन्दी तीनों माध्यम चलाया जाता है। हमारी पाठशाला सुबह नौ बजे से शुरु होकर शाम को पाँच बजे तक चलती है।

तुम्हारे माता – पिता को मेरा नमस्कार,

तुम्हारे प्यारे मित्र,
मुकुंदम।

पता:
पी. के. कुमार,
पिता. रामकृष्णाराव,
घर – 28-10-16,
मंदिर वीधि,
तिरुपति।

99962.

अपने किसी यात्रा वृत्तांत का वर्णन करते हुए पिता के नाम एक पत्र लिखिए।

Answer»

सरस्वती विद्या मन्दिर
राजाजीनगर, बेंगलूरु
दिनांक : 7 फरवरी 2019

पूज्य पिताजी,

सादर प्रणाम।
उम्मीद है आप और माता जी कुशल मंगल होंगे। इस बार हमारे विद्यालय की ओर से आयोजित शैक्षणिक भ्रमण के लिए हमें विजयनगर साम्राज्य की राजधानी हंपी ले जाया गया। यह एक ऐतिहासिक नगर है जो कभी सुख समृद्धि में पूरे विश्व में मशहूर था। अब केवल यहाँ खंडहरों के रूप में अवशेष ही बचे हैं। हम्पी का विशाल फैलाव गोल चट्टानों के टीलों में विस्तृत है। इनमें मंदिर, महल, तहखाने, जल-खंडहर, पुराने बाजार, शाही मंडप, गढ़, चबूतरे, राजकोष आदि अनेक इमारतें हैं।

हम्पी का विठ्ठल मंदिर शानदार स्मारक है। इसके मुख्य हॉल के पूर्वी हिस्से में प्रसिद्ध शिला रथ है जो वास्तव में पत्थर के पहियों से चलता था। इसके अलावा कमल महल और जनानखाना भी ऐसे आश्चर्यों में शामिल है। शहर के शाही प्रवेश-द्वार पर हजारारामा मंदिर बना है। इस प्रकार इस शैक्षणिक भ्रमण से हमें कर्नाटक राज्य के इतिहास को जानने का अवसर मिला जिसे मैं आपको बताना चाहती थी। माताजी को प्रणाम और छोटे भैया को ढेर सारा प्यार।

आपकी सुपुत्री
शुभेक्षा

सेवा में,
श्री आनंद एस.
घर नं. 284, भारत निवास
डाकघर के समीप
महालक्ष्मी नगर, मैसूरु।

99963.

बीमार मित्र से मिलने जाने के लिए विद्यालय से एक दिन की छुट्टी चाहिए। वर्ग – अध्यापक को पत्र लिखकर प्रार्थना कीजिए।

Answer»

तेनालि,
दि. x x x x x

सेवा में,
श्री वर्ग – अध्यापक,
दसवीं कक्षा ‘ए’
श्री सिद्धार्था हाईस्कूल,
तेनालि, (पू.गो. जिला)
पूज्य अध्यापक महोदय,

सादर प्रणाम,

सेवा में निवेदन है कि मेरे मित्र सुधाकर कल दोपहर से बहुत बीमार है। मुझे ज्ञात हुआ कि अस्पताल में भर्ती किया गया है। उसे मिलने अमलापुरम जाना है। अतः दि. x x x x x को एक दिन की छुट्टी देने की कृपा करें। आशा करता हूँ कि ज़रूर मंजूर करेंगे।
सधन्यवाद।

आपका विनम्र छात्र,
x x x xx
दसवीं कक्षा ‘ए’

99964.

अपनी अस्वस्थता का कारण बताते हुए चार दिनों की छुट्टी के लिए अपने प्रधानाध्यापक के नाम एक छुट्टी पत्र लिखिए।

Answer»

दिनांक : 7 मई 2019

प्रेषक,
देवराज
दसवीं कक्षा, ‘अ’ विभाग
मोरारजी देसाई हाई स्कूल
मैसूर – 03.

सेवा में,
माननीय प्रधानाध्यापकजी
मोरारजी देसाई हाई स्कूल
मैसूर – 03

मान्यवर महोदय,

विषय : छुट्टी हेतु प्रार्थना पत्र।
सविनय निवेदन है कि मैं पिछले तीन-चार दिनों से अस्वस्थ चल रहा हूँ। डॉक्टर महोदय ने मुझे कुछ दिन आराम करने की सलाह दी है। अतः आपसे प्रार्थना है कि मुझे स्कूल से चार दिन का अवकाश देने का कष्ट करें।
सधन्यवाद।

आपका आज्ञाकारी छात्र
देवराज

99965.

तीन दिन की छुट्टी माँगते हुए अपने प्रधान अध्यापक के नाम एक पत्र लिखिए।अथवाअपनी बहन की शादी में शामिल होने के लिए छुट्टी माँगते हुए अपने प्रधानाध्यापक के नाम एक पत्र लिखिए।

Answer»

दिनांक : 06 जून 2019

प्रेषक
अशोक राव,
10वीं कक्षा ‘अ’ विभाग
सरकारी पाठशाला
उडुपी।

सेवा में
सन्मान्य प्रधानाध्यापक,
सरकारी पाठशाला,
मेन रोड, उडुपी।

विषय : छुट्टी के प्रार्थना पत्र

मान्यवर / महोदय,
सविनय निवेदन है कि आगामी जून महीने के अंतिम सप्ताह में मैं अपने परिवार के साथ – बादामी, पट्टदकल, ऐहोले तथा कूडलसंगम की यात्रा के लिए जा रहा हूँ। अतः दि. 25-06-2019 से 27-06-2019 तक मैं स्कूल नहीं आ सकूँगा।

कृपया इन तीन दिनों की छुट्टी मंजूर करने का कष्ट करें। कष्ट के लिए क्षमा चाहता हूँ।

आपका आज्ञाकारी शिष्य,
अशोक राव

99966.

छात्रावास (विद्यार्थी निलय) में प्रवेश दिलाने के लिए प्रार्थना करते हुए अपने प्रधानाध्यापक के नाम एक पत्र लिखिए।

Answer»

दिनांक : 7 जून 2019

प्रेषक
आर. वेंकटेश
नं. 403, चौथा वार्ड,
चित्रदुर्ग

सेवा में
मान्य प्रधानाध्यापक जी,
सरकारी प्रौढ़शाला,
मैसूर।

मान्यवर महोदय,

विषय : छात्रावास में प्रवेश के लिए प्रार्थना
सविनय निवेदन है कि मैंने आपके स्कूल में प्रवेश ले लिया है। मैं दसवीं कक्षा का विद्यार्थी हूँ। जैसा कि आप जानते हैं कि यहाँ मेरे कोई सगे-संबंधी नहीं हैं। अतः मैं छात्रावास में ही रहकर पढ़ाई करना चाहता हूँ।
कृपया मुझे छात्रावास में प्रवेश देने का कष्ट करें। मैं सभी नियमों का बराबर पालन करूँगा। जो भी शुल्क है, वह एक साथ भर दूंगा।

धन्यवाद।

आपका आज्ञाकारी,
आर. वेंकटेश

99967.

