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रुपये का बाज़ारमूल्य घटना, अवमूल्यन होना, रुपये का बाज़ारमूल्य बढ़ना और अधिक मूल्य होना – इन चारों के बीच अंतर उदाहरण सहित समझाइए । |
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Answer» रुपये का बाज़ार मूल्य : जब भारत देश के लिए रुपये की दर अर्थात् विदेशी चलन की इकाई अपने देश के चलन में व्यक्त होती हो तो उस कीमत अर्थात् कि विदेशी चलन की एक इकाई खरीदने के लिए अपने देश की चलन जितनी इकाई चुकानी पडे वह कीमत । जैसे : US $ = रु. 60 का विनिमय दर का अर्थ ऐसा हो कि US $ 1 खरीदने के लिए भारतीय नागरिक को रु. 60 चुकाने पड़ते है । रुपये का अवमूल्यन होना : रुपये की कीमत जब कम होती है जब अत्यधिक कम हो जाती है । तब देश की सरकार विदेश व्यापार को स्थिर करने के लिए रुपये का अवमूल्यन करती है । अर्थात् गिरते रुपये की दर सरकार पुनः निर्धारित करती है । रुपये मूल्य बढ़ना और अधिकमूल्य होना : जब भारत के लिए विदेशी विनिमय दर नीची हो तब रु. का मूल्य बढ़ता है । अर्थात् विदेशी चलन की एक इकाई खरीदने के लिए कम रुपये चुकाने पडेंगे अर्थात् कि विदेशी चलन की कीमत कम हुयी और भारत के रुपये का मूल्य अधिक हुआ । पहले US $1 = रु. 65 |
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