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ब्रोमीन मोनोक्लोराइड `BrCI` विघटित होकर ब्रोमीन एवं क्लोरीन देता है तथा साम्य स्थापित होता है : `2BrCI(g)hArr Br_(2)(g)+CI(g)` इसके लिए `500K` पर `K_(c)=32` है। यदि प्रारम्भ में `BrCI` की सान्द्रता `3.3xx10^(-3)"mol"L^(-1)` हो तो साम्य पर मिश्रण में इसकी सान्द्रता क्या होगी ? |
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Answer» `2BrCI(g)hArr Br_(2)(g)+CI_(2)(g)` `{:("प्रारम्भ में सान्द्रत"("mol"L^(-1)),3.30xx10^(-3),-,-),("साम्यवस्था में सान्द्रता"("mol"L^(-1)),(3.30xx10^(-3)),(x)/(2),(x)/(2)):}` `K_(c)=([Br_(2)(g)][CI_(2)(g)])/([BrCI(g)]^(2))` या `31=((x)/(2)xx(x)/(2))/((3.30xx10^(-3)-x^(2)))` दोनों तरफ वर्गमूल लेने पर, `5.66=((x)/(2))/(3.30xx10^(-3)-x)=(x)/(2(3.30xx10^(-3)-x))` `0.037-11.32x=x` या `(1+11.32)x=0.037` या `x=(0.037)/(1+11.32)=3.0xx10^(-3)` `:.`BrCI की सायवस्था सान्द्रता `=3.30xx10^(-3)-x` `=3.30xx10^(-3)-3.0xx10^(-3)` `=3.0xx10^(-4)"mol"L^(-1)` |
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