अपने विद्यालय के प्रधानाध्यापक को अध्ययन प्रमाण पत्र के लिए प्रार्थना पत्र लिखिये।

Answer»

दिनांक : 18 अप्रेल 2019

प्रेषक,
नारायण
10 वीं कक्षा, ‘आ’ विभाग
प्रगति हाई स्कूल
दावणगेरे।

सेवा में,
प्रधानाध्यापक
प्रगति हाई स्कूल
दावणगेरे।

आदरणीय महोदय,

विषय : अध्ययन प्रमाण पत्र के लिए प्रार्थना पत्र।
उक्त विषय के संबंध में आपसे सविनय प्रार्थना है कि मैं इस विद्यालय का दसवीं कक्षा का छात्र था। मैं दसवीं कक्षा में उत्तीर्ण हो गया हूँ। मैं आगे पढ़ने के लिए इच्छुक हूँ। इस लिए आपसे प्रार्थना है कि मुझे अध्ययन प्रमाण पत्र की आवश्यकता है। इसे देने की कृपा करें।
सधन्यवाद।

आपका आज्ञाकारी छात्र
नारायण

99968.

हिन्दी सीखने की आवश्यकता के बारे में छोटे भाई के नाम पर पत्र लिखिए|

Answer»

विजयवाडा,
दि. x x x x x

प्रिय छोटा भाई सुरेश कुमार,

तुम्हारा पत्र पाकर मैं बहुत खुश हुआ। मैं अगली फरवरी में हिन्दी विशारद परीक्षा देने की तैयारी कर रहा हूँ। हिन्दी भाषा सीखने में बहुत आसान है। यह भारत की राष्ट्रभाषा है। देश भर में असंख्य लोग यह भाषा समझते और बोलते हैं। इसलिए तुमसे मेरा अनुरोध है कि तुम भी हिन्दी सीख लो, क्योंकि हिन्दी हमारी राष्ट्रभाषा और राजभाषा है। हिन्दी भाषा के सीखने से भारत के सभी लोगों से अच्छी तरह बातचीत कर सकते हैं।

तुम्हारा भाई
x x x x

पता :
सुरेश कुमार, पी.
पी. नारायण का पुत्र,
घ.न. 4-12-8
ब्राडीपेट, गुंटूरु।

99969.

तुम्हारे पिताजी की बदली हुई है। टी.सी., सी.सी., यस.सी. के लिए प्रधानाध्यापक जी को पत्र लिखिए।

Answer»

आलमूरु,
दि. x x x x x

आदरणीय प्रधानाध्यापक जी,

मैं आठवीं कक्षा (बी) का विद्यार्थी हूँ। मेरा नंबर 42 है। मेरे पिताजी की बदली नेल्लूर को हुई है। इसलिए मेरे टी.सी. (Transfer Certificate) (सी.सी.) (Conduct Certificate) और एस.सी. (Study Certificate) यथाशीघ्र दिलाने की कृपा करें। मैं नेल्लूर की पाठशाला में भर्ती होना चाहता हूँ।

आपका विनम्र विद्यार्थी,
नं. – 142
पी. ज्योति,
आठवीं कक्षा ‘बी’.

पता:
श्रीमान् प्रधानाध्यापक जी,
यस.यस. हाईस्कूल, आलमूरु।

99970.

अपनी पढ़ाई की प्रगति के बारे में बताते हुए अपने पिताजी को पत्र लिखिए।

Answer»

बुधवार पेट,
रायचूर
दिनांक : 21 अगस्त 2019

आदरणीय पिताश्री,

चरण-स्पर्श।
आपका कृपा-पत्र मिला। पढ़कर खुशी हुई कि वहाँ सभी कुशल-मंगल हैं। मैं भी यहाँ आपकी कृपा से कुशल हूँ।

सितम्बर के दूसरे सप्ताह से हमारी अर्धवार्षिक परीक्षा प्रारंभ होनेवाली है। अतः इन दिनों पढ़ाई का जोर रहता है। यों तो नियमित पढ़ाई करता ही हूँ; फिर भी इस समय प्रातः 4-30 बजे उठकर पढ़ने में लग जाता हूँ। रात को भी करीब 11-30 तक पढ़ाई में तल्लीन रहता हूँ। क्रिकेट तो फिलहाल बंद है। शनिवार और रविवार को विज्ञान, गणित व अंग्रेजी की पढ़ाई रहती है। इसी कारण पत्र लिखने में विलंब हुआ। क्षमा करें। दीदी को प्रणाम।
शेष सर्व कुशल।

आपका आज्ञाकारी पुत्र,
राघवेन्द्र जोशी।

सेवा में
श्री राजकुमार जोशी
440, गांधी मार्ग
जमखंडी

99971.

कॉलेज में प्रवेश पाने के लिए टी.सी. माँगते हुए अपने प्रधानाध्यापक को पत्र लिखिए।

Answer»

दिनांक : 5 मई 2019

प्रेषक
संगमेश केलवड़ी,
नं. 7/ए., मेन रोड़,
गुलबर्गा।

सेवा में
मान्य प्रधानाध्यापक जी,
श्री विवेकानंद हाईस्कूल,
गुलबर्गा।

मान्यवर महोदय,

विषय : प्रमाण पत्र हेतु । 

सविनय निवेदन है कि मैं मार्च 2018 की एस.एस.एल.सी. परीक्षा में उत्तीर्ण हो गया हूँ। अब आगे कॉलेज में प्रवेश लेना चाहता हूँ। अतः मेरा टी.सी. प्रदान करने की कृपा करें, ताकि शीघ्र प्रवेश पा सकूँ। कष्ट के लिए क्षमा चाहता हूँ।

आपका विनम्र,
संगमेश केलवड़ी

99972.

निम्नलिखित विषय के बारे में पत्र लिखिए।अपनी पढ़ाई के बारे में बताते हुए अपने पिताजी के नाम एक पत्र लिखिए:

Answer»

स्थल : बेंगलूर
दिनांक : ……..

