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निदानात्मकपरीक्षणोपरान्ते बालकस्य न्यूनतापरिष्काराय शिक्षकः विशिष्टं शिक्षणं कारयति, तस्य नाम किम् ?1. निदानात्मक शिक्षणम्2. सामान्य शिक्षणम्3. उपचारात्मक शिक्षणम्4. मिश्रित शिक्षणम्5.

Answer» Correct Answer - Option 3 : उपचारात्मक शिक्षणम्

प्रश्नानुवाद → निदानात्मक परीक्षण के बाद बालक की कमीयाँ दूर करने के लिए शिक्षक विशिष्ट शिक्षण देते है, उसका क्या नाम है?

स्पष्टीकरण  निदानात्मक परीक्षण के बाद बालक की कमीयाँ दूर करने के लिए शिक्षक विशिष्ट शिक्षण देते है, उसका नाम है  उपचारात्मक शिक्षण।

  1. आधुनिक शिक्षण में "निदानात्मक परीक्षण एवं उपचारात्मक शिक्षण" यह प्रयोग उन छात्रों के लिए लाभकारी है, जो अध्ययन में अपेक्षित प्रगति नही कर पाते है।
  2. निदानात्मक परीक्षणद्वारा बालकों की अधिगमसंबंधी के समस्याओं के विषय में पता चल जाता है।
  3. उपचारात्मक शिक्षण में समुचित शिक्षण प्रक्रियाद्वारा समस्याओं को दूर करने का प्रयास किया जाता है, जिससे छात्र अधिगमप्रक्रिया में प्रगति करने के लिए सुअवसर मिले।
  4. इससे छात्रों की हीनभावना दूर होती है, आगे बढने की प्रेरणा मिलती है एवं उनके व्यक्तित्व का विकास होने में सहायता प्राप्त होती है।
  5. शिक्षण की यह पद्धति शिक्षण प्रक्रिया को प्रभावशाली और प्रत्येक छात्र के लिए रुचिकर एवं अर्थपूर्ण बनाती है।

अतः स्पष्ट होता है कि, निदानात्मक परीक्षण के बाद बालक की कमीयाँ दूर करने के लिए शिक्षक विशिष्ट शिक्षण देते है, उसका नाम है उपचारात्मक शिक्षण।

अन्य विकल्प 

  • निदानात्मक शिक्षण  निदानात्मक शिक्षण एक ऐसी प्रक्रिया को संदर्भित करता है जो छात्रों को उनके काम में गलत धारणाओं का पता लगाने, समझने और उन्हें ठीक करने में सक्षम बनाता है।
  • सामान्य शिक्षण  सामान्य प्रकार का शिक्षण​
  • मिश्रित शिक्षण  दो या दो से अधिक भिन्न प्रकार के शिक्षणों का मिश्रण​।


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