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Answer» जंगलों का आर्थिक महत्त्व (उपयोगिता) : - भारत के वन अनेक प्रकार के वनीय उत्पादन प्रदान करते हैं ।
- वनों का प्रमुख उत्पादन लकड़ी है । इमारती लकड़ी, ईंधन की लकड़ी, कागज, दियासलाई, रंग आदि उद्योगों के लिए कच्चा माल प्रदान करते हैं ।
- चंदन की लकड़ी में से चंदन का सुगन्धित तेल निकाला जाता है ।
- चीड़ के रस से टर्पेन्टाइन बनता है ।
- बाँस से टोकरी, बड़े टोकरे, खिलौने, चट्टाई तथा गृह सुशोभन की चीजें बनाने के गृह उद्योग का विकास होता है ।
- पलाश के पत्तों से पतल, दोने आदि बनते है ।
- टीमरू के पत्तों से बीड़ी और खैर की लकड़ी से कत्था बनता है ।
- सर्पगंधा, आँवला, संहिजन, हरड़े, बहेडा, शिंकोना आदि वनस्पतियाँ औषधी निर्माण में काम आती है ।
- ताड़ तथा खजूर के पत्तों से झाडू बनता है ।
- देवदार तथा चीड़ की लकड़ी से पेकिंग की पेटियाँ बनाई जाती है ।
- वनों से कुछ गौण उपजें गोंद, रबड, लाख, शहद, राल. रेशम. टर्पेन्टाईन. नेतर आदि प्राप्त होते है ।
- सुन्दर वन में होनेवाले सुन्दरी वृक्ष में से नौकाएँ बनाई जाती है ।
- वनों से अनेक प्रकार के फल-फूल प्राप्त होते है ।
पर्यावरणीय महत्त्व : - जंगल वर्षा लाने में सहायक होते हैं ।
- वातावरण को विषम बनाने से रोकते हैं ।
- प्राणदायी गैस ऑक्सिजन की पूर्ति करते हैं ।
- जंगल बाढ़ पर नियंत्रण करने में मदद करते हैं ।
- कार्बन डाइऑक्साइड जैसी हानिकारक गैस का शोषण करते हैं ।
- जंगल भूमि के कटाव को रोकते हैं ।
- जंगल भूमिगत जल को संरक्षित करते हैं ।
- जंगल मरूस्थलों को आगे बढ़ने से रोकते हैं ।
- वायुप्रदूषण कम करने में जंगल उपयोगी हैं ।
- जंगल प्राकृतिक सौंदर्य में वृद्धि करते हैं ।
- जंगल हवा को शुद्ध करते हैं ।
- वन्य जीव सृष्टि को प्राकृतिक आश्रय स्थल देते हैं ।
- जंगल साहसिक पर्यटन प्रवृत्ति के लिए आदर्श स्थल हैं ।
- राष्ट्रीय उद्यानों और अभायरण्यों के संदर्भ में कुछ जंगलों को आरक्षित घोषित किया गया है ।
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