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व्यक्ति के चिन्तन पर अन्य व्यक्तियों के सुझावों का क्या प्रभाव पड़ता है? संक्षेप में बताइए। |
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Answer» तटस्थ चिन्तन मूल रूप से एक व्यक्तिगत प्रक्रिया है तथा व्यक्ति स्वयं ही इस प्रक्रिया को चलाता है, परन्तु कुछ दशाओं में अन्य व्यक्ति भी अपने-अपने सुझाव प्रस्तुत करने लगते हैं। अन्य व्यक्तियों द्वारा दिये गये सुझाव निश्चित रूप से व्यक्ति के चिन्तन को प्रभावित करते हैं तथा प्राय: उसे पर प्रतिकूल प्रभाव ही डालते हैं। अन्य व्यक्तियों के सुझावों को स्वीकार करने पर व्यक्ति का चिन्तन तटस्थ न रहकर पक्षपातपूर्ण हो जाता है। यहाँ यह स्पष्ट कर देना आवश्यक है कि किसी भी गम्भीर विषय पर चिन्तन करते समय व्यक्तियों के सुझाव तो आमन्त्रित किये जा सकते हैं, परन्तु उन्हें ज्यों-का-त्यों बिना सोचे-समझे स्वीकार नहीं कर लेना चाहिए। |
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