Saved Bookmarks
| 1. |
तुम भारत, हम भारतीय हैं, तू माता हम बेटे किसकी हिम्मत है कि तुम्हें दुस्ता दृष्टि से देखे। ओ माता, तुम एक अरब से अधिक भुजाओं वाली सबकी रक्षा में तुम सक्षम हो अदम्य बलशाली। भाषा, देश, प्रदेश भिन्न है, फिर भी भाई-भाई, भारत की साझी संस्कृति में पलते भारतवासी सुदिनों में हम एक साथ हँसते, गाते, सोते हैं, दुर्दिन में भी साथ-साथ जागते, पौरुष धोते हैं। तुम हो शस्य श्यामला, खेतों में तुम लहराती हो, प्रकृति प्राणमयी साम-गानमयी, तुम न किसे भाती हो। तुम न अगर होती तो धरती वसुधा क्यों कहलाती? गंगा कहाँ बहा करती, गीता क्यों गाई जाती? |
|
Answer» प्रश्न- (क) साझी संस्कृति का क्या भाव है? (ख) भारत को अदम्य बलशाली क्यों कहा गया है? (ग) सुख-दुःख के दिनों में भारतीयों का परस्पर सहयोग कैसा होता है? (घ) साम-गानमयी का क्या तात्पर्य है? (ङ) ‘ओ माता, तुम एक अर्ब से अधिक भुजाओं वाली’ में कौन-सा अलंकार है? उत्तर- (क) भाषा, वेश, प्रदेश भिन्न होते हुए भी सभी के सुख-दुःख एक हैं। (ख) भारतीय की एक अर्ब से अधिक जनता अपनी मजबूत भुजाओं से सबकी सुरक्षा करने में समर्थ है। (ग) भारतीयों का व्यवहार आपसी सहयोग और अपनेपन से भरा है सब संग-संग हँसते-गाते हैं और संग-संग कठिनाइयों से जूझते हैं। (घ) सुमधुर संगीत से युक्त। (ङ) रूपक। |
|