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This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
| 1. |
जब एक प्रकाश की किरण `sqrt(2)` अपवर्तनांक वाले समबाहु प्रिज्म पर आपतित होती है तो `30^(@)` विचलन उतपन्न होता है। प्रिज्म के भीतर अपवर्तित किरण तथा प्रिज्म के आधार के बीच कोण क्या है? |
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Answer» प्रिज्म द्वारा अल्पतम विचलन की स्थिति में, `mu=(sin((A+delta_(m))/(2)))/(sin((A)/(2)))` प्रश्नानुसार, `" " mu=sqrt(2), A=60^(@)` (समबाहु प्रिज्म के लिए) `:. " " sqrt(2)=(sin((60^(@)+delta_(m))/(2)))/(sin((60^(@))/(2)))=(sin((60^(@)+delta_(m))/(2)))/(sin30^(@))` `sin((60^(@)+delta_(m))/(2))=sqrt(2)xxsin30^(@)` `=sqrt(2)xx(1)/(2)=(1)/(sqrt(2))=sin45^(@)` `(60^(@)+delta_(m))/(2)=45^(@)` अथवा `delta_(m)=30^(@)` प्रश्नानुसार,`delta=30^(@)` अतः प्रिज्म न्यूनतम विचलन की स्थिति में है। चूँकि प्रिज्म समबाहु है, अतः प्रिज्म के भीतर अपवर्तित किरण आधार के समान्तर होगी। अतः इनके बीच कोण शून्य होगा। |
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| 2. |
एक खगोलीय दूरदर्शी के अभिदृश्यक तथा नेत्रिका की फोकस दूरियाँ क्रमशः 100 सेमी तथा 5 सेमी है। दूरदर्शी की आवर्धन क्षमता तथा लम्बाई ज्ञात कीजिये, जबकि अन्तिम प्रतिबिम्ब-(i) अनन्तता पर (ii) स्पष्ट दृष्टि की न्यूनतम दूरी पर बन रहा है। |
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Answer» (i) जब प्रतिबिम्ब अनन्तता पर बने- आवर्धन क्षमता `" " M=(-f_(@))/(f_(e ))=-(100)/(5)=-20X` दूरदर्शी की लम्बाई `L=f_(@)+f_(e )=100+5=105` सेमी (ii) जब प्रितबिम्ब स्पष्ट दृष्टि की न्यूनतम दूरी पर बने- आवर्धन क्षमता `" " M=(-f_(@))/(f_(e ))(1+(f_(e))/(D))` `=(-100)/(5)(1+(5)/(25))=-24X` नेत्रिका के लिए लेन्स के सूत्र से `(1)/(upsilon_(e ))-(1)/(u_(e ))=(1)/(f_(e ))` प्रश्नानुसार, `upsilon_(e )=D=-25` सेमी, `f_(e )=+5` सेमी `-(1)/(25)-(1)/(u_(e ))=(1)/(5)` `(1)/(u_(e ))=(-1)/(25)-(1)/(5)=(-6)/(25)` `:. " " u_(e )=(-25)/(6)`सेमी `:.` दूरदर्शी की लम्बाई `=|f_(@)|+|u_(e )|=100+(25)/(6)` `=100+4.17=104.17` सेमी |
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| 3. |
एक खगोलीय दूरदर्शी के अभिदृश्यक तथा नेत्र लेन्सों की फोकस दूरियाँ क्रमशः `2.00` मीटर तथा `0.05` मीटर हैं। दूरदर्शी की आवर्धन क्षमता ज्ञात कीजिये, यदि अन्तिम प्रतिबिम्ब-(i) स्पष्ट दृष्टि की न्यूनतम दूरी पर (ii) अनन्त पर बने। |
| Answer» Correct Answer - `-48X,-40X` | |
| 4. |
