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सही विकल्प का चयन कीजिए - (i) यदि स्थितिज ऊर्जा का शून्य अन्नत पर है ,तो कक्षा में परिक्रमा करते किसी उपग्रह की कुल ऊर्जा इसकी गतिज/स्थितिज ऊर्जा का ऋणात्मक है । कक्षा में परिक्रमा करने वाले किसी उपग्रह को पृथ्वी के गुरुत्वीय प्रभाव से बाहर निकालने के लिए आवश्यक ऊर्जा समान ऊँचाई (जितनी उपग्रह की है ) किसी स्थिर पिण्ड को पृथ्वी के प्रभाव से बाहर प्रक्षेपित करने के लिए आवयश्क ऊर्जा से अधिक/कम होती है । |
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Answer» (i) उपग्रह की स्थितिज ऊर्जा `U=(-GMm)/(r )` उपग्रह की गतिज ऊर्जा `K=(GMm)/(2r)` कुल ऊर्जा `E=U+K=(-GMm)/(r )+(GMm)/(2r)=(GMm)/(2r)=-K` अर्थात गतिज ऊर्जा का ऋणात्मक है । (ii) कक्षा में परिक्रमा करने वाले किसी उपग्रह को पृथ्वी के गुरुत्वीय बल प्रभाव से बाहर निकालने के लिए आवश्यक ऊर्जा सामान ऊँचाई के किसी स्थिर पिण्ड को पृथ्वी के प्रभाव से बाहर प्रक्षेपित करने के लिए आवश्यक ऊर्जा से कम होती है , क्योंकि उपग्रह की इस स्थिति में पृथ्वी का गुरुत्वीय प्रभाव इसके अभिकेन्द्र बल से सन्तुलित होता है इसलिए कार्य केवल उपग्रह को प्रक्षेपित करने के लिए किया जाता है (गुरुत्व बल के विरुद्ध कोई कार्य नहीं किया जाता है )। |
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