1.

`8.0 xx 10^(-3)`किग्रा/मीटर रैखिक द्रव्यमान घनत्व की किसी लम्बी डोरी एक सिरा 256 Hz आवृत्ति के विधुत चालित स्वरित्र माध्यम द्विभुज से ऊपर गुजरता हुआ किसी तुला के पलड़े से बंधा है जिस पर किग्रा के बाँट लटके हैं । घिरनी वाला सिरा सारी आवश्यक ऊर्जाको अवशोषित कर लेता है जिसके कारण इस सिरे से परावर्तित तरंगों का आयाम नगण्य होता है | `t = 0` पर डोरी के बायें सिरे (द्विभुज वाले सिरे) `x = 0` पर अनुप्रस्थ विस्थापन शून्य है `(y = 0)`तथा वह y की धनात्मक दिशाके अनुदिश गतिशील है । तरंग का आयाम 5.0 सेमी है डोरी पर इस तरंग का वर्णन करने वाले अनुप्रस्थ विस्थापन y को xतथाt के फलन के रूप में लिखिए ।

Answer» तरंग +x अक्ष में गतिमान है चूँकि स्वरित्र द्विभुज बायीं और सम्बद्ध किया गया है यह विक्षोभ की दायी और x अक्ष के अनुदिश भेज रहा है ।
`y(x,t) = a sin (omegat - kx)`
अब, `a = 5` सेमी `= 0.05`मीटर
आवृत्ति (v) = `256 Hz`
रस्सी में तनाव `= mg = 90xx 9.8 = 882` न्यूटन
अनुप्रस्थ तरंग का वेग,`upsilon = (T/mu)`
अथवा `v = ((882)/(8.0 xx 10^(-3)))`
`= 332`मीटर/सेकण्ड
कोणीय आवृत्ति `(omega) = 2 piv`
`= 2 xx 3.14 xx 256 = 1607.6`
`= 1.6 xx 10^(3)` रेडियन/सेकण्ड
`lambda = (upsilon)/(v) = (332)/(256)` मीटर
संचरण नियतांक, `k = (2pi)/(lambda) = (2 xx 3.14)/(((332)/(256)))`
`= 4.84` मीटर
अतः गति की आवश्यक तरंग समीकरण,
`y(x,t) =0.05 sin (1.6 xx 10^(3)t - 4.84x)` मीटर


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