एक यौगिक सूक्ष्मदर्शी के अभिदृश्यक लेन्स द्वारा आवर्धन 8 है। यह सूक्ष्मदर्शी की आवर्धन क्षमता 32 हों तो अभिनेत्र लेन्स द्वारा आवर्धन ज्ञात कीजिये। |
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Answer» 4 `M=m_(@)xxm_(e )` |
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| 5. |
एक खगोलीय दूरदर्शी के अभिदृश्यक की फोकस दूरी `1.0` मीटर है। यदि दूरदर्शी की आवर्धन क्षमता 20 हों तो नेत्रिका की फोकस दूरी तथा श्रांत नेत्र के लिए दूरदर्शी की लम्बाई ज्ञात कीजिये। |
| Answer» Correct Answer - 5 सेमी, `1.05` मीटर | |
| 6. |
एक सूक्ष्मदर्शी के अभिदृश्यक तथा नेत्रिका की फोकस दूरियाँ क्रमशः 1 सेमी तथा 5 सेमी हैं। यदि श्रांत नेत्र के लिए आवर्धन क्षमता 45 है तो सूक्ष्मदर्शी की लम्बाई ज्ञात कीजिये। |
| Answer» Correct Answer - 15 सेमी | |
| 7. |
एक सामान्य आँख में रेटिना नेत्र लेन्स से 2 सेमी पीछे है नेत्र लेन्स की क्षमता क्या है जब आँख-(i) श्रांत अर्थात तनाव रहित है (ii) अधिकतम तनाव की स्थिति में है ? |
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Answer» नेत्र लेन्स द्वारा प्रतिबिम्ब रेटिना पर बनता है। अतः दोनों स्थितियों में `upsilon=+2` सेमी (i) जब आँख श्रान्त है तो वस्तु दूर अर्थात अनन्त पर है अर्थात `u=-oo` अतः लेन्स सूत्र से `(1)/(f)=(1)/(upsilon)-(1)/(u)=(1)/(+2)-(1)/(-oo)=(1)/(2)` सेमी f=2 सेमी नेत्र लेन्स की क्षमता `P=(1)/(f(मीटर))=(1)/(2xx10^(-2))=+50D` (ii) जब आँख अधिकतम तनाव की स्थिति में है तो वस्तु निकट बिन्दु अर्थात नेत्र से स्पष्ट दृष्टि की न्यूनतम दुरी अर्थात 25 सेमी दूरी पर है, अर्थात `u=-25` सेमी। अतः लेन्स सूत्र से `(1)/(f)=(1)/(upsilon)-(1)/(u)=(1)/(2)-(1)/(-25)=(25+2)/(50)=(27)/(50)` `:. " " f=(50)/(27)` सेमी नेत्र लेन्स की क्षमता `P=(1)/(f(मीटर))=(1)/((50)/(27)xx(1)/(100))=+54D` |
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| 8. |
2.5 मीटर फोकस दूरी के उत्तल दर्पण के आगे कोई व्यक्ति कितनी दूरी पर खड़ा हो जिससे उसकी आधी ऊँचाई का प्रतिबिम्ब दर्पण द्वारा बन सके ? मुख्य अक्ष ऊँचाई के लंबवत हैं। |
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Answer» उत्तल दर्पण द्वारा सदैव आभासी प्रतिबिम्ब बनता है। अतः `m=-(upsilon)/(u)=+(1)/(2)` `:. " " upsilon=-(u)/(2)` `f=+2.5` मीटर दर्पण समीकरण `" " (1)/(u)+(1)/(upsilon)=(1)/(f)` `(1)/(u)+(1)/(-u//2)=(1)/(2.5)` `-(1)/(u)=(1)/(2.5)` `u=-2.5` मीटर अतः व्यक्ति को दर्पण के सामने `2.5` मीटर दूरी पर खड़ा होना चाहिये। |
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| 9. |
