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दिए गए चित्र में कोई समतलोत्तल लेंस (अपवर्तनांक 1.50) किसी समतल दर्पण के फलक पर किसी द्रव की परत के संपर्क में दर्शाया गया है। कोई छोटी सुई जिसकी नोंक मुख्य अक्ष पर है, अक्ष के अनुदिश ऊपर-नीचे गति कराकर इस प्रकार समायोजित की जाती है कि सुई की नोंक का उल्टा प्रतिबिंब सुई की स्थिति पर ही बने। इस स्थिति में सुई की लेंस से दूरी 45.0 सेमी. है। द्रव को हटाकर प्रयोग को दोहराया जाता है। नयी दूरी 30.0 सेमी. मापी जाती है। द्रव का अपवर्तनांक क्या है ? |
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Answer» द्रव की उपस्थिति में सुई तथा लेंस की दूरी, उत्तल लेंस तथा समतलोत्तल लेंस की फोकस दूरी के बराबर होगी। `therefore f=45 ` सेमी , `mu=1.5` द्रव की अनुपस्थिति में सुई की लेंस से दूरी, उत्तल लेंस की फोकस दूरी के बराबर होती है। `therefore f_1=30` सेमी माना `f_2` समतलोत्तल लेंस जो द्रव से निर्मित है । की फोकस दूरी है `therefore 1/(f_1)+1/(f_2)=1/f` `1/(f_2)=1/f-1/(f_1)=1/45-1/30` `1/(f_2)=(2-3)/90=(-1)/90` `f_2`=-90 सेमी लेंस निर्माण के सूत्र से `1/f=(mu-1)[1/R_1-1/R_2]` `1/f=(1.5-1)[1/R - 1/(-R)], [ because R_1=R_1R_2=-R]` `1/f=0.5[2/R]` `1/30=(0.5xx2)/R` R=30 सेमी |
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