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‘निन्दा रस’ निबंध का आशय अपने शब्दों में स्पष्ट कीजिए। |
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Answer» निन्दक निन्दा करके ‘निन्दा-रस’ का आनन्द लेता है। निन्दक दूसरों की निन्दा में सुख भोगता है। निन्दा के भी नमूने हैं। जैसे- कुछ लोग ईर्ष्या से निन्दा करते हैं, कुछ अपनी प्रसिद्धि के लिए निन्दा करते हैं, कुछ बिना कारण से ही निन्दा करते हैं। ऐसे लोगों के स्वभाव का उजागर करना ही लेखक का उद्धेश्य है। |
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