2.5 मीटर फोकस दूरी के उत्तल दर्पण से एक व्यक्ति कितनी दूरी पर खड़ा हों जिससे उसकी आधी ऊँचाई का प्रतिबिम्ब दर्पण द्वारा बने मुख्य अक्ष ऊँचाई के लंबवत हों ? |
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Answer» दर्पण के समाने 2.5 मीटर दूरी पर `m=-(upsilon)/(u)=+(1)/(2)` (क्योकि उत्तल दर्पण द्वारा आभासी प्राप्त) |
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| 10. |
एक 10 सेमी फोकस दूरी वाले अवतल दर्पण से h ऊँचाई की वस्तु की दूरी ज्ञात कीजिए ताकि आवर्धन दोगुना वास्तविक प्रतिबिम्ब प्राप्त हों सके। |
| Answer» Correct Answer - `-15` सेमी | |
| 11. |
जब एक अवतल दर्पण से वस्तु की दूरी 15 सेमी से 9 सेमी कर दी जाती है तो प्रतिबिम्ब पहले की अपेक्षा 3 गुना आवर्धित हों जाता है। दर्पण की फोकस दूरी ज्ञात कीजिए। |
| Answer» Correct Answer - `-6` सेमी | |
| 12. |
4.5 सेमी लम्बी एक सुई 15 सेमी फोकस दूरी के उत्तल दर्पण के सामने 12 सेमी दूरी पर रखी है। प्रतिबिम्ब की स्थिति, प्रकृति तथा आवर्धन ज्ञात कीजिये। |
| Answer» दर्पण के पीछे 20/3 सेमी दूरी , आभासी एवं सीधा, 2.5 सेमी | |
| 13. |
विरल माध्यम के सापेक्ष सघन माध्यम के अपवर्तनांक तथा क्रान्तिक कोण में संबंध लिखिए। |
| Answer» `mu=(1)/(sin theta_(c ))` | |
| 14. |
एकवर्णीय प्रकाश निर्वात से `1.5` अपवर्तनांक के एक माध्यम द्वारा अपवर्तित होता हैं। अपवर्तित प्रकाश की तरंगदैध्र्य होगी-A. समानB. बड़ीC. छोटीD. अपवर्तित प्रकाश की तीव्रता पर निर्भर |
| Answer» Correct Answer - C | |
| 15. |
यदि विरल तथा सघन माध्यम में प्रकाश की चाले क्रमशः `upsilon_(1)` तथा `upsilon_(2)` हो तथा सघन माध्यम में क्रान्तिक कोण c हो, तो-A. `upsilon_(1)=upsilon_(2) sin c`B. `upsilon_(1)=upsilon_(2) cos c`C. `upsilon_(1)=upsilon_(2) tan c`D. `upsilon_(1)=upsilon_(2) cosec c` |
| Answer» Correct Answer - D | |
| 16. |
क्या निकट दृष्टि दोष अथवा दीर्घ दृष्टिदोष द्वारा आवश्यक रूप से यह ध्वनित होता हैं कि नेत्र ने अपनी समंजन क्षमता आंशिक रूप से खो दी है ? यदि नहीं, तो इन दृष्टि दोषों का क्या कारण हो सकता है ? |
| Answer» नहीं, निकट दृष्टिकोण या दूर दृष्टिदोष यह प्रदर्शित नहीं करता हैं कि नेत्र ने अपनी समंजन क्षमता आंशिक रूप से खो दी है | निकट दृष्टिदोष (मायोपिया) तब होता हैं जब आँख समीप कि वस्तु को स्पष्ट देख सकती है किन्तु दूर की वस्तु स्पष्ट नहीं देख सकती हैं| यह दोष (मायोपिया)नेत्र गोलक के बढ़ जाने पर होता है तथा दूर दृष्टिदोष तब होता है जब दूर की वस्तु स्पष्ट दिखाई देती हैं किन्तु समीप की वस्तु दिखाई नहीं देती हैं | इस दोष (हाइपरमेट्रोपिया) का मूल कारण नेत्र गोलक का पतला हो जाना है | | |
