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कभी सुननाजब सारा शहर सो जायतो किवाड़ों पर कान लगाधीरे-धीरे सुननाकहीं आसपासएक मादा घड़ियाल की कराह की तरहसुनाई देगी नदी। |
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Answer» प्रसंग-प्रस्तुत पंक्तियों में कवि कहता है कि नदी प्रत्येक समय हमारे बीच उपस्थित रहती है। व्याख्या-कवि कहता है कि यदि आप इस बात से सन्तुष्ट नहीं है कि नदी हमारे-आपके बीच हमेशा विद्यमान रहती है तो अपनी सन्तुष्टि के लिए; जब मनुष्यों के सभी क्रिया-कलाप बन्द हो जाएँ और समस्त चराचर प्रकृति शान्त रूप में हो; अर्थात् सारा शहर गहरी निद्रा में सो रहा हो; उस समय आप घरों के दरवाजों से कान लगाकर, एकाग्रचित्त होकर नदी की आवाज को सुनने का प्रयास कीजिए। आपको अनुभव होगा कि नदी की प्रवाहित होने वाली मधुर ध्वनि एक मादा मगरमच्छ की दर्दयुक्त कराह जैसी आती प्रतीत होगी। स्पष्ट है कि नदी किसी-न-किसी रूप में सदैव हमारे साथ रहती है। काव्यगत सौन्दर्य– |
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