1.

किसी वृत्ताकार कुंडली की माध्य त्रिज्या 10 cm , फेरो की संख्या 500 तथा प्रतिरोध `2 Omega` हैं । कुंडली को ऊर्ध्वाधरतः इस प्रकार रखा गया हैं कि उस स्थान पर पृथ्वी का क्षैतिज चुंबकीय क्षेत्र `(3xx10^(-5)T )` कुंडली के तल के लंबवत् हैं । यदि कुंडली को ऊर्ध्वाधर व्यास के परितः 0.25 s में `180^(@)` से घुमाया जाए तो कुंडली में प्रेरित विद्युत - वाहक बल तथा विद्युत - धारा ज्ञात करें ।

Answer» प्रश्न से , r = 10xx10^(-2)m, N = 500 , R = 2 Omega , B_(H) = 3 xx 10^(-5)T, Deltat = 0.25 s तथा
फ्लक्स का परिवर्तन `Delta phi = NAB cos 180^(@) – NAB cos (@) = - 2 NAB`
`therefore epsi = -(Delta phi)/(Delta t ) = (2 NAB)/(Deltat) = (2(500)(3.14xx10^(-2)m^(2))(3xx10^(-5) T))/(0.25)`
= ` 37.68 xx 10^(-4)V = 3.8 m V`.
इसी प्रकार धारा `I = (epsi)/(R) = 1.9 mA.`


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