1.

अभिरकिया `CO_(g)+2H_(2)(g)hArrCH_(3)OH(g),DeltaH^(@)=-92KJ"mol"^(-1)` में साम्य पर `H_(2),CO` तथा `CH_(3)OH` की सांद्रताएँ स्थिर हो जाती है। क्या होगा यदि, (i) पात्र का आयतन अचानक से आधा कर दिया जाये , (ii) हाइड्रोजन का आंशिक दाब अचानक से दोगुना कर दिया जाये , (iii) तन्त्र में एक अक्रिय गैस मिलायी जाये ?

Answer» दी गयी अभिक्रिया के लिए,
`K_(c)=([CH_(3)OH(g)])/([CO(g)][H_(2)(g)]^(2))` तथा `K_(p)=(P_(CH_(3)OH))/(P_(CO)*P_(H_(2))^(2))`
(i) पात्र का आयतन अचानक से आधा कर देने पर प्रत्येक स्पीशीज की सांद्रता दोगुनी हो जाती है । इन परिस्थितियों में,
`Q_(c)=(2xx[CH_(3)OH(g)])/(2xx[CO(g)]xx{2xx[H_(2)(g)]^(2)})=(1)/(4)K_(c)`
चूँकि `Q_(c)ltK_(c)` साम्य अग्र दिशा में विथापित हो जाएगा तथा अधिक `CH_(3)OH` बनेगा ।
(ii) हाइड्रोजन का आंशिक दाब दोगुना करने पर,
`Q_(p)=(P_(CH_(3)OH))/(P_(CO)xx(xxP_(H_(2))^(2))=(1)/(4)K_(p)`
चूँकि `Q+(p)ltK_(p)` साम्य अग्र दिशा में विस्थापित हो जाएगा तथा अधिक `CH_(3)OH` बनेगा ।
(iii) स्थिर आयतन पर अक्रिय गैस मिलाने पर सभी स्पीशोजों की मोलर सांद्रता अपरिवर्तित रहती है, परिणामस्वरूप `` का मान भी अपरिवर्तित रहता है। अतः साम्यवस्था अप्रभावित रहती है।


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