पूज्य पिताजी,
सादर प्रणाम।

मैं यहां सकुशल हूँ। अपने और घरवालों के बारे में बताते हुए एक पत्र लिखिए। अगले महीने में परीक्षा होनेवाली है। इस परीक्षा में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण होने के लिए अच्छी तरह पा रहा हूँ। आप चिंता मत कीजिए। अंत में बहन को मेरे प्यारे और माताजी को मेरा प्रणाम।

अपना प्रिय पुत्र
राम

सेवा में,
राजकुमार
88, 2 क्रास
नेहरूनगर
शिवमोग्गा

99973.

विहार यात्रा पर जाने के लिए पैसे व अनुमति माँगते हुए पिता जी के नाम पत्र लिखिए।

Answer»

गुडिवाडा,
दि. x x x x x

पूज्य पिताजी,
सादर प्रणाम,

मैं यहाँ कुशल हूँ। आशा करता हूँ कि आप भी वहाँ सकुशल है। मैं यहाँ अच्छी तरह पढ़ रहा हूँ।

हाँ, पिताजी, हमारी पाठशाला के आठवीं कक्षा के सारे छात्र विहार यात्रा पर जाने वाले हैं। आप कृपया मुझे भी जाने की अनुमति देते हुए इस के लिए ₹ 500/- भेजने की प्रार्थना कर रहा हूँ।
माता जी को मेरा नमस्कार,
धन्यवाद सहित,

आपका
आज्ञाकारी पुत्र,
पी. बसवन्ना,
गुडिवाडा।

पता :
पी. रमणय्या
घर – 20 – 15 – 10,
तिरुपतम्मा मंदिर वीधि,
इंचपेट, विजयवाडा।

99974.

निबंध लेखन : समाचार पत्र

Answer»

क) प्रस्तावना :
समाचार पत्र आधुनिक जीवन का अंग बन गया है। एक दिन भी समाचार पत्र न आए तो जीवन नीरस लगने लग जाता है। एक समाचार पत्र विविध विषयों पर ढेर सारी रोचक, ज्ञानवर्धक तथा लाभदायक सामग्री उपलब्ध करवाता है।

ख) समाचार पत्रों का प्रकाशन :
समाचार पत्र भी अपने आप में आश्चर्य की चीज़ है। देश विदेश की सारी खबरें कागज़ के कुछ पत्रों में सिमटकर सुबह होते ही आपके घर पहुँच जाएँ, यह कोई कम हैरानी की बात नहीं है। भारत में छपने वाली एक अंग्रेजी अखबार में साठ से लेकर सौ पन्नों वाली पुस्तक के बराबर सामग्री होती है। इतनी सारी सामग्री का एक दिन में ठीक और साफ़-सुथरा प्रकाशन कोई सरल कार्य नहीं है। यदि समाचार पत्रों के प्रकाशन का कार्य नियमित और सचारु न हो तो समाचार पत्रों का एक दिन की छोटी-सी अवधि में प्रकाशन असंभव हो जाए। सामग्री तो तैयार होती नहीं। उसे बाहर से प्राप्त करके संपादित और संकलित किया जाता है।

ग) विविध प्रकार के समाचार :
आप यह जानना चाहते हैं कि देश-विदेश में क्या घटा है तो आप समाचारों के संबंधित समाचार पत्र का पहला पृष्ठ पढ़ लीजिये। आपको राजनीति, युद्ध, व्यापार तथा खेलों से संबंधित खबरें सविस्तार मिल जाएँगी। खूबसूरत बात यह है कि ये समाचार पूर्ण ईमानदारी से प्रस्तुत किये जाते हैं। इन समाचारों को बढ़ा-चढ़ाकर प्रस्तुत नहीं किया जाता। आप राजनीति तथा अन्य सामाजिक विषयों पर संपादक अथवा दूसरे प्रसिद्ध पत्रकारों के विचार जानना चाहते हैं तो इनमें लेखों से संबंधित समाचार पत्र का पृष्ठ पढ़िए। कई लोग सुबह उठते ही अपनी राशि देखना चाहते हैं। लोगों की इस ज़रूरत को ध्यान में रखते हुए समाचार पत्र में राशिफल छापते हैं। कुछ लोग इसे अंधविश्वास मानते हैं और इसमें विश्वास नहीं करते।

घ) समाचार पत्र और विज्ञापन :
समाचार पत्र लोगों की एक आवश्यकता बन गयी है। अब अधिकतर शादी-विवाह समाचार पत्र के माध्यम से हो रहे हैं। दोनों कहीं न कहीं विद्यामान तो हैं किन्तु उनका परस्पर संपर्क नहीं हो रहा। समाचार पत्र उनमें मेल कराने की महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आप मकान बेचना चाहते हैं अथवा खरीदना या फिर किराये पर लेना चाहते हैं तो समाचार पत्र की सहायता लीजिए। यही, नहीं, समाचार पत्रों में शिक्षा, नौकरी और व्यापार से संबन्धित ढेर सारे विज्ञापन छपते हैं, जिन्हें देखकर बड़ी संख्या में लोग लाभान्वित होते हैं।

ङ) विशेष अतिरिक्त समाचार :
लगभग सभी समाचार पत्रों में रविवार वाले दिन अतिरिक्त सामग्री छपती है। इसे रविवारीय परिशिष्ट कहते हैं। इसमें कविता, कहानी, पहेली तथा अन्य रोचक सामग्री छपती है। इनमें बच्चों तथा स्त्रियों के लिए भी अलग से सामग्री होती है। गर्मियाँ शुरू हो गई हैं। आप तय नहीं कर पाये कि इस बार कौन-से पर्वत स्थल पर जाया जाए। आप को पता नहीं कि कौनसा स्थल अच्छा है और कहाँ-कहाँ पर्याटकों के लिए कौन – सी सुविधाएँ उपलब्ध हैं। इन सबकी जानकारी उन दिनों के समाचार पत्रों में अनिवार्य रूप से मिलेगी ही। आपको आध्यात्मिक सत्संग पर जाना है अथवा आपको फ़िल्म देखनी है अथवा कोई दूसरा मनोरंजन चाहिए, विस्तृतः जानकारी के लिए आप समाचार पत्र देखिए। समाचार पत्र दैनिक, मासिक, पाक्षिक तथा साप्ताहिक होते हैं। महानगरों में समाचार पत्र सायंकाल को भी निकलते हैं। इतनी ढेर सारी रोचक और उपयोगी सामग्री की कीमत पाँच से दस रुपये तक होती है। समाचार पत्र आधुनिक युग का वरदान है।

99975.

