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अपनी पीठ पर से महादेवी के गिरने पर रानी ऐसे निश्चल खड़ी हो गईं, जैसे ….(अ) कुछ हुआ ही न हो।।(ब) उसके पैर दौडना भूल गए हों।(क) वह पश्चात्ताप की प्रतिमा हो। |
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Answer» अपनी पीठ पर से महादेवी के गिरने पर रानी ऐसे निश्चल खड़ी हो गई, जैसे वह पश्चात्ताप की प्रतिमा हो। |
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