| 17. |
निकट दृष्टि दोष का कोई व्यक्ति दूर दृष्टि के लिए `-1.0D` क्षमता का चश्मा उपयोग कर रहा है | अधिक आयु होने पर उसे पुस्तक पढ़ने के लिए अलग से `+2.0D`क्षमता के चश्मे की आवश्यकता होती हैं| स्पष्ट कीजिए ऐसा क्यों हुआ ? |
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Answer» चश्मे की प्रारम्भिक क्षमता `=-1`,फोकस दूरी `-100` सेमीo है इसका अर्थ है कि व्यक्ति का दूर बिन्दु 100 सेमीo दूरी पर है तथा निकट बिन्दु सामान्य, अर्थात 25 सेमीo है वृध्द व्यक्ति `+2D` क्षमता के चश्में का प्रयोग करते हैं | चश्में की फोकस दूरी f=50 सेमीo है| अतः `" " u=-25` सेमीo तथा `" " (1)/(upsilon)=(1)/(50)-(1)/(25)=(1-2)/(50)=-(1)/(50)` `upsilon=-50` सेमीo अतः निकट बिन्दु 50 सेमीo है| |
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| 18. |
एक अवतल दर्पण 30 सेमी त्रिज्या के काँच के खोखले गोले का काटा हुआ भाग है। दर्पण की फोकस दूरी कितनी है ? |
| Answer» `f=R//2=30//2=15` सेमी | |
| 19. |
गोलाकार दर्पण की फोकस दूरी तथा वक्रता त्रिज्या में क्या संबन्ध है ? |
| Answer» Correct Answer - `f=R//2` | |
| 20. |
गोलीय दर्पण की वक्रता त्रिज्या से क्या तातपर्य है ? |
| Answer» गोलीय दर्पण जिस गोले का काटा हुआ भाग है उसकी त्रिज्या को दर्पण की वक्रता त्रिज्या कहते है। | |
| 21. |
एक आवर्धक लेन्स की फोकस दूरी 10 सेमी है। ज्ञात कीजिये- (i) लेन्स की क्षमता, (ii) लेन्स की आवर्धन क्षमता। जब प्रतिबिम्ब निकट तथा दूर बिन्दु पर बनता है। |
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Answer» (i) लेन्स की क्षमता `P=(1)/(f(मीटर))=(1)/(10xx10^(-2))=10D` (ii) जब प्रतिबिम्ब निकट बिन्दु पर बनता है, आवर्धन क्षमता `M=1+(D)/(f)=1+(25)/(10)=3.5X` जब प्रतिबिम्ब दूर बिन्दु पर बनता है, आवर्धन क्षमता `M=(D)/(f)=(25)/(10)=2.5X` |
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| 22. |
नेत्र का वह दोष जिसके कारण व्यक्ति क्षैतिज तथा ऊर्ध्वाधर रेखा को एक साथ स्पष्ट्त: नहीं देख पाता, कहलाता है-A. निकट दृष्टि दोषB. दूर दृष्टि दोषC. जरा दृष्टि दोषD. अबिंदुकता |
| Answer» Correct Answer - D | |
| 23. |
निम्नलिखित प्रश्नो के उत्तर दीजिए- (a) किसी वस्तु द्वारा नेत्र पर अन्तरित कोण आवर्धक लेन्स द्वारा उतपन्न आभासी प्रतिबिम्ब द्वारा नेत्र पर अन्तरित कोण के बराबर होता है | तब फिर किन अर्थो में कोई आवर्धक लेन्स कोणीय आवर्धन प्रदान करता है ? (b) किसी आवर्धक लेन्स से देखते समय प्रेक्षक अपने नेत्र को लेन्स से अत्यधिक सटाकर रखता है| यदि प्रेक्षक अपने नेत्र को पीछे