नगर में बढ़ती हुई चोरी की घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर पुलिस व्यवस्था बढ़ाने की माँग कीजिए।

Answer»

खाजीपेट,
x x x x

प्रेषकः
जी. साई प्रशाँत,
दसवीं कक्षा,
शारदा हाई स्कूल, खाजीपेट।
सेवा में,
श्री पुलीस कमीशनर जी, खाजीपेट।

मान्य महोदय,
सादर प्रणाम,

मैं अंबेड्कर कॉलनी का निवासी हूँ। पिछले कुछ दिनों से हमारी कॉलनी में चोरियाँ बढ़ गयी हैं। रात के समय बंद घरों में घुसकर धन, आभूषण लूट रहे हैं। पुलिस चौकसी है। पर नहीं के बराबर है। इन चोरियों से लोग हैरान हैं। इसलिए मैं आप से सविनय पूर्वक निवेदन करता हूँ कि आप इस विषय पर ध्यान देकर पुलिस व्यवस्था बढाने की कृपा करें। ताकि चोरियों से लोगों की संपत्ति की रक्षा होगी।

यथाशीघ्र आवश्यक कार्रवाई के लिए प्रार्थना ।

धन्यवाद सहित,

आपका,
विश्वसनीय,
जी. साई प्रशांत
खाजीपेट

99976.

किसी कॉलेज में प्रवेश हेतु प्राचार्य के नाम पत्र लिखिए।

Answer»

अमलापुरम,
दि. x x x x x

प्रेषक :
x x x x
पिता – रामय्या,
पो. अग्रहारम,
अलमापुरम।
सेवा में,
प्राचार्य महोदय,
एस .के.बी.आर. कॉलेज, अमलापुरम।

महोदय,

सेवा में निवेदन है कि “मैं ने मार्च 2018 में एस.एस.सी. परीक्षा पहली श्रेणी में उत्तीर्ण की है। मुझे 75% प्रतिशत अंक मिले हैं। मैं विनम्र तथा अच्छा विद्यार्थी हूँ। मुझे मन लगाकर पढने की इच्छा है। मुझे बाई.पी.सी. से बडी लगन है। आपकी कॉलेज में पढाई अच्छी की जाती है। प्रतिष्ठित संस्थान है। अतः मैं आपके कॉलेज में बाई. पी.सी.ग्रूप लेकर इंटरमीडियट पढना चाहता हूँ। कृपया मुझे प्रवेश दिलवा दीजिए।

आपका विनम्र छात्र,
x x x x

99977.

हिंदी एक महत्वपूर्ण भाषा है। इस बात को समझाते हुए अपने मित्र के नाम पत्र लिखिए।

Answer»

ताडेपल्लि,
दि. x x x x x

प्यारे मित्र मुकुंदम,

मैं यहाँ कुशल हूँ। आशा करता हूँ कि तुम भी वहाँ सकुशल हो। तुमने अपने पत्र में पूछ लिया कि हिंदी का क्या महत्व है? मैं इस का समाधान दे रहा हूँ।

हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है। भारत देश में लगभग 18 राज्यों में हिंदी बोली जाती है। देश भर में करोड़ों लोगों की भाषा हिंदी ही है। देश में इसे जाननेवाले, बोलने वाले अधिक हैं। हिंदी राज भाषा भी है। हिंदी सीख लोगों ते देश मर में कहीं भी हम धूम कर लौट सकेंगे। कहीं भी रह सकेंगे। यह आसानी भाषा भी है। हर दिन सितंबर 14 को हम हिंदी भाषा दिवस मनाते है।
तुम भी हिंदी सीखो। घर में बड़ों को मेरा नमस्कार।

तुम्हारे प्यारे मित्र,
अनिल,
ताडेपल्लि।

पता :
पी. मुकुंदम,
पिता रमणय्या
घर – 20 – 20 – 30,
रथम बजार, पेराला।

99978.

आपके भाई का विवाह होनेवाला है। तीन/चार दिन की छुट्टी माँगते हुए कक्षाद्यापक को पत्र लिखिए।

Answer»

काकिनाडा,
दि. x x x x x

प्रेषकः
x x x x,
सातवीं/बी,
हिन्दू हाईस्कूल, काकिनाडा।

सेवा में,
श्री प्रधानाध्यापक जी,
हिन्दू हाईस्कूल, काकिनाडा।

पूज्य महोदय,

सादर प्रणाम। निवेदन है कि मेरी बडा भाई की शादी अगले हफ़ते में होनेवाली है। घर पर बहुत सा काम है। माता-पिता की सहायता करनी है। इसलिए मैं तीन/चार दिन तक स्कूल नहीं आ सकता। कृपया मुझे तीन/चार दिन की छुट्टी दीजिए।

धन्यवाद।

आपका आज्ञाकारी छात्र,
x x x x

99979.

अपने यहाँ के किसी पर्व का वर्णन करते हुए अपने मित्र को एक पत्र लिखिए।

Answer»

गुंटूरु,
दि. xxxxx

प्रिय मित्र रवि,

तुम्हारा पत्र अभी मिला। पढ़कर खुश हुआ। दशहरे की छुट्टियाँ समाप्त हो गयीं। यहाँ कल दीपावली भी खूब मनायी गयी। दीपावली हिन्दुओं का मुख्य त्योहार है। इसे सभी लोग मनाते हैं। प्राचीन काल में श्रीकृष्ण ने सत्यभामा समेत जाकर दुष्ट नरकासुर का वध किया। तब से उसके उपलक्ष्य में लोग दीपावली खुशी से मनाते आ रहे हैं। उस दिन घर की सफ़ाई की जाती है। अभ्यंग स्नान करते हैं। बन्धु लोग आते हैं। पकवान खाते हैं। बच्चे फुलझडियाँ और पटाखे जलाते हैं। लक्ष्मी की पूजा करते हैं। व्यापारी लोग अपने पुराने हिसाब ठीक करके नये हिसाब शुरू करते हैं। तुम्हारे माँ-बाप को मेरे प्रणाम कहना।

तुम्हारा,
x x x x x x x,
आठवीं कक्षा।

पता :
वि. रविकुमार,
हिन्दू हैस्कूल, सातवीं कक्षा,
अमलापुरम,
पू.गो. जिला।

99980.

