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निम्नलिखित रूपरेखा के आधार पर कहानी लिखकर उचित शीर्षक दीजिए और बोध भी लिखिए :किसान – उसकी स्त्री को धनी होने की कल्पना – परी के दर्शन-दो वरदान मांगने को कहना – किसान की स्त्री का लोभ- गहनों का शौक, “हाथ सोने का बना दो” – हाथ रुक जाना – तकलीफ – दूसरा वरदान मांगना, “हाथ पहले जैसा बना दो।” परी का उड़ जाना-सीख। |
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Answer» लोभ का फल एक किसान था। उसकी स्थिति बहुत साधारण थी। उसकी पत्नी को इस स्थिति से संतोष नहीं था। वह सोचती रहती, “काश, मेरे पास भी ढेर सारा धन होता !” एक दिन वह ऐसा ही सोच रही थी कि उसे एक परी दिखाई दी। उसने परी को नमस्कार किया। परी खुश हो गई। उसने कहा, “तुम मुझसे कोई भी दो वरदान मांग सकती हो। मैं तुम्हारी दो इच्छाएं पूरी करूंगी।” परी की बात सुनकर किसान की पत्नी के मन में लोभ जाग उठा। उसे सोने के गहने पहनने का बहुत शौक था। उसने सोचा – क्यों न अपना एक हाथ ही सोने का बनवा लिया जाए! वह बोली, “हे परी रानी, यदि तुम मुझ पर प्रसन्न हो, तो मेरा एक हाथ सोने का बना दो।” किसान की स्त्री की बात पूरी हुई नहीं कि उसका एक हाथ सोने का बन गया। उसमें धातु की कठोरता आ गई। वह उसे न मोड़ सकती थी, न उससे कोई काम ले सकती थी। उसके कारण किसान की पत्नी को बहुत तकलीफ होने लगी। परी को जल्दी थी। उसने किसान की पत्नी से दूसरा वरदान मांगने के लिए कहा। किसान की पत्नी रुआंसी होकर बोली, “मुझे यह सोने का हाथ नहीं चाहिए। मेरे इस हाथ को पहले जैसा ही बना दो।” परी ने ‘तथास्तु’ कहा और किसान की पत्नी का हाथ फिर पहले की तरह हाड़-मांस का हो गया। लोभ के कारण किसान की पत्नी के दोनों वरदान व्यर्थ गए। बोध : लोभ का परिणाम हमेशा बुरा ही होता है। उससे सुख-शांति नहीं मिलती। लोभी आदमी को अंत में पछताना पड़ता है। |
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