| 1. |
आप किसी यात्रा का वर्णन करते हुए अपने मित्र के नाम पत्र लिखिए। |
|
Answer» 18/70, मल्लेश्वरम् प्रिय मित्र मोहन, पूर्णिमा की चाँदनी रात में महल के सौंदर्य को और महल की शिल्पकारी देखकर इसके कारीगरों की प्रशंसा किए बिना नहीं रहा जाता। मित्र, इस बार उम्मीद करता हूँ कि तुम अपने माता-पिता के साथ इसे, इसके सौंदर्य को अवश्य देखने जाओगें। तभी मेरे इस आनंद का अनुभव कर सकोंगे। माताजी और पिताजी को प्रणाम कहना। तुम्हारा मित्र तुम्हारे अगले पत्र के इंतजार में रहेगा। तुम्हारा दोस्त सेवा में, |
|