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क्या यह संम्भव है कि किसी पिण्ड में संवेग न हो पर ऊर्जा हो तथा किसी पिण्ड ऊर्जा हो पर संवेग न हो ? |
| Answer» हाँ, किसी वस्तु में उसके अणुओं के ऊष्मीय विक्षोभ (thermal agitation ) के कारण आंतरिक ऊर्जा हो सकती है। अब चूँकि ऊर्जा के आदिश राशि है अतः यदि यह ऊर्जा अनियमित रूप से भी विपरीत हो, तो भी निकाय की संपूर्ण ऊर्जा में प्रत्येक अनु की व्यक्तिगत ऊर्जा का योग ही होगा जबकि संवेग एक सदिश राशि है। अतः यदि निकाय के भिन्न-भिन्न अणुओं के संवेग भिन्न-भिन्न दिशाओं में निर्दिष्ट हो, तो उनका सदिश योग शून्य भिन्न-भिन्न दिशाओं में निर्दिष्ट हो, तो उनका सदिश योग शून्य हो सकता है। दूसरी तरफ यदि वस्तु में संवेग है, तो उसमे ऊर्जा न हो ऐसा संम्भव नहीं । यदि और किसी ऊर्जा पर विचार न भी करे, तो वस्तु में गतिज ऊर्जा तो अवश्य ही होगी। | |