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सिनेमा की रील फिल्म में सभी लोग स्वाभाविक रूप से चलते-फिरते वयों दिखाई देते हैं, जबाक वास्तिव में वे स्थिर ही होते हैं। |
| Answer» मनुष्य की आँख में यह गुण है कि रेटिना पर बने बिम्ब की संवेदना पक सेकण्ड के सोलहव भाग तक बना रहती है यदि इस वेग से जल्दी-जल्दी एक-सी तस्वीरें आँख के सामने से गजारी जाएँ, तो वे चलती फिरती और सहज रूप से गति करती प्रतीत होती हैं। सिनेमा की रील फिल्म में एक सेकण्ड में 24 या इससे आधिक तस्वीरें ली जाती हैं और जब उन्हें आँख के सामने से गुजारते हैं तो वे चलती-फिरती दिखायी देता है। | |