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जो बीत गई सो बात गई। |
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Answer» इसमें संदेह नहीं कि बीता हुआ समय मनुष्य के मन पर अपनी गहरी छाप छोड़ जाता है, परंतु उस छाप का क्या महत्त्व है ! भूतकाल की बीती बातों की जुगाली करने से कोई लाभ नहीं होता। बीती बातों पर अधिक सोचने से हमारी मानसिक शक्तियाँ क्षीण हो जाती हैं। हम अपनी क्रियाशक्ति खो देते हैं। पुरानी असफलताओं को याद करने से भविष्य भी अंधकारमय दिखने लगता है। सामने कर्तव्य पड़े होते हैं, पर उन्हें करने का उत्साह नहीं रहता । इसलिए बीती बातों को भूल जाने में ही भलाई है। पुरानी शत्रता, परानी कड़वाहटे दिमाग से निकाल दें और वर्तमान में चैन से जीने की कोशिश करें । हम आशा का आँचल थामकर मन में नया उत्साह लाएँ । इससे हम एक नए जीवन का अनुभव करेंगे । इसलिए ‘जो बीत गई सो बात गई’ उक्ति का यही आशय है कि हम विगत के सूखे-मुरझाए फूलों को फेंककर अनागत के पुष्पों की सुगंध का आनंद लें। |
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