ले जाए तो क्या कोणीय आवर्धन परिवर्तित हो जाएगा ? (c ) किसी सरल सुक्ष्मदर्शी की आवर्धन क्षमता उसकी फोकस दूरी के व्यत्क्रमानुपाती होती है| तब हमें अधिकाधिक आवर्धन क्षमता प्राप्त करने के लिए कम से कम फोकस दूरी के उत्तल लेन्स का उपयोग करने से कौन रोकता है ? (d) किसी संयुक्त सुक्ष्मदर्शी के अभिदृश्यक लेन्स तथा नेत्रिका लेन्स दोनों ही की फोकस दूरी कितनी होनी चाहिए ? (e ) संयुक्त सुक्ष्मदर्शी द्वारा देखते समय सर्वोत्तम दर्शन के लिए हमारे नेत्र, नेत्रिका पर स्थित न होकर उससे कुछ दूरी पर होने चाहिएँ | क्यों ? नेत्र तथा नेत्रिका के बीच की यह अल्प दूरी कितनी होनी चाहिए ? |
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Answer» (a) चूँकि प्रतिबिम्ब का आकार वस्तु के आकार से बहुत अधिक है तथा प्रतिबिम्ब व वस्तु के कोणीय आकार समान है| एक अति उच्च आर्वधित काँच के द्वारा स्पष्ट दृष्टि के न्यूनतम दूरी (25 सेमीo ) से कम दूरी पर प्रतिबिम को स्पष्ट देखा जा सकता है| जैसे ही वस्तु की दूरी घटती है वैसे ही कोणीय आकार बढ़ता है| (b) हाँ, कोणीय आवर्धन परिवर्तित होता है | जैसे ही आर्वधक काँच के बीच की दूरी बढ़ती है वैसे ही कोणीय आर्वधन घटता है| (c ) हम ऐसा लेन्स सुगमता से नहीं बना सकते है ,जिसकी फोकस दूरी अति अल्प हो | (d) नेत्रिका लेन्स की फोकस दूरी `((25)/(f_(e ))+1)` है | चूँकि `f_(e )` अल्प है, अतः कोणीय आवर्धन उच्च होगा| पुनः अभिदृश्यक लेन्स का आर्वधन `(upsilon)/(u)` होगा | जैसे ही वस्तु अभिदृश्यक लेन्स के फोकस तल में लायी जाती है ,`u~~f_(0)`. आवर्धन `((upsilon)/(f_(0)))`बढ़ाने हेतु `f_(0)` अल्प होना चाहिए | , अतः `f_(0)` तथा `f_(e )` दोनों अल्प है | (e ) जब हम अपनी आँखे संयुक्त सूक्ष्मदर्शी के अतिसमीप रखते है तब हम पर्याप्त मात्रा में आपतित किरणों को ग्रहण नहीं कर पाते क्योकि दृष्टि-योग्य क्षेत्र घट जाता है | अतः प्रतिबिम्ब की स्पष्टता धुधंली हो जाती है| संयुक्त सूक्ष्मदर्शी द्वारा वस्तु को स्पष्ट देखने के लिए आँखे नेत्रिका से सती होनी चाहिए| |
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| 24. |
सामान्य आँख के लिए निकट बिन्दु व दूर बिन्दु है-A. 0 सेमी, 25 सेमीB. 25 सेमी, 50 सेमीC. 50 सेमी, 100 सेमीD. 25 सेमी, अनन्त |
| Answer» Correct Answer - D | |
| 25. |
संयुक्त सुक्ष्मदर्शी में अभिदृश्यक व नेत्रिका दोनों छोटी फोकस दूरी के क्यों होते है? |
| Answer» आवर्धन क्षमता बढ़ाने के लिए | |
| 26. |
नेत्र-लेन्स द्वारा स्पष्ट प्रतिबिम्ब बनता है-A. कॉर्निया परB. आइरिस परC. पुतली परD. रेटिना पर |
| Answer» Correct Answer - D | |
| 27. |
