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‘किसी जुगनू की लौ में पढ़ना बुरा तो है’ – का आशय स्पष्ट कीजिए। |
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Answer» “किसी जुगनू की लौ में पढ़ना’ अर्थात् अभावग्रस्त स्थितियों में, साधनहीनता में गुजारा करना, अपने बुनियादी अधिकारों – रोटी, कपड़ा, मकान, शिक्षा, स्वास्थ्य, पानी, बिजली, रोजगारी आदि की मांग भी न करना । सब-कुछ सहन कर जाना अच्छी बात नहीं है, बुरी बात है, मगर कुछ बातें ऐसी हैं, जो इससे भी बुरी और इससे भी खतरनाक है। |
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