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सिद्ध कीजिए कि स्वप्रेरकत्व L में धारा `I_(0)` स्थापित करने के लिए आवश्यक चुंबकीय ऊर्जा `1/2LI_(0)^(2)` से दी जाती है। |
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Answer» जब किसी कुडंली में बैटरी से धारा प्रवाहित की जाती है तो धारा को स्थायी मान `I_(0)` प्राप्त करने में कुछ समय लगता है। अत: कुंडली में प्रेरित विद्युत वाहक बल उत्पन्न हो जाता है, जो कुडंली में धारा के मान में वृद्धि का विरोध करता है। बैटरी द्वारा धारा के मान को 0 से स्थायी मान `I_(0)` तक बढ़ाने के लिए प्रेरित विद्युत वाहक बल के विरुद्ध कार्य किया जाता है । यह कार्य कुंडली में स्थितिज ऊर्जा के रूप में संचित हो जाता है । मानलो किसी क्षण सूक्ष्म आवेश dq को परिपथ में चलाने के लिए बैटरी द्वारा किया गया कार्य dw है। तब `dW=(-epsilon)dq` जहाँ `epsilon` प्रेरित विद्युत वाहक बल है। या `dW=-(-L(dI)/(dt)).dq,` `[becauseepsilon=-L(dI)/(dt)]` `=L.dI.(dq)/(dt)` `=L.IdI,` `[becauseI=(dq)/(dt)]` अत: कुंडली में धारा के मान को 0 से `I_(0)` तक बढ़ाने में किया गया कार्य `W=underset(0)overset(I_(0))intdW=underset(0)overset(I_(0))intLIdI=Lunderset(0)overset(I_(0))intIdI` `=L[(I^(2))/2]_(0)^(I_(0)=1/2LI_(0)^(2)` यही कार्य कुंडली में स्थितिज ऊर्जा के रूप में संचित हो जाता है। अतः कुंडली में संचित ऊर्जा `U=1/2LI_(0)^(2)` |
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