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कोई व्यक्ति ऊर्ध्वाधर तथा क्षैतिज धारियों की कमीज पहने किसी दूसरे व्यक्ति को देखता है । वह क्षैतिज धारियों की तुलना में ऊर्ध्वाधर धारियों को अधिक स्पष्ट देख पाता है। ऐसा किस दृष्टिकोण के कारण होता है ? इस दृष्टिदोष का संशोधन कैसे किया जाता है ? |
| Answer» यह दृष्टि दोष नेत्र लेंस में त्रुटि होने के कारण होता है। इसे अबिन्दुकता कहते हैं। कॉर्निया की वक्रता तथा नेत्र लेंस के विभिन्न तलों में समानता नहीं होने से यह दोष उत्पन्न होता है। इसे ऊर्वार्धर अक्ष के बेलनाकार लेंस के उपयोग द्वारा दूर किया जाता है । | |