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निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर नीचे दिये गये प्रश्नों के उत्तर लिखिए:गांधी जी सत्य और अहिंसा के पुजारी थे। वे सत्य को भगवान मानते थे। अहिंसा को सबसे बड़ा धर्म मानते थे। उन्होंने बचपन से ही अहिंसा का पालन करना सीखा। उनके सत्यवादी बनने की घटना बड़ी रोचक है। दूसरे बालकों की तरह वे भी बचपन में जिद करते थे, झूठ बोलते थे, गलतियाँ भी करते थे। किंतु उन्हें एक बार ‘राजा सत्य हरिश्चंद्र’ नाटक देखने का मौका मिला। वे उससे अत्यंत प्रभावित हुए। इस नाटक को देखने के बाद गांधी जी ने सत्यवादी बनने का निश्चय किया।1. गांधी जी किसके पुजारी थे?2. बचपन में गांधी जी का स्वभाव कैसा था?3. गांधी जी के विचार में सबसे बड़ा धर्म कौन-सा है?4. गांधी जी किससे अत्यंत प्रभावित हुए? |
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Answer» 1. गांधी जी सत्य और अहिंसा के पुजारी थे। 2. बचपन में गांधी जी जिद करते थे, झूठ बोलते थे, गलतियाँ भी करते थे। 3. गांधी जी के विचार में अहिंसा ही सबसे बड़ा धर्म है। 4. गांधी जी ‘राजा सत्य हरिश्चंद्र’ नाटक से अत्यंत प्रभावित हुए। |
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