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नागरिकता प्राप्त करने के सन्दर्भ में जन्म-स्थान के सिद्धान्त का विवरण दीजिए। |
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Answer» इस सिद्धान्त के अनुसार बालक की नागरिकता उसके जन्मस्थान के आधार पर निश्चित की जाती है। उदाहरणार्थ, यदि भारत के किसी नागरिक का बच्चा अर्जेण्टाइना की भूमि पर जन्म लेता है। तो वह बच्चा वहाँ का नागरिक माना जाएगा। लेकिन इसके विपरीत, यदि अर्जेण्टाइन के नागरिक का बच्चा भारत- भूमि पर अथवा अन्य किसी राज्य में जन्म लेता है तो वह स्वदेश की नागरिकता से वंचित रह जाएगा। यद्यपि यह सिद्धान्त अर्जेण्टाइना में प्रचलित है, लेकिन वहाँ की अपेक्षा यह इंग्लैण्ड में अधिक व्यापक है। वहाँ तो कोई बच्चा यदि इंग्लैण्ड के जहाज में भी पैदा होता है तो वह इंग्लैण्ड का नागरिक माना जाता है। इस सिद्धान्त का सबसे बड़ा दोष यह है कि कोई दम्पति विश्व-भ्रमण के लिए निकले तो हो सकता है। कि उसकी एक सन्तान जापान में हो, दूसरी भारत में तथा तीसरी संयुक्त राज्य अमेरिका में। ऐसी दशा में जन्म-स्थान नियम के अनुसार तीनों बच्चे अलग-अलग देशों के नागरिक होंगे तथा उन्हें अपने माता-पिता के देश की नागरिकता प्राप्त नहीं होगी। |
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