This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
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मिट्टियों के जन्म में प्राथमिक चट्टानों का क्या योगदान है? |
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Answer» देश में प्राथमिक चट्टानों में उत्तरी मैदानों की तहदार चट्टाने अथवा पठारी भाग की लावा निर्मित चट्टानें आती हैं। इनमें विभिन्न प्रकार के खनिज होते हैं। इसलिए इनसे अच्छी किस्म की मिट्टी बनती है। प्राथमिक चट्टानों से बनने वाली मिट्टी का रंग, गठन, बनावट आदि इस बात पर निर्भर करता है कि चट्टानें कितने समय से तथा किस तरह की जलवायु द्वारा प्रभावित हो रही हैं। पश्चिमी बंगाल जैसे प्रदेश में, जलवायु में रासायनिक क्रियाओं के प्रभाव तथा ह्यूमस के कारण मृदा अति विकसित होती है। परन्तु राजस्थान जैसे शुष्क क्षेत्र में वनस्पति के अभाव के कारण मिट्टी की उपजाऊ शक्ति कम हो जाती है। इसी तरह अधिक वर्षा तथा तेज़ पवनों वाले क्षेत्र में मिट्टी का कटाव अधिक होता है। परिणामस्वरूप उपजाऊपन कम हो जाता है। |
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क्या कारण है कि वनों से बाढ़ की भयंकरता कम हो जाती है? |
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Answer» वनों की रोक के कारण बाढ़ का बहाव धीमा हो जाता है। |
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जलोढ़ मृदा से क्या अभिप्राय है ? |
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Answer» जलोढ़ मृदा से हमारा अभिप्राय ऐसी मृदा से है जिसका निर्माण नदियों द्वारा होता है। |
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कीकर और बबूल किस प्रकार की वनस्पति के वृक्ष हैं? |
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Answer» मरुस्थलीय अथवा शुष्क वनस्पति। |
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डैल्टाई वनों में पाए जाने वाले एक प्रमुख वृक्ष का नाम बताएं। |
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Answer» डैल्टाई वनों में पाए जाने वाले एक प्रमुख वृक्ष का नाम सुन्दरी। |
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देश में जीव-जन्तुओं की देख-रेख के लिए कौन-कौन से कार्य किये जा रहे हैं? |
Answer»
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मरुस्थलीय मृदा के उपजाऊ होने पर भी इसमें कृषि कम होती है, क्यों? |
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Answer» वर्षा की कमी के कारण इस मृदा में नाइट्रोजन तथा जीवांश का अभाव रहता है। |
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भारत में कई प्रकार की वनस्पति पाए जाने का क्या कारण है? |
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Answer» भारत की प्राकृतिक दशा, इसकी जलवायु और इसकी मिट्टी में भिन्नता के कारण यहां कई प्रकार की वनस्पति पाई जाती है। |
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प्राकृतिक वनस्पति के अन्धाधुन्ध कटाव से होने वाली हानियों का वर्णन कीजिए। |
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Answer» प्राकृतिक वनस्पति का हमारे जीवन में बहुत महत्त्व है। परंतु पिछले कुछ वर्षों में प्राकृतिक वनस्पति की अन्धाधुन्ध कटाई की गई है। इस कटाई से हमें निम्नलिखित हानियां हुई हैं —
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भारत में पहली बार वन नीति (राष्ट्रीय वन नीति) की घोषणा की गई.(A) 1947 ई० में(B) 1950 ई० में(C) 1937 ई० में(D) 1951 ई० में |
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Answer» सही विकल्प है (D) 1951 ई० में |
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हमारी मदा की उर्वरा शक्ति कम होती जा रही है। इसे दूर करने के लिए आप क्या सुझाव देंगे? |
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Answer» भारत की मृदा की उर्वरा शक्ति को बढ़ाने के लिए निम्नलिखित सुझाव दिए जा सकते हैं-
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वन्य प्राणियों की रक्षा करना प्रत्येक नागरिक का कर्त्तव्य क्यों है? |
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Answer» हमारे वनों में बहुत-से महत्त्वपूर्ण पशु-पक्षी पाए जाते हैं। परन्तु खेद की बात यह है कि पक्षियों और जानवरों की अनेक जातियां हमारे देश से लुप्त हो चुकी हैं। अतः वन्य प्राणियों की रक्षा करना हमारे लिए बहुत आवश्यक है। मनुष्य ने अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए वनों को काटकर तथा जानवरों का शिकार करके दुःखदायी स्थिति उत्पन्न कर दी है। आज गैंडा, चीता, बन्दर, शेर और सारंग नामक पशु-पक्षी बहुत ही कम संख्या में मिलते हैं। इसलिए प्रत्येक नागरिक का यह कर्त्तव्य है कि वह वन्य प्राणियों की रक्षा करे। |
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भारत में पाई जाने वाली सम्पूर्ण वनस्पति जाति का कितने प्रतिशत भाग विदेशी जातियों का है? |
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Answer» भारत में पाई जाने वाली सम्पूर्ण वनस्पति जाति का 40% भाग विदेशी जातियों का है। |
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भारत की वनस्पति में विविधता क्यों है? |
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Answer» प्राकृतिक वनस्पति और जलवायु दशाओं एवं मृदा में बड़ा घनिष्ठ सम्बन्ध है। भारत में तापमान, वर्षा और मृदा में पर्याप्त विभिन्नताएँ मिलती हैं, इसलिए यहाँ वनस्पति में भी इतनी विभिन्नताएँ पाई जाती हैं। |
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भारत की प्राकृतिक वनस्पतियों की विविधता किन परिबलों के कारक है ? |