विहारयात्रा पर जाने के लिए अनुमति एवं पैसे माँगते हुए पिताजी के नाम पत्र लिखिए।

Answer»

तिरुपति
दि. x x x x x

पूज्य पिताजी,
सादर प्रणाम,

मैं यहाँ कुशल हूँ। मैं आशा करता हूँ कि आप भी वहाँ सकुशल हैं।

हम सब अपनी पाठशाला की ओर से विहारयात्रा पर विशाखपट्टणम जा रहे हैं। हमारे नौवीं कक्षा के छात्रों के साथ मैं भी जाना चाहती हूँ। इसलिए कृपया मुझे जाने की अनुमति के सथ इसके लिए आवश्यक ₹ 500 जरूर भेजने की प्रार्थना।
माताजी को मेरा नमस्कार,

आपकी
आज्ञाकारी पुत्री,
के. विमला

पता :
के. मोहन प्रसाद,
घर – 15 – 20 – 30,
एस. बी. ऐ. वीधि,
श्रीकालहस्ति।

99981.

अपने मामा के विवाह में जाने के लिए तीन दिन की छुट्टी माँगते हुए प्रधानाधापक के नाम पत्र लिखिए।

Answer»

विजयवाडा,
दि. x x x x x

सेवा में,
श्री प्रधानाधापक जी,
हिंदु हाईस्कूल,
विजयवाडा।

सादर प्रणाम,

मैं आपकी पाठशाला में आठवीं कक्षा पढ़ रहा हूँ। ता. xxxx को मेरे मामा की शादी तिरुपति में होनेवाली है। इसलिए इस में भाग लेने के लिए मुझे कृपया तीन दिन ता. xxxxx से xxxx तक छुट्टी देने की प्रार्थना। धन्यवाद सहित,

आपका
आज्ञाकारी छात्र,
संजय. के,
आठवीं कक्षा

99982.

बीमार बहन को धीरज बंधाते हुए पत्र लिखिए।

Answer»

अमलापुरम,
दि. xxxxx

प्यारी बहन सुशी को,

आशीर्वाद।

मैं यहाँ अच्छी तरह पढ़ रहा हूँ। आज ही घर से पत्र आया है कि तुम्हारी तबीयत ठीक नहीं है। अस्पताल में पाँच दिन रहकर घर आयी हो। इस समाचार से मैं दुखी हूँ! लेकिन क्या करेंगे? जीवन में सुख – दुख को समान रूप से भोगना पडता है। तुम समय पर दवा लेने से और डॉक्टर साहब के कहने के अनुसार नियम पालन करने से जल्दी ही चंगी हो जाओगी। स्वस्थ होकर जल्दी स्कूल जाओगी। इसकी चिंता न करना। खुशी से रहो। तुम्हारी बीमारी दूर हो जोएगी। माँ – बाप को प्रणाम। छोटे बाई को प्यार।

तुम्हारा बड़ा भाई,
x x x x x

पता :
श्री. सुशी,
पिता. पि. रामय्या जी,
गाँधीनगर,
काकिनाडा।

99983.

किसी पुस्तक – विक्रेता के नाम पर एक पत्र लिखिए। आवश्यक पुस्तकें माँगते हुए किसी पुस्तक विक्रेता के नाम पर एक पत्र लिखिए।

Answer»

विजयवाडा,
दि. x x x xx

प्रेषक :
नंबर,
दसवीं कक्षा,
गाँधीजी मुनिसिपल हाई स्कूल,
विजयवाडा।

सेवा में,
व्यवस्थापक,
द.भा.हिं. प्रचार सभा,
अमलापुरम |

प्रिय महोदय,

निम्नलिखित पुस्तकें ऊपर दिये गये मेरे पते पर वी.पी.पी.के ज़रिए शीघ्र भेजने की कृपा करें आपके नियमानुसार ₹. 150 अग्रिम भेज रहा हूँ। यथा नियम उचित कमीशन भी दीजिए। सभी किताबें जल्दी भेजिये। निम्नलिखित सूचना के अनुसार सभी किताबें भेज सकते हैं।

आवश्यक किताबें :

आपका,
x x x x

99984.

आवश्यक किताबें खरीदने धन माँगते हुए पिताजी के नाम एक पत्र लिखिए।

Answer»

अमलापुरम,
दि. x x x x x

पूज्य पिताजी,
सादर प्रणाम।

मैं यहाँ कुशल हूँ। सोचता हूँ कि आप सब वहाँ सकुशल हैं। मैं अच्छी तरह पढ रहा हूँ। परीक्षाओं के लिए खूब तैयारी कर रहा हूँ। मुझे यहाँ कुछ आवश्यक किताबें खरीदनी हैं। इसलिए ₹ 1500/- एम. ओ द्वारा भेजने की कृपा करें। माताजी को मेरे प्रणाम कहना।

आपका आज्ञाकारी पुत्र,
xxxx.

पता :
के. रवि,
3 – 6 – 31/3,
मार्कापुरम,
प्रकाशम ज़िला।

99985.

’दशहरे’ का महत्व बताते हुए छोटे भाई को पत्र लिखिए।

Answer»

विजयवाडा,
दि. x x x x x

प्रिय भाई श्रीकर,
आशिष

मैं यहाँ कुशल हूँ। आशा है कि आप सब सकुशल हैं। एक हफ्ते के पहले मैं दशहरे की छुट्टियाँ बिताने यहाँ आया। यहाँ ‘दशहरा’ बडे धूमधाम से मनाया जाता है। यहाँ का कनकदुर्गा मंदिर प्रसिद्ध है। हर रोज़ कनकदुर्गा के नये – नये अलंकार किये जाते हैं। दशहरे के समय दूर – दूर से कई यात्री आते हैं। वे कृष्णा नदी में स्नान करते हैं। दुर्गा माता का दर्शन करते हैं। रात के समय मंदिर रंग बिरंगे विद्युत दीपों से सजाया जाता है। उस समय की शोभा निराली होती है।

विजयवाडे में गाँधी पहाड पर नक्षत्रशाला भी है। तुम दशहरे की छुट्टियों में यहाँ आओ। हम दोनों बडे आनंद के साथ समय बिता सकेंगे। माता – पिता को मेरे प्रणाम कहना | पत्र की प्रतीक्षा में।

तुम्हारा बड़ा भाई,
x x x x x

पता :
चिरंजीवि श्रीकर,
दसवीं कक्षा,
एस.एस. हाई स्कूल,
आलमूरु, पू.गो. जिला।

99986.

