Home
About Us
Contact Us
Bookmark
Saved Bookmarks
Current Affairs
General Knowledge
Chemical Engineering
UPSEE
BSNL
ISRO
BITSAT
Amazon
ORACLE
Verbal Ability
→
General Awareness
→
IIT JEE in General Awareness
→
पृथ्वी के समीप परिक्रमण करने वाले उपग्रह का वेग तथ...
1.
पृथ्वी के समीप परिक्रमण करने वाले उपग्रह का वेग तथा परिक्रमण - काल बताइए |
Answer» `~~ 8 ` किमी / सेकण्ड , `~~84 ` मिनट |
Show Answer
Discussion
No Comment Found
Post Comment
Related InterviewSolutions
पृथ्वी (त्रिज्या ` 6.4 xx 10 ^(6) ` मीटर ) की कक्षा में घूमते हुए एक उपग्रह की ओर एक मिसाइल पृथ्वी - तल से त्रिज्यतः छोड़ी जाती है | जिस बिन्दु से मिसाइल छोड़ी गई, उस बिन्दु से उपग्रह ठीक ऊर्ध्वाधर ऊपर स्थित प्रतीति होता है | पृथ्वी के केंद्र से उपग्रह की दुरी `25.4 xx 10 ^(6) ` मीटर है | क्या मिसाइल वास्तव में उपग्रह से टकराएगी ?
एक कृत्रिम उपग्रह जो कि पृथ्वी के परितः निरक्षीय तल में (coplanar with equator ) चक्कर लगा रहा है, पृथ्वी पर खड़े प्रेक्षक को आकाश में स्थिर दिखाई पड़ रहा है | उपग्रह की पृथ्वी से ऊँचाई ज्ञात कीजिए | ` g = 9.80 ` मीटर/सेकण्ड `""^(2 )` तथा ` R_e = 6.37 xx 10 ^(6) ` मीटर |
एक उपग्रह, जिसका द्रव्यमान m है, पृथ्वी - तल से h ऊँचाई पर पृथ्वी की परिक्रमा कर रहा है | यदि पृथ्वी की त्रिज्या ` R_e ` है तथा उसके पृष्ठ पर गुरुत्वीय त्वरण का मान g है तो उपग्रह की कुल ऊर्जा होगी :A. ` - ( 2mg R_e^(2))/((R_e +h)) `B. `(mgR_e^(2))/(2(R_e + h)) `C. ` - (mg R_e^(2))/( 2 ( R_e + h)) `D. ` (mg R_e^(2))/((R_e + h )) `
कृत्रिम उपग्रह पृथ्वी के चारों ओर अपनी कक्षा में बिना कोई ईंधन खर्च किये चक्कर लगाता है । परन्तु एक वायुयान को एक निश्चित ऊँचाई पर ही उड़ते रहने के लिए ईंधन चाहिये, ऐसा क्यों ?
R किमी त्रिज्या की वृत्तीय कक्षा में घूम रहे उपग्रह का परिक्रमण - काल 1 घण्टा है | 4R किमी त्रिज्या की वृत्तीय कक्षा में घूम रहे एक अन्य उपग्रह का परिक्रमण - काल क्या होगा ?
एक उपग्रह 8000 किमी की त्रिज्या की वृत्तीय कक्षा में पृथ्वी के परितः चक्कर लगा रहा है | इस उपग्रह को कक्षा में किस वेग से प्रक्षेपित किया जाना चाहिए ? इसका परिक्रमण - काल क्यों होगा ? `(g = 9.8` मीटर /सेकण्ड `""^(2 ) `, पृथ्वी की त्रिज्या = 6400 किमी )
एक उपग्रह पृथ्वी ( त्रिज्या ` R_e ` ) के अति समीप वृत्तीय कक्षा में परिक्रमण कर रहा है | इसका कक्षीय वेग है :A. ` sqrt(R_e g ) `B. ` sqrt ( 2 R_e g )`C. ` sqrt ( R _e g //2) `D. `( R_e g ) ^(2) `
पृथ्वी की सूर्य से औसत दूरी ` 1.5 xx 10^(11) ` मीटर तथा परिक्रमण - काल `365.4 ` दिन है | यदि किसी अन्य ग्रह का परिक्रमण - काल `730.8` दिन हो, तो सूर्य से दूरी होगी (मीटर में ) :A. ` 4 ^( (1)/(3) ) xx 1.5 xx 10 ^( 11) `B. ` 2 ^((1)/(3)) xx 1.5 xx 10 ^( 11 ) `C. ` sqrt 8 xx 1.5 xx 10 ^(11) `D. ` sqrt2 xx 1.5 xx 10 ^(11) `
एक भू - स्थैतिक उपग्रह पृथ्वी - तल से ` 6 R _ e(R_e ` पृथ्वी की त्रिज्या है ) की ऊँचाई पर पृथ्वी की परिक्रमा कर रहा है | एक - दूसरे उपग्रह का परिक्रमण - काल , जो पृथ्वी - तल से `2.5 R_e ` की ऊँचाई पर परिक्रमा का रहा है, होगा :A. 10 घण्टेB. ` ( 5 sqrt5)/(sqrt3) ` घण्टेC. ` 6 sqrt2 ` घण्टेD. ` 5sqrt5 ` घण्टे |
एक उपग्रह पृथ्वी - तल से 2620 किमी की दूरी पर वृत्तीय कक्षा में घूम रहा है | उपग्रह के कक्षीय वेग तथा परिक्रमण - काल की गणना कीजिए | पृथ्वी की त्रिज्या = 6380 किमी, पृथ्वी का द्रव्यमान ` = 6 xx 10 ^(24) ` किग्रा तथा ` G = 6.67 xx 10 ^(-11) ` न्यूटन - मीटर `""^(2)//` किग्रा `""^(2) ` |
Reply to Comment
×
Name
*
Email
*
Comment
*
Submit Reply
Your experience on this site will be improved by allowing cookies. Read
Cookie Policy
Reject
Allow cookies