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N में `a**b=(a+b)/(2)` द्वारा परिभाषित संक्रिया `*...
1.
N में `a**b=(a+b)/(2)` द्वारा परिभाषित संक्रिया `**`
Answer» Correct Answer - नहीं `3 in N, 4 in N` परन्तु ` (3+4)/(2)=(7)/(2) ne N`
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मान लीजिए की `P` किसी पदत्त समच्चय X के समस्त उपसमुच्चयों का समुच्चय है। सिद्ध कीजिए की `uu: Pxx P to P, (A,B) to A uu B` द्वारा प्रदत्त तथा `nn: P xx P to P, (A,B) to A uu B` द्वारा परिभाषित फलन P में द्विआधारी संक्रियाएँ है।
किसी प्रदत्त अतिरिक्त समुच्चक X के लिए `**: P (X) xx P(X) to P(X),` माना `**: P(X) xx P(X) to P(X)`, जहाँ `A**B=(A-B) uu (B-A) AA,B in P(X)` द्वारा परिभाषित है। सिद्ध कीजिए की रिक्त समुच्चय `phi` संक्रिया, `**` का तत्समक है तथा P(X) के समस्त अवयव A व्युत्क्रमणीय है।
यदि द्विआधारी `**` धनात्मक वास्तविक संख्याओं के समुच्चय `R^(+)` के इस प्रकार परिभाषित है की `a**b=(ab)/(5)AA a, b in R^(+) . R^(+)` में तत्समक अवयव और प्रतिलोम अवयव ज्ञात कीजिए।
माना परिमेय संख्याओं के समुच्चय `Q`में एक द्विआधारी संख्या `**` इस प्रकार परिभाषित है की `a**b=a-b+ab+AA, a b in Q` इस संक्रिया के क्रम विनिमेयता और साहचर्यता की विवेचना कीजिए।
निम्नलिखित में सत्य कथन है-A. Z में परिभाषित संक्रिया `a**b=(a+b)/(2)` द्विआधारी है।B. Q में परिभाषित संक्रिया `a**b=(a+b)/(2)` द्विआधारी है।C. सभी द्विआधारी क्रमविनिमेय संक्रिया साहचर्य है।D. N में व्यकलन द्विआधारी संक्रिया है।
यदि द्विआधारी संक्रिया `**` जहाँ `a**b=a^(2)+b^(2)+ab+1,` तब `(2**3)**2:`A. 20B. 40C. 400D. 445
`a**b=a^(3)+b^(3)` प्रकार से परिभाषित `N` में के द्विआधारी संक्रिया है-A. `**` साहचर्य और क्रमविनिमेय दोनों हैB. `**` क्रमविनिमेय पंरतु साहचर्य नहींC. `**` साहचर्य पंरतु क्रमविनिमेय नहींD. `**` न साहचर्य न क्रमविनिमेय
`a**b=|a-b|` तथा `aob=a AA a, b in R` द्वारा परिभाषित द्विआधिकार संक्रियाओं `** : R xx R to R` तथा `o : R xx R to R` पर विचार कीजिए। सिद्ध कीजिए की `**` क्रमविनिमेय है परन्तु साहचर्य नहीं है, o साहचर्य है परन्तु क्रमविनिमेय नहीं है। पुनः सिद्ध कीजिए की सभी `a, b c in R` के लिए `a**(boc)=(a**b)0(a**b)` है। दर्शाइए की संक्रिया `**` संक्रिया o पर वितरित (Distributes) होती है। क्या o संक्रिया `**` पर वितरित होती है ? अपने उत्तर का औचित्य भी बताइए।
पूर्णांक का व्याक्लन है-A. क्रमविनिमेय पंरतु साहचर्य नहींB. साहचर्य और क्रमविनिमेय दोनोंC. साहचर्य पंरतु क्रमविनिमेय नहींD. न साहचर्य न क्रमविनिमेय
यदि द्विआधारी संक्रिया शून्येतर वास्तविक संख्याओं के समुच्च में इस प्रकार परिभाषित है की- `a**b=(ab)/(5)AA, a b in R-{0}` समीकरण `2**(x**5)=10` में x का मान ज्ञात कीजिए।
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