मामा की शादी में जाने के लिए तीन दिन की छुट्टी माँगते हुए प्रधानाध्यापक के नाम पत्र लिखिए।

Answer»

विजयवाडा,
ता. x x x x x

सेवा में
श्री प्रधानाध्यापक जी,
हिंदु हाईस्कूल, विजयवाडा।
सादर प्रणाम,

मैं आप की पाठशाला में दसवीं कक्षा पढ़ रहा हूँ। ता. ………. को मेरे मामा की शादी तिरुपति में होनेवाली है। इसलिए कृपया मुझे तीन दिन ता. ……… से …………. तक मैं भी शादी में भाग लेने के लिए छुट्टी देने की प्रार्थना!
धन्यवाद सहित,

आपका
आज्ञाकारी छात्र,
भुवनेश,
दसवीं कक्षा।

99987.

ग्रीष्मावकाश व्यतीत करने के विषय का वर्णन करते हुए अपने मित्र के नाम पत्र लिखिये।

Answer»

अमलापुरम,
दि. x x x x x

प्रिय मित्र,

साइ कुमार,
यहाँ मैं सकुशल हूँ। बहुत दिनों से तुम्हारा पत्र मुझे नहीं मिला | इस साल मैं ने ग्रीष्मावकाश बेंगलूर में बिताया | उस शहर के मल्लेश्वरम में हमारी माताजी रहती हैं। गरमी के मौसम में बेंगलूर का वातावरण ठंडा रहता है। वहाँ पेडों की हरियाली आँखों को आराम देती है।

बेंगलूर सचमुच एक सुन्दर नगर है। सुन्दर मकान, साफ़-सुथरी सडकें और सुहाने बाग बगीचे नगर की शोभा बढ़ाते हैं। मैं रोज़ वहाँ के लाल बाग में घूमने जाता हूँ। सिटी मार्केट में अच्छा बाज़ार लगता है। वहाँ पर कई रेशम के कारखाने हैं।

पिताजी का पत्र पाकर मुझे वहाँ से आ जाना पड़ा | बेंगलूर छोडकर आते हुए मुझे चिंता हुई । अपने माता-पिता से मेरे नमस्कार कहो।

तुम्हारा मित्र,
ऐ.यस.वी. प्रसाद।

पता:
यस. साइ कुमार,
पिता : विजय, सीतम्मधारा,
विशाखपट्टणम – 13.

99988.

आवश्यक पुस्तकें खरीदने केलिए पैसे माँगते हुए पिता के नाम पत्र लिखिए।

Answer»

ताडिकोंडा,
दि. x x x x x

पूज्य पिताजी,
सादर प्रणाम।

मैं यहाँ कुशल हूँ। सोचता हूँ कि आप सब वहाँ सकुशल हैं। मैं अच्छी तरह पढ रहा हूँ। परीक्षाओं के लिए खूब तैयारी कर रहा हूँ। मुझे यहाँ कुछ आवश्यक किताबें खरीदनी हैं। इसलिए ₹ 500/- एम. ओ द्वारा भेजने की कृपा करें। माताजी को मेरे प्रणाम कहना।

आपका आज्ञाकारी पुत्र,
XXXX.

पता :
के. रवि,
3 – 6 – 31/3,
एस.बी.ए. वीधि,
रेपल्ले।

99989.

अपने सहपाठियों के साथ आप किसी ऐतिहासिक नगर गये। उसका वर्णन करते हुए अपने छोटे भाई को पत्र लिखिए।

Answer»

विजयवाडा,
दि. x x x x x

प्रिय छोटे भाई,
आशीश,

तुम्हारा पत्र अभी मिला, पढकर खुश हुआ क्योंकि घर के समाचार प्राप्त हुए हैं। तुम जानते हो कि हम कुछ विद्यार्थी इस महीने की पहली तारीख को कश्मीर की यात्रा पर गये । हम विजयवाडा से तमिलनाडु एक्सप्रेस से दिल्ली गये। दिल्ली में दो दिन ठहरे । वहाँ से हम जम्मू तक रेल से गये। जम्मूतावी से हम सब श्रीनगर पहुँचे। रास्ते के दृश्य अत्यंत मनोहर हैं। हम श्रीनगर में एक होटल में ठहरे।। मौसम बडा सहावना था | वहाँ पर हमने डलझील, शंकराचार्य मंदिर, निशांत बाग, शालिमार बाग आदि देखें। बाकी बातें घर आकर सुनाऊँगा।

तुम्हारा प्यारा भाई,
आर.यस.कुमार,
नौवीं कक्षा ‘ए’
जि.प.हाईस्कूल,
विजयवाडा ।

पता :
आर. रामाराव,
पिता : गोपालराव,
गांधीनगर, काकिनाडा।

99990.

अपने भाई की शादी में शामिल होने के लिए अनुमति माँगते हुए अपने कक्षाध्यापक के नाम पत्र लिखिए।

Answer»

विजयवाडा,
दि. x x x x x

प्रेषक :
क्र. सं. xxxx
दसवीं कक्षा,
शारदा हाई स्कूल,
विजयवाडा।

पूज्य महोदय,

सादर प्रणाम। सेवा में निवेदन है कि मेरे भाई की शादी कल तिरुमला में होनेवाली है। मैं भी उस शादी में शामिल होना चाहता हूँ। इसलिए आपसे विनती है कि मुझे शादी में जाने की अनुमति दीजिए।

सधन्यवाद,

आपका आज्ञाकारी छात्र,
क्र.सं. x x x.
दसवीं बी.

99991.

आपके नगर में पुस्तक प्रदर्शनी लगी हुई है। उसे देख आने के लिए एक दिन की छुट्टी माँगते हुए कक्षाध्यापक के नाम पत्र लिखिए।

Answer»

विनुकोंडा,
दि. x x x x x

सेवा में,
श्री कक्षाध्यापक जी,
आठवीं कक्षा,
जड. पी. हाईस्कूल,
विनुकोंडा।

सादर प्रणाम,

मैं आप की पाठशाला में आठवीं कक्षा पढ़ रहा हूँ। अपने नगर में पुस्तक प्रदर्शनी लगी हुई है। मैं कल इसे देखने जाना चाहता हूँ। इसलिए कृपया कल x x x x को सिर्फ एक दिन की छुट्टी देने प्रार्थना कर रहा हूँ।
धन्यवाद सहित,

आपका
आज्ञाकारी छात्र
x x x x x

99992.

