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L-C परिपथ में दोलन क्यों अवमंदित होते हैं? ट्रांजिस्टर के रूप में इनका दोलन आयाम कैसे नियत रखा जाता है ? |
| Answer» L-C परिपथ में सर्वप्रथम संधारित्र आवेशित होता है और फिर प्रेरकत्व द्वारा विसर्जित होता है। संधारित्र की विद्युत- ऊर्जा प्रेरकत्व की चुम्बकीय ऊर्जा में तथा प्रेरकत्व की चुम्बकीय ऊर्जा संधारित्र की विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित होती रहती है। परिपथ के प्रतिरोध के कारण दोलन का आयाम लगातार घटता जाता है। दोलन आयाम को नियत रखने के लिए ऊर्जा में क्षति की पूर्ति ट्रांजिस्टर की सहायता से उसके साथ लगे दिष्ट धारा स्रोत से की जाती है। | |