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“या भाषा अध्यापनाया सा तस्याः माध्यमेनैव बोधनीया भवति।" अत्र कः भाषाशिक्षणविधिः प्रयुक्त भवति?1. परम्परागत विधिः2. प्रत्यक्ष विधिः3. पाठ्यपुस्तक विधिः4. भण्डारकर विधिः5.

Answer» Correct Answer - Option 2 : प्रत्यक्ष विधिः

प्रश्नानुवाद  जिस भाषा का अध्यापन करना है उसी माध्यम का उपयोग किया जाए तो बोधनीय होता है। इसमें कौनसी भाषा शिक्षणविधि प्रयुक्त है?

स्पष्टीकरण  इसमें प्रत्यक्ष भाषा शिक्षणविधि प्रयुक्त है।

"शिक्षणविधि" अर्थात् विषयवस्तु को छात्रों के सामने अच्छे तरीके से रखना जिससे शिक्षण में सफलता प्राप्त हो। भिन्न प्रकारों की शिक्षणविधि उपलब्ध है, जिसमें से एक "प्रत्यक्ष शिक्षणविधि" है। यह विधि लार्ड मैकाले के भारत आने के बाद प्रचलित थी एवं इसके प्रवर्तक वी. पी. वोकिल है।

प्रत्यक्ष विधि 

  1. संस्कृत शिक्षण की यह सर्वश्रेष्ठ विधि है।
  2. इस विधि में मातृभाषा का प्रयोग वर्जित है।
  3. इस विधि का आधार अनुकरण है।
  4. मातृभाषा को इस विधि में बाधक न बनाने के कारण इस विधि क् निर्बाध या सुगम विधि भी कहते है।
  5. इस विधि का मुख्य उद्देश्य है  जिस भाषा का अध्यापन कर रहे है उसी माध्यम की भाषा में अध्यापन कराना।

अतः स्पष्ट होता है कि, जिस भाषा का अध्यापन करना है उसी माध्यम का उपयोग किया जाए तो बोधनीय होता है। इसमें प्रत्यक्ष भाषा शिक्षणविधि प्रयुक्त है।

अन्य विकल्प →

  • परम्परागत विधि  पाठशाला विधि को परंपरागत विधि कहते है। इसका प्रमुख उद्देश्य है - ज्ञान हृदयंगम करना। इसमें कण्ठस्थीकरण पर जोर दिया जाता है।
  • पाठ्यपुस्तक विधि  यह विधि कौशलों पर निर्भर करती है। इसका प्रमुख उद्देश्य है - यदि छात्र विद्यालय न आ सके तो छात्र स्वयं अध्ययन कर सके।
  • भण्डारकर विधि  यह एक व्याकरणानुवाद विधि है। मातृभाषा का दुसरे विषय में अनुवाद करने के लिए यह विधि काम में ली जाती है।


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