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काँच के आयताकार गुटके से अपवर्तित प्रकाश में वर्ण-विक्षेपण क्यों नहीं होता है ? |
| Answer» काँच के आयताकार गुटके की दोनों समांतर सतहों से अपवर्तन के पश्चात् निर्गत किरणें आपतित किरणों के समान्तर होती हैं। गुटके के अन्दर श्वेत प्रकाश का वर्ण-विक्षेपण हो जाता है, किन्तु जब विभिन्न रंगों की किरणें गुटके से निकलती हैं तो वे एक-दूसरे के समान्तर होती हैं। अत: सभी रंग मिलकर पुन: श्वेत प्रकाश का निर्माण करते हैं। इस प्रकार काँच के आयताकार गुटके से अपवर्तित प्रकाश में वर्ण-विक्षेपण नहीं होता। | |