एक निकट दृष्टि दोष वाला मनुष्य 200 सेमी से अधिक दूर स्थित वस्तुये नहीं देख पाता है। दूर की वस्तुयें देखने की लिये किस क्षमता का लेन्स चश्मे में प्रयुक्त करना होगा ? |
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Answer» लेन्स के सूत्र से `(1)/(upsilon)-(1)/(u)=(1)f)` निकट दृष्टि दोष दूर करने के लिये अनन्त पर स्थित वस्तु का प्रतिबिम्ब लेन्स द्वारा नेत्र के सामने 200 सेमी दूरी पर बनना चाहिये।अतः `u=-oo, upsilon=-200` `(1)/(-200)-(1)/(-oo)=(1)/(f)` `:. " " f=-200` सेमी `-=2` मीटर f का मान ऋणात्मक है अतः यह अवतल लेन्स होगा । `P=(1)/(f(मीटर))=(1)/(-2)=-0.5D` |
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| 28. |
नेत्र लेन्स का माध्य अपवर्तनांक है (लगभग)-A. `1.83`B. `1.23`C. `1.63`D. `1.336 |
| Answer» Correct Answer - D | |
| 29. |
मानव नेत्र में रेटिना का क्या कार्य है? |
| Answer» यह परदे का कार्य करता है । इस पर बने प्रतिबिम्ब के द्वारा यह मस्तिष्क को वस्तु के रूप, रंग, आकार का ज्ञान कराता है। | |
| 30. |
स्वस्थ आँख के लिये दूर बिन्दु होता है-A. अनन्त परB. 100 सेमी परC. 50 सेमी परD. 25 सेमी पर |
| Answer» Correct Answer - A | |
| 31. |
निम्न दृष्टि दोषों को दूर करने के लिये कौन-से लेंस प्रयुक्त होते है ? (i) निकट दृष्टि दोष, (ii) दूर दृष्टि दोष, (iii) अबिंदुकता। |
| Answer» (i)अवतल लेन्स, (ii)अवतल लेन्स, (iii) बेलनाकार लेन्स | |
| 32. |
स्वस्थ आँख के लिये निकट बिन्दु (स्पष्ट द्ष्टि की न्यूनतम दूरी) होता है-A. अनन्त परB. 100 सेमी परC. 50 सेमी परD. 25 सेमी पर |
| Answer» Correct Answer - D | |
| 33. |
सामान्य आँख के लिए स्पष्ट दृष्टि की न्यूनतम दूरी क्या है ? |
| Answer» Correct Answer - 25 सेमी | |
| 34. |
दूरदर्शी की विभेदन क्षमता कैसे बढ़ती जाती है ? |
| Answer» बड़े द्वारक का अभिदृश्यक लेन्स लेकर। | |
| 35. |
दूरदर्शी में अभिदृश्यक लेंस की क्षमता यथासम्भव कम क्यों रखी जाती है? |
| Answer» लेन्स की क्षमता कम होने से फोकस दूरी बढ़ती है, अतः आवर्धन क्षमता `(M=-(f_(@))/(u_(e )))` बढ़ती है । | |
| 36. |
(a) दूरदर्शी में बड़े द्वारक के अभिदृश्यक लेंस की आवश्यकता क्यों होती है ? परावर्ती दूरदर्शी में परवलयाकार दर्पण के द्वारक का मान अधिक क्यों रखा जाता है ? |
| Answer» दूरदर्शी में बड़े द्वारक बड़ा होने से दूर स्थित वस्तुओ से पर्याप्त प्रकाश अभद्र्श्यक पर पड़ता है जिससे प्रतिबिम्ब चमकीला बनता है। () विभेदन क्षमता बढ़ती है। | |
| 37. |
क्या क्रान्तिक कोण का मान प्रकाश के रंग पर निर्भर करता है |
