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वाक्यमिदं संशोधयत - नगरेण परितः क्षेत्राणि सन्ति -1. नगरस्य परितः क्षेत्राणि सन्ति2. नगरात् परितः क्षेत्राणि सन्ति3. नगरं परितः क्षेत्राणि सन्ति4. नगराय परितः क्षेत्राणि सन्ति5.

Answer» Correct Answer - Option 3 : नगरं परितः क्षेत्राणि सन्ति

प्रश्नानुवाद  यह वाक्य संशोधित करें - "नगरेण परितः क्षेत्राणि सन्ति" (नगर से चारों ओर खेत हैं।)

स्पष्टीकरण  

दिये गये विकल्पों में नगरं परितः क्षेत्राणि सन्ति अर्थात् नगर के चारों ओर बहुत क्षेत्र है। सही उत्तर है।

  • संस्कृत व्याकरण में यदि किसी पद विशेष (अव्यय​) के योग में विशिष्ट विभक्ति का प्रयोग करते हैं तो उसे "उपपद विभक्ति" कहते हैं। कभी-कभी कारक चिन्हों के अनुसार विभक्ति न लगकर, कुछ विशेष अर्थों या अव्ययों के योग में जो विभक्ति होती है, वह उपपद विभक्ति है।
  • यहाँ नगर के चारों ओर खेत है। कारक चिन्ह के अनुसार षष्ठी होनी चाहिए। किन्तु परितः अव्यय पद के योग में यहाँ द्वितीया विभक्ति लगेगी।
  • परितः अर्थात् चारों ओर​। "अभितःपरितःसमयानिकषाहाप्रतियोगेषु च दृश्यते" इस उक्ति के अनुसार परितः, अभितः, समया, निकषा इन अव्ययों के योग में द्वितीया विभक्ति का प्रयोग होता है।
    • उदाहरण → ग्रामं परितः नदी वहति। (गाँव के चारों ओर नदी बहती है।)

    • लंकां परितः समुद्रः अस्ति। (लंका के चारों ओर समुद्र है।)

    • देवालयं परितः वनम् अस्ति। (देवालय के चारों ओर वन है।)

  • प्रस्तुत नियम को देखते हुए यह समझा जा सकता है कि, उपरोक्त वाक्य में नगर प्रातिपदिक की तृतीया विभक्ति - नगरेण योजित है जो अनुचित है। नगर प्रातिपदिक की द्वितीया विभक्ति - नगरं योजित होनी चाहिए।

 

अतः स्पष्ट होता है कि नगरं परितः क्षेत्राणि सन्ति अर्थात् नगर के चारों ओर बहुत क्षेत्र है यह उत्तर उचित है।

अन्य विकल्प →  

  • नगरस्य परितः क्षेत्राणि सन्ति  इस वाक्य में षष्ठी विभक्ति प्रयुक्त है।
  • नगरात् परितः क्षेत्राणि सन्ति  इस वाक्य में पंचमी विभक्ति प्रयुक्त है।
  • नगराय परितः क्षेत्राणि सन्ति  इस वाक्य में चतुर्थी विभक्ति प्रयुक्त है। (ये तीनों ही विकल्प अनुचित है।)


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