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लोहा अयस्क से स्टील बनाते समय जो अभिक्रिया होती है, वह आयरन (II) ऑक्साइड का कार्बन मोनोऑक्साइड के द्वारा अपचयन है एवं इससे धात्विक लौह एवं `CO_(2)` मिलते है । `FeO(s)+CO_(s)hArr Fe(s)+CO_(2)(g),K_(p)=0.265atm at 1050K` 1050K पर CO तथा `CO_(2)` के साम्य पर आंशिक दाब क्या होंगे, यदि उनके प्रारम्भिक आंशिक दाब है- `P_(CO)=1.4atm` तथा `P_(CO_(2))=0.80atm` |
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Answer» `FeO_(s)+CO_(g)hArr Fe(s)+CO_(2)(g)` प्रारम्भ में दाब `" " 1.4 atm " " 0.80atm` `Q_(P)=(P_(CO_(2)))/(P_(CO))=(0.80)/(1.4)=5.71` चूँकि `Q_(p)gtK_(P)` अभिक्रिया विपरीत दिशा में अग्रसर होगी । इस पर `CO_(2)` का आंशिक दाब घटेगा जबकि CO का आंशिक दाब बढ़ेगा । माना की `CO_(2)` के आंशिक दाब में कमी P atm है। `:.` साम्यवस्था पर, `P_(CO_(2))=(0.80-P)atm` और `P_(CO)=(1.4+P)atm` `:.K_(p)=(P_(CO_(2)))/(P_(CO))` या `0.256=(0.80-P)/(1.4+P)` या `0.256xx(1.4+P)=0.80-P` या `0.371xx0.256P=0.80-P` या `1.256P=0.429` `P=(0.429)/(1.265)=0.399atm` `:.` साम्यवस्था पर `P_(CO)=1.4+0.399k=1.739atm` और `P_(CO_(2))=0.80-0.399=0.461atm` |
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