| Answer» क्या क्रान्तिक कोण का मान प्रकाश के रंग पर निर्भर करता है तथा अपवर्तनांक प्रकाश की तरंगदैध्र्य (रंग) पर निर्भर करता है। अतः क्रान्तिक कोण प्रकाश के रंग पर निर्भर करता है। | |
| 38. |
कारण बताइये- तारे क्यों टिमटिमाते है? (a) जल में डूबी छड़ मुड़ी हुई क्यों प्रतीत होती है? (b) हीरा क्यों चमकता है ? (c ) वास्तविक सूर्योदय से पहले तथा सूर्यास्त के बाद भी सूर्य क्यों दिखाई देता है? (d) वास्तविक सूर्यादय से पहले तथा वास्तविक सूर्यास्त के बाद भी सूर्य क्यों दिखायी देता है? |
| Answer» अनुच्छेद `9.3.3` व `9.4.1` देखिये। | |
| 39. |
काँच `(mu=1.5)` के एक लेन्स की वायु में फोकस दूरी 30 सेमी तथा एक द्रव में फोकस दूरी 120 सेमी है । द्रव का अपवर्तनांक ज्ञात कीजिए। |
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Answer» हम जानते है कि लेन्स की वायु में फोकस दूरी `f_(a)` तथा द्रव में फोकस दूरी`f_(1)` है तब, लेन्स मेकर्स सूत्र से `(1)/(f)=(""_(a)mu_(g)-1)((1)/(R_(1))-(1)/(R_(2)))" "`……..(1) अतः `" " (1)/(f_(1))=(""_(l)mu_(g)-1)((1)/(R_(1))-(1)/(r_(2)))" "`........(2) समीकरण (1) को समीकरण(2) से भग देने पर, `(f_(1))/(f_(a))=(""_(a)mu_(g)-1)/(""_(l)mu_(g)-1)=(""_(a)mu_(g)-1)/((""_(a)mu-1)/(""_(a)mu_(l))-1)` प्रश्नानुसार, `f_(a)=30` सेमी, `f_(1)=120` सेमी ,`""_(a)mu_(g)=1.5` `:. " " (120)/(30)=(1.5-1)/((1.5)/(""_(a)mu_(l))-1)` `(1.5)/(""_(a)mu_(l))-1=(0.5xx30)/(120)=(1)/(8)` `(1.5)/(""_(a)mu_(l))=1+(1)/(8)=(9)/(8)` `""_(a)mu_(l)=(8)/(9)xx1.5=(4)/(3)` द्रव का अपवर्तनांक`=(4)/(3)` |
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| 40. |
काँच के एक पतले लेन्स की क्षमता 5 डायोप्टर है | जब यह एक द्रव में डुबाया जाता है, तो यह 85 सेमी फोकस-दूरी के एक अपसारी लेन्स के समान व्यवहार करता है | यदि काँच का अपवर्तनांक 1.5 हो, तो द्रव के अपवर्तनांक की गणना कीजिए | |
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Answer» वायु में लेन्स की क्षमता P=5D `:.` वायु में लेन्स की फोकस दूरी `f_(a)=(1)/(P)=(1)/(5)` मीटर=20 सेमी प्रश्नानुसार, द्रव में लेन्स की फोकस दूरी `f_(l)=-85` सेमी लेन्स मेकर्स सूत्र से, `(1)/(f_(a))=(""_(a)mu_(g)-1)((1)/(R_(1))-(1)/(R_(2)))" "`......(1) `(1)/(f_(1))=(""_(l)mu_(g))((1)/(R_(1))-(1)/(R_(2)))" "`......(2) समीकरण (1) को (2) से भाग देने पर `(f_(1))/(f_(a))=(""_(a)mu_(g)-1)/(""_(l)mu_(g)-1)` मान रखने पर `(-85)/(20)=(1.5-1)/(""_(l)mu_(g)-1)` `:. " " ""_(l)mu_(g)=-(20xx0.5)/(85)=(-10)/(85)=-(2)/(17)` `""_(l)mu_(g)=1-(2)/(17)=15//17` `:. " " (""_(a)mu_(g))/(""_(a)mu_(l))=(15)/(17)` `:. " " ""_(a)mu_(1)=(17)/(15)""_(a)mu_(g)=(17)/(15)xx1.5=1.7` अतः द्रव का अपवर्तनांक`=1.7` |