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Answer» 1. भूपृष्ठ 2. भूमि 3. तापमान 4. सूर्यप्रकाश 5. वर्षा की मात्रा 6. नमी आदि । |
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वनस्पति विविधता की दृष्टि से भारत का एशिया में कौन-सा स्थान है ?(A) प्रथम(B) द्वितीय(C) तृतीय(D) चौथा |
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Answer» सही विकल्प है (D) चौथा |
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भारत में पायी जानेवाली वनस्पति की औषधीय उपयोगिता दर्शाईए । |
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Answer» वनस्पति की औषधीय उपयोगिता :
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भारत के वनस्पति प्रदेशों को किन पाँच भागों में बाँटा गया हैं ? |
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Answer» भारत के वनस्पति प्रदेशों को निम्न पाँच भागों में बाँटा गया है :
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भारत में कितनी जाति के वृक्ष पाये जाते हैं ?(A) 5000(B) 15000(C) 450(D) 2000 |
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Answer» सही विकल्प है (A) 5000 |
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देवदार के वृक्ष भारत में कहाँ पाए जाते हैं? |
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Answer» देवदार के वृक्ष भारत में हिमालय पर्वतीय वनों में मिलते हैं। |
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वनों की गौण उपजें कौन-कौन सी है ? |
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Answer» लाख, गोंद, रान, रबड़, शहद, बेंत, औषधियाँ, कत्था, तेदू, रेशम आदि वनों की गौण उपजें है । |
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कंटीले वनों में कौन-से वृक्ष पाये जाते हैं ? |
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Answer» इन वनों में खजूर, बेर, बबूल, थूहर, नागफनी, खेजड़ी आदि मुख्य वृक्ष पाये जाते हैं । |
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कंटीले वनों के वृक्षों की क्या विशेषताएँ हैं ? |
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Answer» इन वृक्षों का झाड़ियों की जड़े लम्बी, गहरी और चारों तरफ फैली होती है । पत्तियाँ छोटी, काँटे तथा वृक्ष दूर-दूर होते हैं । |
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आर्थिक दृष्टि से सबसे महत्त्वपूर्ण वन कौन-से हैं?(क) मानसूनी(ख) पर्वतीय(ग) उष्ण कटिबन्धीय पर्णपाती(घ) ज्वारीय |
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Answer» सही विकल्प है (ग) उष्ण कटिबन्धीय पर्णपाती |
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देवदार और चीड़ की लकड़ी से क्या बनते हैं ? |
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Answer» देवदार और चीड़ की लकड़ी से खेल के उपकरण, चाय तथा पैकिंग की पेटियाँ बनती है । |
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कौन-सा वृक्ष कंटीले वनों का नहीं है ?(A) खजूर(B) ओट(C) थूहर(D) बबूल |
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Answer» सही विकल्प है (B) ओट |
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निम्नलिखित विधानों को समझाइए:वन राष्ट्र के आर्थिक विकास में उपयोगी होते है । |
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Answer» भारत के वन अनेक प्रकार के वनीय उत्पादन प्रदान करते है ।
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बाँस से कौन-कौन सी वस्तुएँ बनती है ? |
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Answer» बाँस से टोकरा, टोकरी, खिलौने, गृहसज्जा की वस्तुएँ, फर्नीचर आदि वस्तुएँ बनाई जाती है । |
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गिलोय किस रोग में उपयोगी है ?(A) मधुमेह(B) जोड़ों का दुखना(C) बुखार(D) ये तीनों ही |
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Answer» (D) ये तीनों ही |
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वात तथा कफ रोकने में उपयोगी. वृक्ष ………….. है ।(A) बेत(B) गिलेय(C) हरडे.(D) नीम |
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Answer» सही विकल्प है (A) बेत |
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गिलोय के मुख्य उपयोग लिखिए । |
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Answer» गिलोय मधुमेह, संधि जोड़ का दुखना, बुखार आदि में उपयोगी है । |
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आँवला किन रोगों में उपयोगी होता है ? |
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Answer» आँवला पाचक और वायु-पित्त को दूर करने के लिए उपयोगी है । |
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कौन-से बिन परम्परागत ऊर्जा स्रोत है ? |
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Answer» सौर ऊर्जा, बायोगेस, पवन ऊर्जा आदि बिन परम्परागत ऊर्जा स्त्रोत है । |
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देश में प्राकृतिक वनस्पति (वनों) से सम्बन्धित क्या समस्याएँ है ? |
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Answer» हमारे देश में वनों से सम्बन्धित निम्नलिखित समस्याएँ हैं –
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किसी भी देश को मिलनेवाले सूर्यप्रकाश की मात्रा किस पर निर्भर करती है ? |
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Answer» सूर्यताप की मात्रा उस प्रदेश के अक्षांश और समुद्रतल से ऊँचाई पर आधारित होता है । |
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