आपके नगर में वैज्ञानिक प्रदर्शनी लगी हुई है। उसे देख आने के लिए एक दिन की छुट्टी माँगते हुए कक्षाध्यापक के नाम पत्र लिखिए।

Answer»

गुंटूर,
दि. x x x x x

सेवा में,
श्री कक्षाध्यापक जी,
आठवीं कक्षा,
मुन्सिपल हाईस्कूल,
गुंटूर।

सादर प्रणाम

मैं आपकी पाठशाला में आठवीं कक्षा पढ़ रहा हूँ! गुंटूर नगर में गुंटाग्रौड्स में एक वैज्ञानिक प्रदर्शनी चली रही है।

मैं भी कल उस प्रदर्शनी देखने जाना चाहता हूँ। इसलिए आप मुझे कल एक दिन की छुट्टी देने प्रार्थना कर रहा हूँ।
धन्यवाद,

आपका,
आज्ञाकारी छात्र
x x x x x x

99993.

किसी प्रसिद्ध स्थान के बारे में वर्णन करते हुए मित्र को पत्र लिखिए।

Answer»

विशाखपट्टणम,
दि. x x x x x

प्रेषक :
ऐ.सत्य सूर्य श्रीनिवास,
आठवीं कक्षा, नं. 444,
जि.प. हाईस्कूल, विशाखपट्टणम |

प्रिय मित्र,

मैं यहाँ सकुशल हूँ। हमारी परीक्षाएँ इसी महीने में शुरू होगी । मैं मन लगाकर खूब पढ़ रहा हूँ। पिछले सप्ताह अपने स्कूल के कुछ छात्रों के साथ तिरुपति देखने गया । हम रेल गाड़ी से गये। हमारे साथ हमारे दो अध्यापक भी आये। हम सब तिरुपति के देवस्थान की धर्मशाला में ठहरे | भगवान बालाजी के दर्शन करके हम आनंद विभोर हो गये।

वहाँ पर हम दो दिन रहे। तिरुपति में हमने कोदंडराम स्वामी का मंदिर, गोविंदराज स्वामी का मंदिर पापनाशनम, आकाशगंगा आदि देखें । उसके बाद मंगापुरम तथा श्री वेंकटेश्वर विश्वविद्यालय भी देखें। पिताजी को मेरे प्रणाम,

प्रिय मित्र,
ए. सत्य सूर्य श्रीनिवास।

पता :
के. रामप्रसाद,
हाईस्कूल रोड, अमलापुरम।

99994.

किसी ऐतिहासिक स्थान का वर्णन करते हुए अपने मित्र के नाम पत्र लिखिए|

Answer»

विजयवाडा,
दि. xxxxx

प्यारे मित्र श्रीनिवास,

मैं यहाँ कुशल हूँ। आशा करता हूँ कि तुम भी वहाँ सकुशल हो।

मुख्यतः मैं ऐतिहासिक यात्रा पर हैदराबाद जाकर कल ही लौट आया हूँ। हैदराबाद एक ऐतिहासिक नगर है। हैदराबाद तेलंगाणा की राजधानी नगर भी हैं। हम हैदराबाद में चारमीनार, नेहरू जुलाजिकल पार्क, गोलकोंडा, उस्मानिया विश्वविद्यालय, शासन सभा भावन, चौमहल्ला पैलेस, बेगमपेट विमान केंद्र, एन.टी.आर, गार्डेन्स आदि देख लिये।

मैं आशा करता हूँ कि तुम भी हैदराबाद आगामी छुट्टियों में देख सकते हो।
बड़ों को मेरा नमस्कार,

तुम्हारे प्यारे मित्र,
वेणु गोपाल,
विजयवाडा।

पता :
के. कुमार,
पिता : के. मल्लेश,
घर नंबर 20-30-40
विष्णालयम वीधि,
दाचेपल्लि।
गुंटूर जिला।

99995.

ऐतिहासिक शहर हैदराबाद का वर्णन करते हुए मित्र के नाम पत्र लिखिए।

Answer»

विजयवाडा,
दि. x x x x x

प्यारे मित्र सुकुमार,

मैं यहाँ कुशल हूँ। आशा करता हूँ कि तुम भी वहाँ सकुशल हो।

मैं इस पत्र में ऐतिहासिक नगर हैदराबाद के बारे में बताना चाहता हूँ।

हैदराबाद तेलंगाणा राज्य का राजधानी है। इसे भाग्यनगर भी कहते हैं। यह एक ऐतिहासिक नगर है। यहाँ चारमीनार, गोलकोंडा, जामा मसजिद, उस्मानिया विश्वविद्यालय, शासन सभा भवन, एन.टी.आर. गार्डेन्स, आदि ऐतिहासिक एवं प्रसिद्ध स्थान, किले, मीनार आदि हैं।

इसके अलावा हैदराबाद में बालाजी मंदिर, बेगम पेट विमान केंद्र आदि भी है। यहाँ सैफ़ाबाद हाइटेक सिटी भी है।

मैं आशा करता हूँ कि आगामी छुट्टियों में तुम अवश्य ऐतिहासिक नगर हैदराबाद को देखते हो। घर में सभी बड़ों को मेरा नमस्कार।

तुम्हारे प्यारे मित्र,
पी. कैलास,
तेनाली।

पता :
एल. सुकुमार
पिताः सुधाकर,
घर – 48-50-69, कडपा।

99996.

आप किसी यात्रा का वर्णन करते हुए अपने मित्र के नाम पत्र लिखिए।

Answer»

18/70, मल्लेश्वरम्
बेंगलूरू
दिनांक : 07 अप्रैल 2019

प्रिय मित्र मोहन,
पर्यटन स्थल की यात्रा पूरी करके आने पर तुम्हारा पत्र मिला। समाचार पाकर खुशी हुई। यह बताते हुए खुशी हो रही है कि हमारी आगरा की यात्रा बहुत ही मनोरंजक और ज्ञानवर्धक रही। आगरा में मुझे ताजमहल की सुन्दरता मनमोहक लगी जिसमें कि चाँदनी रात में इसकी सुन्दरता देखते ही बनती है। वह मुमताज महल की स्मृति में शहजहाँ द्वारा बनवाया गया हैं। यह संगमरमर का बना हुआ है। इसके किनारे यमुना नदी बहती है। संगमरमर के विशाल चबूतरे पर इसका निर्माण किया गया है। चबूतरे के चारों कोनों पर चार-गगनचुम्बी मीनारें हैं। इस विशाल भवन के बीचों-बीच शहजहाँ और मुमताज की कब्र हैं।

पूर्णिमा की चाँदनी रात में महल के सौंदर्य को और महल की शिल्पकारी देखकर इसके कारीगरों की प्रशंसा किए बिना नहीं रहा जाता।

मित्र, इस बार उम्मीद करता हूँ कि तुम अपने माता-पिता के साथ इसे, इसके सौंदर्य को अवश्य देखने जाओगें। तभी मेरे इस आनंद का अनुभव कर सकोंगे।

माताजी और पिताजी को प्रणाम कहना। तुम्हारा मित्र तुम्हारे अगले पत्र के इंतजार में रहेगा।

तुम्हारा दोस्त
श्याम

सेवा में,
मोहन
101, एम.जी. रोड़
मैसूर – 570 006.

