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निन्दा को पूँजी बनानेवालों के बारे में लेखक ने क्या कहा है? |
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Answer» जिन लोगों के पास निन्दा के अलावा और कोई दूसरी सम्पत्ति नहीं होती। वे लोग इसी पूँजी या सम्पत्ति से अपना कारोबार बढ़ाते रहते हैं। उनका यह कलंकित कार्य ही उनकी प्रतिष्ठा मानी जाती है। वे सदा उसी का पारायण करते हैं। |
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