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सर्वदा सर्व-कार्येषु, नास्ति तेषाम् अमंगलम्। येषाम् हृदिस्थो भगवान्, मंगलायतनो हरिः।।1।। सर्वव्यापक! सर्वज्ञ! सर्व-शक्ति-समन्वित!। अतिसुन्दर! देवेश! नमस्ते जगदीश्वर!।।2।। मूकम् करोति वाचालम्, पंगुं लंघयते गिरिम्। यत्कृपा, तमहम् वन्दे, परमानन्द-माधवम्।।3।। एक ईश: पिताऽस्माकम्, एकैव जननी धरा। सादरं प्रणमामस्तौ, वयं 'सर्वे सहोदरा:।।4।। translate in Hindi |
| Answer» TION:सर्वदा सर्व-कार्येषु, नास्ति तेषाम् अमंगलम्। येषाम् हृदिस्थो भगवान्, मंगलायतनो हरिः।।1।। सर्वव्यापक! सर्वज्ञ! सर्व-शक्ति-समन्वित!। अतिसुन्दर! देवेश! नमस्ते जगदीश्वर!।।2।। मूकम् करोति वाचालम्, पंगुं लंघयते गिरिम्। यत्कृपा, तमहम् वन्दे, परमानन्द-माधवम्।।3।। एक ईश: पिताऽस्माकम्, एकैव जननी धरा। सादरं प्रणमामस्तौ, वयं 'सर्वे सहोदरा:।।4।। TRANSLATE in HINDI | |