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क्या लॉटरी विधि सदैव एक यादृच्छिक प्रतिदर्श देती है? बताइए।

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लॉटरी विधि द्वारा हमेशा यादृच्छिक का प्रतिचयन ही प्राप्त होता है। इस विधि में प्रत्येक इकाई को शामिल किया जाता है। समग्र की सभी इकाइयों की पर्चियाँ अथवा गोलियाँ बना ली जाती हैं और उन पर्चियों को एक डिब्बे में डाल दिया जाता है। फिर किसी निष्पक्ष व्यक्ति द्वारा अथवा स्वयं आँखें बंद करके उतनी ही पर्चियाँ या गोलियाँ उठा ली जाती हैं जितनी इकाइयाँ प्रतिचयन में शामिल करनी होती हैं। प्रतिचयन की इकाइयों के निष्पक्ष चुनाव के लिए यह आवश्यक है कि सभी पर्चियाँ या गोलियाँ एक-सी बनाई जाएँ, उनका आकार एवं रूप एकसमान हो तथा छाँटने से पूर्व उन्हें हिला-मिला लिया जाए। इस प्रकार इस प्रणाली में प्रत्येक इकाई के चुनाव की समान सम्भावना रहती है।



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