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“नीति काव्य के क्षेत्र में रहीम का स्थान सर्वोपरि है।” इस कथन के विषय में अपने विचार लिखिए। |
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Answer» नीति काव्य की परम्परा में यों तो अनेक उल्लेखनीय नाम हैं। किन्तु कबीर, तुलसी, कृपाराम, बिहारी तथा गिरिधर कविराय आदि ने नीति काव्य के कोष को बहुत बढ़ाया है। किन्तु इन सभी में रहीम का अपना अलग ही स्थान है। अन्य कवियों ने कुछ सीमित विषयों को लेकर नीतिपरक रचनाएँ की हैं किन्तु रहीम ने जीवन के व्यापक और अनेक विषयों पर अपनी लेखनी चलाई है। रहीम दोहों में उनके स्वयं के अनुभवों तथा विविध विषयों पर प्रभावशाली नीति वाक्य प्राप्त होते हैं। सरल तथा सीधी हदय पर प्रभाव छोड़ने वाली भाषा और शैली में उन्होंने नीति काव्य का चिरस्थायी सृजन किया है। अत: रहीम का नीति काव्य के क्षेत्र में एक उल्लेखनीय स्थान है। |
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