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मनोवैज्ञानिक परीक्षणों तथा सामान्य परीक्षाओं में क्या अन्तर है?

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मनोवैज्ञानिक परीक्षण तथा शिक्षण-संस्थाओं द्वारा संचालित सामान्य परीक्षाओं में स्पष्ट अन्तर है। मनोवैज्ञानिक परीक्षण का उद्देश्य व्यक्ति की अभिवृत्तियों, क्षमताओं, रुचियों तथा व्यक्तित्व के लक्षणों को मापना है। इससे भिन्न शैक्षणिक परीक्षाओं का उद्देश्य किसी विशेष परिस्थिति में सिखाये गये ज्ञान या कौशल का मापना है। मनोवैज्ञानिक के पद पाठ्य-विषयों अर्थात् पाठ्यक्रम “पद” (Items) सामान्य जीवन से जुड़े होते हैं। इससे भिन्न शैक्षणिक परीक्षाओं के पद पाठ्य-विषयों अर्थात् पाठ्यक्रम पर आधारित होते हैं। इस प्रकार मनोवैज्ञानिक परीक्षण का क्षेत्र अनिश्चित, किन्तु व्यापक होता है तथा शैक्षिक परीक्षा का क्षेत्र अपेक्षाकृत निश्चित तथा सीमित होता है।



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