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| 41. |
20 सेमी फोकस दूरी वाले उत्तल लेन्स के सम्पर्क में एक अवतल लेन्स रखा है। यह संयोग 100 सेमी फोकस दूरी वाले अभिसारित लेन्स के समान कार्य करता है। अवतल लेन्स की क्षमता ज्ञात कीजिये। |
| Answer» Correct Answer - `-4` डायोप्टेर | |
| 42. |
`-3D` तथा `+2D` क्षमता के दो पतले लेन्सों को मिलाकर एक संयुक्त लेन्स बनाया गया है। संयुक्त लेन्स अभिसारी है या अपसारी? इसकी फोकस दूरी कितनी है? |
| Answer» अपसारी (अवतल) 100 सेमी | |
| 43. |
किसी पर्दे को बिम्ब से 90 सेमीo दूर रखा गया है| पर्दे पर किसी उत्तल लेन्स द्वारा उसे एक-दूसरे से 20 सेमीo दूर स्थितियों पर रखकर, दो प्रतिबिम्ब बनाए जाते है |लेन्स की फोकस दूरी ज्ञात कीजिए | |
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Answer» पर्दे तथा वस्तु के बीच की दूरी (a)=90 सेमीo लेन्स की दो स्थितियों के बीच की दूरी (d)=20 सेमीo विस्थापन विधि के सूत्रानुसार, `f=(a^(2)-d^(2))/(4a)=((90)^(2)-(20)^(2))/(4xx90)=(7700)/(360)=21.4` सेमीo |
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| 44. |
आकाश के नीले रंग का कारण है, प्रकाश का-A. परावर्तनB. अपवर्तनC. प्रकीर्णनD. परिक्षेपण |
| Answer» Correct Answer - C | |
| 45. |
जब तरंगदैध्र्य `6000 Å` का प्रकाश प्रयोग किया जाता है तो एक सुक्ष्मदर्शी `0.1` मिमी दूरी पर रखी दो वस्तुओं को विभेदित कर पाता है| यदि `4800 Å`तरंगदैध्र्य का प्रकाश प्रयुक्त हो तो विभेदन सीमा हो जायेगी-A. `0.80` mmB. `0.12` mmC. `0.10` mmD. `0.08` mm |
| Answer» Correct Answer - D | |
| 46. |
नेत्र लेन्स की प्रकृति होती है-A. अभिसारीB. अपसारीC. उत्तल व अवतलD. इनमें से कोई नहीं |
| Answer» Correct Answer - A | |
| 47. |
एक श्रांत आंख के लेन्स की फोकस दूरी होती है, लगभग-A. 2 सेमीoB. 25सेमीoC. 1 मीटरD. अनन्त |
| Answer» Correct Answer - A | |
| 48. |
इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी की विभेदन क्षमता प्रकाशिक सुक्ष्मदर्शी की अपेक्षा होती है-A. 5 गुनीB. 50 गुनीC. 500 गुनीD. 5000 गुनी |
| Answer» Correct Answer - D | |
| 49. |
रमन प्रभाव प्रकाश की किस परिघटना से संबन्धित है ?A. परिक्षेपणB. प्रकीर्णनC. विवर्तनD. ध्रुवण |
| Answer» Correct Answer - B | |
| 50. |
जब सूक्ष्मदर्शी में वस्तु तथा अभिदृश्यक के बीच की दूरी को जल से भर दिया जाता है तो विभेदन क्षमता-A. बढ़ती हैB. घटते हैC. अपरिवर्तित रहती हैD. घट अथवा बढ़ सकती है |
| Answer» Correct Answer - A | |