|
Answer» स्वतन्त्रता के पश्चात् भारत के अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार में अनेक परिवर्तन हुए हैं। भारत के अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं— 1. भारत का 90% अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार समुद्री मार्गों द्वारा सम्पन्न होता है। वायु, सड़क एवं रेल परिवहन का योगदान मात्र 10% है। 2. भारत के कुल निर्यात का 51.04% निर्यात एशिया और ओशियाना को हुआ। इसके बाद यूरोप 23.8% और अमेरिका 16.05% का स्थान रहा। उसी अवधि में भारत का आयात भी एशिया एवं ओशियाना से | सर्वाधिक 61.7% रहा, उसके बाद यूरोप 18.7% और अमेरिका (9.5%) का स्थान रहा। 3. भारत स्वतन्त्रता-प्राप्ति से पूर्व आयात अधिक करता था, परन्तु स्वतन्त्रता-प्राप्ति के पश्चात् आयात में वृद्धि के साथ-साथ निर्यात में भी वृद्धि हुई है। 4. भारत के आयात में मशीनें, खाद्य पदार्थ, खनिज तेल, इस्पात-निर्मित सामान, लम्बे रेशे की कपास, मोती एवं बहुमूल्य रत्न, सोना, चाँदी, रासायनिक पदार्थ एवं उर्वरक, कच्चा जूट, कागज व अखबारी कागज, रबड़, कल-पुर्जे तथा विद्युत उपकरण प्रमुख हैं। 5. भारत से सूती वस्त्र एवं सिले-सिलाए परिधान, जूट का सामान, चाय, चीनी, चमड़े की वस्तुएँ, वनस्पति तेल, खनिज पदार्थ, इंजीनियरिंग का सामान, मशीनी उपकरण, भारी संयन्त्र, परिवहन उपकरण, परियोजनागत सामान रत्न एवं आभूषण, खेल का सामान, उर्वरक, रबड़ की वस्तुएँ, मछली एवं उससे निर्मित वस्तुएँ, नारियल, काजू तथा गर्म मसाले आदि पदार्थ निर्यात किए जाते हैं। 6. स्वतन्त्रता-प्राप्ति से पूर्व भारत कच्चे माल का निर्यात अधिक मात्रा में करता था, परन्तु स्वतन्त्रता-प्राप्ति के पश्चात् औद्योगीकरण में प्रगति होने के कारण अब तैयार माल विदेशों को भेजा जाने लगा है। 7. भारत में खनिज तेल की माँग निरन्तर बढ़ती जा रही है, जिससे उसका आयात भी निरन्तर बढ़ती जा रहा है। देश में सम्पूर्ण आयात का लगभग 34% भाग खनिज तेल का ही होता है। 8. भारत में खाद्यान्न के आयात में निरन्तर कमी आई है, क्योंकि यहाँ खाद्यान्नों के उत्पादन में भारी वृद्धि हुई है। अब देश से गेहूँ एवं चावल का निर्यात समीपवर्ती देशों को भी किया जाने लगा है। 9. अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार में भारत की भागीदारी घटती जा रही है। निर्यात व्यापार में यह भागीदारी मात्र 0.8 प्रतिशत है। 10. भारत का विदेश व्यापार अन्तर्राष्ट्रीय समझौतों के आधार पर किया जाता है। देश का अधिकांश अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार केवल 35 देशों के मध्य होता है। 11. भारत का अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार देश के पूर्वी तथा पश्चिमी तट पर स्थित 13 बड़े पत्तनों द्वारा सम्पन्न किया। जाता है। इनके अतिरिक्त 200 मध्यम एवं लघु आकार के पत्तन हैं जो अल्पमात्रा में विशिष्ट वस्तुओं का व्यापार करते हैं। मुम्बई सबसे बड़ा पत्तन है जो देश का लगभग 25% व्यापार सम्पन्न करता है। इसके भार को कम करने के लिए इसके समीप में ही न्हावाशेवा नामक एक नवीन पत्तन स्थापित किया गया है। 12. व्यापार में वृद्धि के लिए भारत अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार मेलों में भाग लेता है तथा उनका आयोजन अपने देश में भी करता रहता है। 13. भारत के अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के आकार में तेजी से वृद्धि हो रही है। 14. सरकार निर्यात पर अधिक बल दे रही है, अतः उन्हीं कम्पनियों को आयात की छूट दी जा रही है जो निर्यात अधिक कर सकती हैं। 15. भारत विदेशी मुद्रा संकट का समाधान केवल निर्यात व्यापार को बढ़ाकर ही कर सकता है। 16. भारत अपने निर्यात व्यापार में वृद्धि करने के लिए प्रयत्नशील है।
|