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संपीडित गैस की आन्तरिक ऊर्जा उसी ताप पर विरलित गैस की आन्तरिक ऊर्जा से कम होती है, क्यो? |
| Answer» क्योंकि संपाडित गैस में अणु पास-पास होने के कारण उनके बीच अन्तरा-अणुक बल प्रभावशालो हो जाते हैं जिससे ऋणात्मक स्थितिज ऊर्जा बढ़ जाती है। | |