99997.

अपनी पाठशाला में मनाये गये वार्षिकोत्सव का वर्णन करते हुए मित्र के नाम पत्र लिखिए।

Answer»

विजयवाडा,
दि. x x x x x

प्रिय मित्र,

मैं यहाँ कुशल हूँ। आशा है कि वहाँ तुम कुशल हो । मैं अपने स्कूल के वार्षिकोत्सव का वर्णन कर रहा हूँ। दिनांक x x x x को हमारे स्कूल का वार्षिकोत्सव बडे धूम-धाम से मनाया गया । उस दिन स्कूल और सभा मंडप रंग – बिरंगे काग़ज़ से सजाये गये। फाटक पर “सुस्वागतम” टाँगी गयी। शाम के पाँच बजे . सभा आरंभ हुई । बहुत से लोग वार्षिकोत्सव देखने आये। हमारे प्रधानाध्यापक अध्यक्ष बने। शिक्षा मंत्री ने मुख्य अतिथि के रूप में भाषण दिया । विद्यार्थियों से कार्यक्रम संपन्न हुए। विजेताओं को पुरस्कार दिये गये। राष्ट्रीय गीत के साथ सभा समाप्त हुई।

तुम्हारे माँ-बाप को मेरे नमस्कार बताओ । पत्र की प्रतीक्षा में।

तुम्हारा प्रिय मित्र,
के.. अमरनाथ,
सातवीं कक्षा,
अनुक्रमांक – 46.

पता :
यस. मनीष लाल,
सातवीं कक्षा ‘ए’,
श्री सिद्धार्था हाईस्कूल, राजमहेन्द्री – 2.

99998.

किसी ऐतिहासिक स्थान का वर्णन करते हुए मित्र के नाम पत्र लिखिए।(या)अपने यहाँ मनाये गये किसी पर्व का वर्णन करते हुए मित्र के नाम पत्र लिखिए।

Answer»

विजयवाडा,
x x x x x

प्रिय मित्र हरि,

मैं यहाँ कुशल हूँ। समझता हूँ कि तुम भी कुशल हो। मैं ऐतिहासिक स्थल हैदराबाद की यात्रा कर के कल ही वापस आया। अपनी यात्रा के बारे में कुछ बातें लिख रहा हूँ। ध्यान से पढो। हम रेल से हैदराबाद गये, एक होटल में ठहरे। हैदराबाद एक सुन्दर नगर है। यहाँ चारमीनार, गोलकोंडा किला, म्यूज़ियम, बिर्लामंदिर आदि दर्शनीय स्थान देखे हैं। यहाँ के सालारजंग म्यूज़ियम, नक्षत्रशाला, नेहरू प्राणी संग्रहालय आदि भी देखने लायक हैं। विधान सभा भवन, पब्लिक गार्डेन्स, फ़िल्मी स्टूडियोस आदि भी हमने देखे हैं। हाईकोर्ट और अनेक सरकारी कार्यलय भी हमने देखे हैं। हमारी यात्रा आनंद और विज्ञानदायक होकर सफल रही। तुम भी एक बार जाकर देखो, माँ – बाप को प्रणाम।

तुम्हारा प्यारा मित्र,
नं. 56972.

पता :
वि. हरि,
दसवीं कक्षा,
जि.प. हाईस्कूल,
करिमनगर।

99999.

अपने द्वारा की गई शैक्षिक यात्रा का वर्णन करते हुए मित्र के नाम पत्र लिखिए।

Answer»

जग्गय्यपेट,
दि. x x x x x

प्यारे मित्र रामु,

मैं यहाँ कुशल हूँ। आशा करता हूँ कि तुम भी वहाँ सकुशल हो।

मेरी पाठशाला की ओर से एक शैक्षणिक यात्रा पर हम हैदराबाद गये। हैदराबाद से हम कल ही लौट आये।

हैदराबाद भाग्यनगर है। यह तेलंगाणा की राजधानी है। यह बडा देखने लायक नगर है। हम हैदराबाद में एक सप्ताह ठहरे। . हम हैदराबाद में चारमीनार, गोलकोंडा, नेहरू जुलाजिकल पार्क, सालरजंग म्यूजियम, बिर्लामंदिर, बेगमपेट विमान केंद्र, शासन सभा भवन, हाईकोर्ट भवन उस्मानिया विश्व विद्यालय आदि देखें।

मैं आशा करता हूँ कि तुम भी हैदराबाद आगामी छुट्टियों में अवश्य देखते हो।
बडों को मेरा नसस्कार,

तुम्हारे प्यारे मित्र,
मधुसूदन,
जग्गयपेट।

पता :
टी. रामू,
पिता : गोपीनाथ
घरनंबर: 40-40-26,
शिवालयम वीधि,
कर्नूला।

100000.

अपनी पाठशाला में मनाये गये स्वतंत्रता दिवस (राष्ट्रीय पर्व) का वर्णन करते हुए अपने मित्र के नाम पत्र लिखिए।

Answer»

करीमनगर,
ता. x x x x x

प्रिय मित्र साई,

मैं यहाँ कुशल हूँ। आशा है कि वहाँ तुम भी कुशल हो। यहाँ मैं हमारे स्कूल में मनाये गये स्वतंत्रता दिवस का वर्णन कर रहा हूँ।

पंद्रह अगस्त को हमारे स्कूल में स्वतंत्रता दिवस मनाया गया। उस दिन स्कूल और सभा मंडप रंग – बिरंगे कागज़ों से सजाये गये। उस दिन सबेरे तिरंगा झंडा फहराया गया। मेयर साहब ने भाषण दिया। सबको मिठाइयाँ बाँटी गयीं। शाम को विद्यार्थियों से सांस्कृतिक कार्यक्रम संपन्न हुये। खेलकूद में विजयी विद्यार्थियों को पुरस्कार दिये गये। राष्ट्रीय गीत के साथ सभा समाप्त हुई। तुम्हारे माँ – बाप को मेरे नमस्कार तुम्हारे छोटे भाई को मेरा आशीर्वाद।

तुम्हारा प्रिय मित्र,
x x x x

पता :
यस. यस. साई,
जि.प. हाईस्कूल,
मेदक, मेदक ज़िला।