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साने गरणी तिक्ष्यालय सोलपरसत्य तिकीटाहोत्सत संपन्नतेललीवाजताप्रमुख पाहुणे मा सो अपनीअध्यक्ष श्री रोबितेडतीले ती च्या सर्व विदयार्थाचसहमाग• ती कवायतीचे पकारफोर साहल्यावर मारत नृत्य प्रकारमलखालाचे प्रकारले लहामिनत्य• बक्षीस समर्मामा |
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Answer» hi Explanation: भारत में नृत्य की परंपरा प्राचीन समय से रही है| हड़प्पा सभ्यता की खुदाई से नृत्य करती हुई लड़की की मूर्ति पाई गई है, जिससे साबित होता है कि उस काल में भी नृत्यकला का विकास हो चुका था| भरत मुनि का नाट्य शास्त्र भारतीय नृत्यकला का सबसे प्रथम व प्रामाणिक ग्रंथ माना जाता है| इसको पंचवेद भी कहा जाता है| please MARK me as the BRAINLIEST |
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