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एक अचुम्बकित लोहे की कील एक दण्ड-चुम्बक की ओर आकर्षित होती है। इस आकर्षण बल की उत्पत्ति की व्याख्या कीजिए। कील को गतिज ऊर्जा कहाँ से मिलती है? |
| Answer» लोहे की कील दण्ड-चुम्बक के समीप लाये जाने पर प्रेरणा द्वारा चुम्बक बन जाती है। इसका चुम्बक के पास वाला सिरा विपरीत ध्रुव बनता है तथा चुम्बक की ओर आकर्षित हो जाता है। कील को गतिज ऊर्जा चुम्बक के चुम्बकीय क्षेत्र में संचित ऊर्जा से मिलती है। | |